मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार 11 हजार 466 मेगावॉट बिजली की सप्लाई
मध्यप्रदेश में बिजली सेक्टर के लिए गर्व की बात है कि इस वर्ष नवम्बर में ही बिजली की माँग में नित नए रिकार्ड बन रहे हैं। बिजली इतिहास में पहली बार बिजली की माँग 11 हजार 466 मेगावॉट से ऊपर पहुँच गई। बिजली की माँग की बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण रबी सीजन में किसानों को 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध बिजली की आपूर्ति है। सभी बिजली उपभोक्ताओं को रोशनी के लिए 24 घंटे बिजली की सतत सप्लाई भी की जा रही है। प्रदेश में 11 नवम्बर को सुबह 9 बजे बिजली की सर्वोच्च माँग का ऐतिहासिक रिकार्ड उस समय बना, जब बिजली की माँग 11 हजार 466 मेगावॉट के शिखर पर पहुँच गई। ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री इकबाल सिंह बैंस एवं पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने बिजली माँग की सप्लाई के लिए अभियंताओं तथा कार्मिकों को बधाई दी है। इससे पूर्व 23 दिसम्बर, 2016 को प्रदेश में बिजली की सर्वोच्चतम माँग 11 हजार 421 मेगावॉट दर्ज हुई थी।
पूर्व के दो वर्ष में बिजली की माँग दिसम्बर माह में निरंतर बढ़ती रही है, किन्तु इस वर्ष प्रदेश में कम वर्षा होने के कारण करीब डेढ़ माह पूर्व ही बिजली की माँग और सप्लाई में निरंतर बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है। पिछले 6 दिन से बिजली की माँग 11 हजार मेगावॉट से ऊपर दर्ज हुई है।
11 नवम्बर को जब बिजली की माँग 11 हजार 466 मेगावॉट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में पॉवर जनरेटिंग कम्पनी के ताप विद्युr गृहों से 1,950 मेगावॉट तथा जल विद्युत गृहों से 345 मेगावॉट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 296 मेगावॉट, एनटीपीसी और डीवीसी (सेंट्रल सेक्टर) का अंश 2,895 मेगावॉट, सासन अल्ट्रा मेगा पॉवर प्रोजेक्ट का अंश 1,333 मेगावॉट, आईपीपी का अंश 1,310 मेगावॉट रहा और बिजली बैंकिंग से 2,117 मेगावॉट बिजली प्राप्त हुई। अन्य नवकरणीय स्रोत से 1,218 मेगावॉट बिजली मिली।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (जबलपुर, रीवा तथा सागर) में बिजली की माँग 2,871 मेगावॉट, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (भोपाल एवं ग्वालियर) में 3,716 मेगावॉट और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (इंदौर एवं उज्जैन) में 4,878 मेगावॉट दर्ज की गई है।