एकात्म यात्रा का शुभारंभ रीवा से होना गौरव की बात – उद्दोग मंत्री श्री शुक्ल
आदि शंकराचार्य जी ने युग चेतना से देश को एक सूत्र में बांधा – स्वामी अखिलेश्वरानंद
एकात्म यात्रा की तैयारियों तथा इस में शामिल संगठनों प्रतिनिधियों की कार्यशाला जिला पंचायत सभागार में आयोजित की गयी। कार्यशाला में उद्योग वाणिज्य तथा खनिज मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि एकात्म यात्रा प्रदेश के सभी 51 जिलों में होगी। इसका शुभारंभ 19 दिसम्बर को रीवा में होगा। यह हम सब के लिये गौरव की बात है। स्वामी अखिलेश्वरानंद जी के मार्गदर्शन तथा नेतृत्व में हम एकात्म यात्रा को सफलता पूर्वक आयोजित करेंगे। हम सबका जीवन धर्म और अध्यापन से जुड़ा है यही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।
मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान संत नेता हैं उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा का संकल्प ले कर उसे पूरा किया। आदि शंकराचार्य के संदेश को जन-जन तक पहुंचने के लिये एकात्म यात्रा भी सफलता पूर्वक पूरी होगी। हर व्यक्ति इसमें सहयोग प्रदान करें। आदि गुरू शंकराचार्य प्रवास करते हुए विन्ध्य क्षेत्र में पधारे थे। उन्होंने वर्तमान पचमठा आश्रम को अपनी पांचवी पीठ बनाया था। नर्मदाष्ठक की रचना करने वाले शंकराचार्य का ज्ञान और देश को एक सूत्र में बांधने का संदेश भावी पीढ़ी तक पहुचना आवश्यक है। शंकराचार्य जी का इस क्षेत्र को आर्शीवाद मिलना भी हम सब के लिये गौरव की बात है।
कार्यशाला में स्वामी अखिलेश्वरानंद जी अध्यक्ष कार्य परिषद मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड ने कहा कि एकात्म यात्रा का उद्देश्य आदि गुरू शंकराचार्य के संदेशों को जन-जन तक पहुंचना है। शंकराचार्य ने युग चेतना से देश को एक सूत्र में बांधा। उन्होंने धार्मिक आडम्वरों से समाज को मुक्त कराते हुए पूरे आर्यावर्त में अध्यात्मिक चेतना का संचार करके उसे एक सूत्र में बांधा। उन्होंने जो क्रांतिकारी कार्य करके हिन्दू धर्म का ध्वज फहराया उसकी मिशाल मिलना मुश्किल है। स्वामी जी ने शंकराचार्य के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने एकात्म यात्रा के संबंध में बताया कि हर गांव तथा शहर के हर वार्ड में ताबे पीतल अथवा कांसे के छोटे से पात्र में उस क्षेत्र के मिट्टी भर कर यात्रा करने वालों को दिया जाएगा। यह मिट्टी तथा पात्र ओंमकरेश्वर में बसंत पंचमी को समारोह में शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण के लिये दिया जायेगा। एकात्म यात्रा का शुभारंभ शंकराचार्य जी की पादुका पूजन से होगा। इस यात्रा में विभिन्न सामाजिक तथा धार्मिक संगठन भाग ले रहें हैं। यह हमारी अध्यात्मिक चेतना को जगाने और अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ने का अवसर है।