शंकराचार्य ने देश को एक सूत्र में बांधा तथा दिया सामाजिक समरसता का संदेश – प्रभारी मंत्री

रीवा जिले में एकात्म यात्रा 19 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक आयोजित की जा रही है। इसका शुभारम्भ 19 दिसम्बर को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। एकात्म यात्रा की तैयारियों के क्रम में आदि गुरू शंकराचार्य के स्त्रोतों का गायन का कार्यक्रम शासकीय मार्तण्ड उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रीवा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिले के प्रभारी मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा मंत्री जनसंपर्क एवं जलसंसाधन ने किया। इस अवसर उन्होंने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य ने देश को एक सूत्र में बांधकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। उन्होंने अपने प्रखर ज्ञान से देश में फैले आडम्बरों को नष्ट कर युग चेतना का प्रवर्तन किया। देश के चारों कोनों में पीठों की स्थापना कर देश को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बांधा। आदि गुरू शंकराचार्य के ज्ञान और दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने तथा ओंकारेश्वर में उनकी प्रतिमा के निर्माण के लिए धातु संग्रहण के उद्देश्य से एकात्म यात्रा निकाली जा रही है।
प्रभारी मंत्री श्री मिश्र ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य प्रदेश के जिन क्षेत्रों में गये थे उनसे ही एकात्म यात्रा का शुभारंभ किया जा रहा है। इस यात्रा का नेतृत्व संतजन करेंगे। एकात्म यात्रा के लिये शासक, प्रशासक और उपासक एक मंच पर एकत्रित होकर इसके सफल आयोजन हेतु प्रयास कर रहे हैं। मानव को संतों का आशीर्वाद मिलना सौभाग्य की बात होती है। हमारी पूरी एकात्म यात्रा संतों के मार्गदर्शन में हो रही है। मुख्यमंत्री जी ने नर्मदा सेवा यात्रा के समय ही आदि गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा के निर्माण का संकल्प लिया था। इस संकल्प को पूरा करने के लिये ही एकात्म यात्रा आयोजित की जा रही है। मुख्यमंत्री जी ने नर्मदा सेवा यात्रा तथा एकात्म यात्रा जैसे संकल्पों के द्वारा वसुधैब कुटुम्बकम की अवधारणा को स्थापित किया है। उन्होंने आम जनता से एकात्म यात्रा में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
समारोह में रीवा से निकलने वाली एकात्म यात्रा का नेतृत्व कर रहे संत महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद अध्यक्ष कार्यपरिषद मध्यप्रदेश गौपालन संवर्धन बोर्ड ने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य ने 32 वर्ष की अल्प आयु में देश को आध्यात्मिक चेतना दी। उनके प्रखर ज्ञान और आध्यात्मिक शक्तियों के कारण देश को नई दिशा मिली। उन्होंने अपने ज्ञान के आलोक से पूरे विश्व को प्रकाशित किया। शंकराचार्य जी के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से ही एकात्म यात्रा प्रारंभ की जा रही है। इसमें प्रत्येक गांव तथा नगर से छोटे से तांबे के पात्र में मिट्टी लेकर उसे एकात्म यात्रियों को सौंपा जायेगा। इस पात्र को यात्रा के समापन पर ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण के प्रदान किया जायेगा।
समारोह में सांसद श्री जनार्दन मिश्रा ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य ने कुछ माह विंध्य क्षेत्र में बिताये थे उसी का प्रताप है कि रीवा प्रकाश पुंज बनकर उभर रहा है। शंकराचार्य जी के विचारों को नयी पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है। समारोह में पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री प्रदीप पटेल ने उपस्थितों को एकात्म यात्रा का संकल्प दिलाया। समारोह में स्थानीय कलाकारों तथा संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा शंकराचार्य रचित श्रोतों का पाठ एवं गायन किया गया। समारोह में यात्रा समन्वयक वीरेन्द्र गुप्ता, विद्याप्रकाश श्रीवास्तव, कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक, पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार, पचमठा आश्रम के संत विजय शंकर ब्राम्हचारी, संभागीय समन्वयक जन अभियान परिषद अमिताभ श्रीवास्तव, जिला समन्वयक प्रवीण पाठक, सभी अधिकारी, प्रबुद्धजन तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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