प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल जयंती पर ‘रन फॉर यूनिटी’ का किया शुभारंभ
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर आज राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर देश में दिन भर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होगा । पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के मुख्य कार्यक्रम में रन फॉर यूनिटी दौड़ में शिरकत किया।
देश की एकता और अखंडता के लिये सबसे अधिक योगदान देने वालो में शामिल सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाता है। आजादी के समय देशी रियासतो में बंटे भारत को भौगोलिक रूप से एक सूत्र में पिरोने का जो काम सरदार पटेल ने किया उसे भुला पाना नामुंकिन है। देश में राष्ट्रीय एकता की भावना का संचार करने के उद्देश्य से बीते 3 सालों से मोदी केन्द्र सरकार इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है।
आजाद भारत के वर्तमान नक्शे को मूर्तरूप देने के लिये सरदार पटेल ने उस वक्त छोटी बड़ी रियासतों को भारत में विलय करने के महत्वपूर्ण काम को अंजाम दिया, और जरूरत पडने पर हैदराबाद जैसी रियासत के भारत विलय के लिये सैन्य ऑपरेशन पोलो को चलाने से भी नही चूके। सरदार पटेल देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री बने। 1950 में अपनी मृत्यु से पहले उन्होनें अपनी नीतियों और कठोर फैसलो से देश के सामने अमिट छाप छोड़ी देश जिसे आज भी याद करता है। सरदार पटेल के फौलादी इरादों और दृढ निश्चय के चलते ही देश उन्हे लौह पुरुष के नाम से जानता है। कृषक परिवार में जन्में और बड़ी मुश्किल आर्थिक हालातों में अपनी पढाई पूरी करने बाले सरदार पटेल ने इग्लैंड से बैरिस्टर की पढाई पूरी की और जाने माने वकील बने।
आजादी के कई आंदोलनों में निर्णायक भूमिका निभाने बाले सरदार पटेल ने गुजरात में अंग्रेजों के खिलाफ किसानों को एकजुट करने में महत्पूर्ण भूमिका निभाई। सरदार पटेल हमेशा से एक भारत श्रेष्ठ भारत के पक्षधर थे। सरदार पटेल ने देश की आजादी से लेकर आजाद भारत के उत्थान में जो भूमिका निभाई वो आज भी एक नज़ीर है। सरदार पटेल की राष्ट्रीय एकता की नीति को देश-दुनिया के सामने बेहद बुलंदी से रखने के लिये मोदी सरकार ने गुजरात में सरदार की बेहद ऊंची प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया है ये प्रतिमा दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा होगी।