पैराडाइज पेपर्स के खुलासे पर सरकार सख्त

पैराडाइज पेपर्स के खुलासे से सामने आई जानकारी की जांच के लिए सरकार ने सीबीडीटी चेयरमैन की अध्यक्षता में मल्टी एजेंसी ग्रुप का किया गठन। आयकर विभाग ने कहा, 180 देशों की सूची में भारत 19वें स्थान पर।

सनसनीखेज पैराडाइज पेपर्स मामले की भी जांच केंद्र सरकार ने पनामा पेपर लीक मामले की जांच कर रहे बहु-एजेंसी समूह के हाथों में सौप दी है। केन्‍द्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड के प्रमुख समूह की अध्‍यक्षता कर रहे हैं और इसमें प्रवर्तन निदेशालय, रिजर्व बैंक और वित्‍तीय खुफिया एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड ने कहा है कि ताजा खुलासे की पूरी जानकारी अभी नहीं मिली है। मीडिया में अब तक केवल कुछ भारतीयों के नाम सामने आये हैं। हालांकि खुलासा करने वाले समूह ने स्पष्ट किया है कि जिनके भी नाम इस लिस्ट में हैं, यह जरुरी नहीं है कि उन्होंने कोई कानून का उल्लंघन किया हो. करीब डेढ साल पहले पनामा पेपर लीक के जरिए दुनिया को हिलाने वाले जर्मन अखबार ने एक बार फिर अपने खुलासे से दुनिया में सनसनी मचा दी है । इस बार ये खुलासा हुआ है पैराडाइज पेपर्स के नाम से जिसमें दुनिया भर की तमाम बड़ी हस्तियों और कंपनियों पर काले धन को सफेद करने का आरोप है ।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दस्तावेज में 714 नाम भारत के हैं । इस खुलासे के बाद सरकार ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए मामले की जांच की बात कही है । वित्त मंत्रालय के मुताबिक जांच संगठनों का मल्टी एजेंसी ग्रुप पैराडाइज पेपर्स के खुलासों की जांच करेगा। इसकी एजेंसी की अगुवाई सीबीडीटी के चेयरमैन करेंगे जबकि इसमें सीबीडीटी, ईडी, आरबीआई और एफआईयू के प्रतिनिधि होंगे। पैराडाइज पेपर्स में करीब 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं जिनमें कई फर्मों और ऐसी फर्जी कंपनियों के नाम हैं जिनके जरिए दुनिया के ताकतवर लोग अपना पैसा विदेशों में ठिकाने लगाने का काम करते हैं। 96 मीडिया संगठनों के साथ मिलकर इंटरनैशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने ‘पैराडाइज पेपर्स’ नामक दस्तावेजों की छानबीन की है। पैराडाइज पेपर्स में टैक्स चोरी के लिए 19 जगहों के नाम हैं। जिन देशों के बड़े नेताओं और कारोबारी इसमें शामिल हैं उनमें अमेरिका , ब्रिटेन, कनाडा, पाकिस्तान और भारत जैसे देश शामिल हैं ।

मीडिया की खबरों के मुताबिक पैराडाइज पेपर्स में इस बार भारत से जुडे कई लोगों के नाम उजागर हुए हैं । दुनिया के 180 देशों के लोगों की जारी की गई नामों की सूची में भारत का स्थान 19वें नंबर पर है. कुल 714 भारतीयों के नाम भी शामिल है । इनमें कई राजनेताओं बॉलीवुड कलाकारों और कारोबारियों के नाम भी है। जिन लोगों के नाम है उनमें केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा , सांसद आर के सिन्हा , कांग्रेस नेता सचिन पायलट , पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम शामिल हैं । इस लिस्ट में अभिनेता अमिताभ बच्चन के बरमूडा में एक कंपनी में शेयर्स होने का खुलासा हुआ है। भारत से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या का भी नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। पैराडाइज दस्तावेजों में नाम आने पर जयंत सिन्हा ने कहा है कि वो उस कंपनी में राजनीति से आने से पहले थे । उन्होंने कहा कि सभी लेनदेन वैध और प्रमाणिक हैं.।

पैराडाइज दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबियों से जुड़ी कंपनी के साथ संबंध हैं । रॉस का रुसी कंपनी के साथ रिश्तों के खिलासे से हितों के टकराव का मसला खडा हो जाता है। ये भी खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने विदेशों में कर से बचाव करने वाले स्थानों पर निवेश किया हुआ है। पैराडाइज दस्तावेजों से ये भी खुलासा हुआ है कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू के लिए कोष जुटाने वाले और वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन ब्रॉन्फमैन ने पूर्व सीनेटर लियो कोल्बर के साथ मिलकर विदेशों में कर पनाहगाहों में करीब 6 करोड़ डॉलर का निवेश कर रखा है।

पनामा पेपर्स ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की कुर्सी छीन ली । अब पैराडाइज पेपर्स ने पाक के एक और पूर्व पीएम शौकत अजीज का नाम सामने आया है । दस्तावेजों के मुताबिक अजीज का नाम अंटार्कटिक ट्रस्‍ट के संबंध में आया है, जिसका गठन उन्‍होंने किया था और इसके लाभार्थियों में उनकी पत्‍नी, बच्‍चे शामिल हैं। अजीज ने साल 1999 में पाकिस्‍तान का वित्‍त मंत्री बनने से पहले इस ट्रस्‍ट का गठन अमेरिकी राज्‍य डेलावेयर में किया था। उस वक्‍त वह सिटिबैंक के लिए काम कर रहे थे।

पैराडाइज पेपर्स विदेशों में कर बचाने के लिए किए गए निवेश या बैंकों में जमा संपत्ति की जांच से संबंधित हैं । करीब डेढ़ साल पहले खोजी पत्रकारिता के अंतरराष्ट्रीय समूह- द इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट ने पनामा की एक वित्तीय संस्था से कुछ पेपर लीक किए थे जिनमें कालाधन रखने वाले दुनियाभर के बड़े लोगों के नाम सामने आए थे। पिछले एक साल से 67 देशों के 381 पत्रकार पैराडाइज पेपर्स का अध्ययन कर रहे हैं। पैराडाइस पेपर्स का अधिकांश हिस्सा बारमुडा की लॉ फर्म एप्पलबाय से लीक किया गया है। 119 साल पुरानी लॉ फर्म एप्पलबाय ने आफशोर कंपनी के जरिए दुनिया भर के कई कारोबारियों और नेताओं को टैक्स बचाने में मदद किया है ।

रिपोर्ट में विदेशों में कालाधन छुपाने वालों में 20 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट संगठन और कंपनियों के भी नाम हैं जो लोगों का पैसा निवेश कराकर उनके धन की सुरक्षा और गोपनीयता उपलब्ध कराती हैं।- पैराडाइस पेसर्स में यह बताया गया है कि नेता-अभिनेता से लेकर बड़े कारोबारी किस तरह से अपने देश की सरकारों को झूठी सूचना देकर अपना धन छिपाते हैं।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *