प्राचार्य कैलाशनाथ ओझा,रामनारायण पटेल, व्या. डॉ.अशफाक तत्काल प्रभाव से निलंबित
मामला छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का
कमिश्नर शहडोल संभाग श्री बी.एम.शर्मा द्वारा अनूपपुर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोरसी के प्राचार्य श्री कैलाशनाथ ओझा, प्रभारी प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जैतहरी डॉ.अशफाक अहमद एवं प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चचाई श्री रामनारायण पटेल विकास खण्ड जैतहरी जिला अनूपपुर को त्रुटिपूर्ण परीक्षा परीक्षा परिणाम घोषित कर छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ करने के कारण मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम के विपरीत आचरण करने के कारण कमिश्नर द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये उक्त तीनों प्राचार्यों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उपरोक्त प्राचार्यो का मुख्यालय कार्यालय संभागीय उपायुक्त आदिवासी तथा अनुसूचित जाति विकास संभाग शहडोल नियत किया गया है। निलंबन अवधि में नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। कमिश्नर द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चचाई में अध्ययनरत कक्षा 9 वीं की छात्रा कुमारी शेफाली रजक द्वारा कमिश्नर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में इस आशय की शिकायत का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था कि प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चचाई जिला अनूपपुर के द्वारा अंग्रेजी एवं गणित विषय के साथ विषय विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित होने के कारण प्रार्थिया एवं अन्य तीन छात्राओं कुमारी शिफा खान, कुमारी रैना बुंदेला, कुमारी पूजा कोल को अनुत्तीर्ण करते हुये पूरक परीक्षा परिणाम नोटिस बोर्ड में चश्पा कर पूरक परीक्षा फार्म भरने हेतु राशि 30 रूपये लिया गया, जबकि छात्र कुमारी शेफाली रजक द्वारा सभी विषयों की परीक्षा में नियमित उपस्थिति बताते हुये अच्छे अंक प्राप्त करने का लेख अपने आवेदन पत्र में किया गया है। साथ ही अंकसूची प्राप्त करने हेतु उसे कई बार गुमराह कर सही जानकारी न देते हुये यहां वहां अकारण छात्रा को भटकाया गया, जिसके कारण छात्रा अनावश्यक शारीरिक एवं मानसिक रूप से हताश हुई। इसके अतिरिक्त तीन अन्य छात्राओं कुमारी शिफा खान, कुमारी रैना बुंदेला एवं पूजा कोल जिनके भी पूरक परीक्षा परिणाम थे उन्हें बिना परीक्षा दिलवाये उत्तीर्ण कर अंक सूची उनके घर तक पहुँचाई गई। जिस संबंध में छात्रा कुमारी शेफाली रजक द्वारा कापी जांच कराये जाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसके तहत प्राचार्य द्वारा अंक सूची में छात्रा को उत्तीर्ण कर मिस्टेक लगाये जाने की टीप अंकित की गई। कमिश्नर द्वारा शिकायत के संबंध में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शहडोल संभाग शहडोल द्वारा जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन एवं नोटशीट क्रमांक 2 में लेख किया गया है कि कक्षा 9 वीं की छात्रा कुमारी शेफाली रजक को अंग्रेज, गणित में पूरक तथा विज्ञान प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित दर्शाकर अनुउत्तीर्ण घोषित किया गया है। जबकि छात्रा शेफाली रजक मुख्य परीक्षा में ही उत्तीर्ण थी। इसी प्रकार छात्रा कुमारी शिफा खान को गणित विषय में कुमारी रैना बुंदेला को अंग्रेजी और गणित एवं पूजा कोल गणित विषय में पूरक होने का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया तथा पूरक परीक्षा हेतु राशि 30 रूपये ली गई और बिना पूरक परीक्षा के दिये ही तीनों छात्राओं को पूर्व जारी परीक्षाफल में संशोधन कर उत्तीर्ण किया गया। जबकि छात्रायें मुख्य परीक्षा में ही उत्तीर्ण थी। प्राचार्य एवं मूल्यांकन अधिकारी के द्वारा केन्द्रीय मूल्यांकन न कराकर मूल्यांकन विद्यालय और संकुल केन्द्रों में उत्तर पुस्तिकाएं भेजकर कराया गया। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चचाई के कक्षा 9 वीं की अमूल्यांकित उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोरसी से कराया गया। जहां विषय विशेषज्ञ नहीं थे, प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोरसी द्वारा परीक्षा फल तैयार कर अंतिम हस्ताक्षर हेतु शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जैतहरी को प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय चचाई को भेज दिया गया। प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चचाई द्वारा भी जैसे ही परीक्षा परिणाम प्राप्त हुआ बिना परीक्षण के ही त्रुटिपूर्ण परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया। आदेश में कहा गया है कि तीनों ही प्राचार्य द्वारा पदीय दायित्वों के निर्वहन में पूर्णतः लापरवाही बरती गई है। इस कारण तीनों प्राचार्यो के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है।