म्यामां दौरे पर प्रधानमंत्री आज काली बाड़ी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे।
कल बौद्ध मंदिर आनंदा टैम्पल मे पूजा अर्चना करने के बाद आज अपने तीन दिनों के म्यामां दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी यंगून के बौद्ध मठ व जनरल आंग सांग की कब्रगाह का दौरा करेंगे, इसके साथ ही वह काली बाड़ी मंदिर में पूजा अर्चना भी करेंगे।
तीन दिन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी म्यामां दौरे का आज आखिरी दिन है। आज प्रधानमंत्री यंगून के पैगोडा यानि बौद्ध मठ का दौरा करेंगे। तक़रीबन 2500 साल पहले इस मठ का निर्माण बुद्ध के जीवन काल में हुआ था। पैगोडा के दर्शन के बाद पीएम मोदी जनरल आंग सांग की कब्रगाह पर जायेंगे। प्रधानमंत्री का आज काली बड़ी मंदिर में पूजा अर्चना करने का भी कार्यक्रम है। ये मंदिर सनातन धर्म में आस्था रखने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए विश्वास का प्रतीक है। साथ ही पीएम बादशाह बहादुर शाह ज़फर की मज़ार पर भी जायेंगे और उन्हें अकीदत पेश करेंगे।
यंगून का पैगोडा यानि बौद्ध मठ विदेशी सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। तक़रीबन 2500 साल पहले इस मठ का निर्माण हुआ। पैगोडा का निर्माण बुद्ध के जीवन काल में हुआ। गुरूवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पैगोडा का भ्रमण करने आ रहे हैं। जिससे लोगों में उत्साह का माहौल है।
खूबसूरती की बेजोड़ मिसाल पैगोडा की शान देखते बनती है। मुख्य पैगोडा की ऊँचाई 100 मीटर ऊँची है। मंदिर परिसर में एक अनोखा घंटा रखा है। जानकार बताते हैं कि 1824 ई में ब्रिटिश हुकुमत घंटे को समुद्र मार्ग से लन्दन ले जाना चाहते थे लेकिन लाख प्रयास के बाद भी घंटा पानी से निकल नहीं पाया। फिर वर्मा के नागरिकों ने उसे पानी से निकलकर मंदिर परिसर में प्रतिक के रूप में रखा दिया।
पैगोडा के दर्शन के बाद पीएम मोदी जनरल आंग सांग की कब्रागाह पर जायेंगे और उन्हें अकीदत पेश करेंगे। उसके बाद प्रधानमंत्री को काली बड़ी मंदिर में पूजा अर्चना करना है। ये मंदिर सनातन धर्म में आस्था रखने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए विश्वास का प्रतीक है। पीएम मोदी म्यामां के दिवंगत नेता और स्टेट कौंसिलर आंग सांग सूची के पिताजी जनरल आंग सांग के संग्राहलय में भी जाना है। साथ ही पीएम 1857 के ग़दर के महानायक दिल्ली के अमर बादशाह बहादुर शाह ज़फर के मज़ार पर जायेंगे और उन्हें अदब और एहतराम के साथ अकीदत पेश करेंगे। पीएम मोदी उसके बाद अपने मुल्क वापस लौट आएंगे। लेकिन पीएम मोदी सबसे ज़्यादा वक्त पैगोडा में भ्रमण करेंगे और बुद्ध के सन्देश को समझने की कोशिश करेंगे। बुद्ध के अनुयायी बताते हैं कि दुनिया भर के बौद्ध धर्मबलंबी एक बार भारत के बोधगया आने की हसरत ज़रूर रखते हैं। ये भारत और म्यांमार के सांस्कृतिक रिश्ते की गर्माहट को बयां करता है।