जीएसटी दर 28 फ़ीसदी से 178 वस्तुओं को 18 फ़ीसदी के दायरे में तो 2 वस्तुओं को 28 से 12 फ़ीसदी
poजीएसटी काउंसिल ने कई बड़े फ़ैसले करके ग्राहकों, उत्पादकों और व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। जीएसटी की सबसे बड़ी दर 28 फ़ीसदी से 178 वस्तुओं को 18 फ़ीसदी के दायरे में लाया गया है, तो 2 वस्तुओं को 28 से 12 फ़ीसदी किया गया है। इतना ही नहीं रेस्टोरेंट पर लगने वाला 18 फ़ीसदी तक का टैक्स 5 फ़ीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था को आसान बनाया गया है। कम्पोजीशन स्कीम के तहत भी लोगों को कई प्रकार के लाभ दिए गए हैं।
गुवाहाटी में हुई जीएसटी परिषद की 23वीं बैठक पर देश की निगाहें लगी हुई थीं क्योंकि इसमें जीएसटी से जुड़े तमाम ऐसे फ़ैसले होने थे, जिनसे न केवल आम आदमी बल्कि कारोबार जगत के लोगों को बड़ी राहत मिलनी थी। दो दिन की बैठक के बाद शुक्रवार शाम जब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रेस कॉफ्रेंस में आए तो उनके पास लोगों को खुशख़बरी देने के लिए काफी कुछ था।
जीएसटीएन के फ़ैसले के बाद अब 28 फ़ीसदी टैक्स के दायरे में आने वाले 178 सामानों पर टैक्स कम करके उन्हें 18 फ़ीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में लाया गया है। दो वस्तुओं को 28 से 12 में लाया गया है। अब सिर्फ़ 50 वस्तुएं ही 28 फ़ीसदी टैक्स के दायरे में रह गई हैं। दरें तय करने वाली फिटमेंट समिति ने 28 प्रतिशत के स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या को घटाकर 62 करने की सिफारिश की थी जबकि परिषद ने इसमें वस्तुओं की संख्या को घटाकर 50 कर दिया है।
ये फैसला 15 नवंबर से लागू होगा। इस फैसले के बाद जो चीजें सस्ती होंगी उनमें चॉकलेट, शेविंग, शैंपू, कपड़े धोने के डिटरजेंट पाउडर, फर्नीचर, बिजली के सामान, सैनिटरी आइटम, प्लाईवुड, स्टेशनरी सामान, ग्रेनाइट व मार्बल शामिल हैं। जो चीजें अब भी 28 प्रतिशत कर दायरे में हैं उसमें पेंट, सीमेंट, वाशिंग मशीन, फ्रिज, एयर कंडीशनर और तंबाकू जैसे लग्जरी उत्पाद शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि जीएसटी की दरों में कमी से राजस्व में कमी आएगी। लेकिन टैक्स संग्रह की स्थिति को ठीक करके राजस्व में अंतर को कम कर सकते हैं। आने वाले सालों में दरें और अधिक कम हो सकती हैं। दरें कम करने की स्थिति राजस्व पर निर्भर करेगी। सरकार ने इसके अलावा कारोबारियों के लिए कई एलान किए हैं। सरकार ने रेस्टोरेंट को बड़ी राहत देते हुए अब सभी एसी और नॉन रेस्टोरेंट पर टैक्स 5 फ़ीसदी करने का फ़ैसला किया है।
साथ ही सरकार ने कारोबारी को जीएसटी में फार्म भरने से जुड़ी कई सुविधाएं दी हैं। सरकार ने व्यापारियों को राहत देते हुए कंपोजीशन स्कीम का दायरा एक करोड़ से बढ़कर डेढ़ करोड़ करने का प्रस्ताव किया है। डेढ़ करोड़ से नीचे के टर्नओवर वालों को तिमाही रिटर्न भरना होगा, जबकि इससे ऊपर वाले को हर महीने भरना होगा। कंपोजीशन स्कीम में और राहत देते हुए मैन्युफैक्चर और ट्रेडर दोनों को ही अब एक फ़ीसदी का टैक्स देना होगा।
कुल मिलाकर सरकार ने कारोबारियों और आम आदमी की दिक्कतों को दूर करते हुए कई अहम फ़ैसले लिए हैं और उम्मीद है कि आने वाले समय में लोगों को और राहत मिलेगी।