चित्रकूट का समग्र विकास कर मिनी-स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा- मुख्यमंत्री
जानकी महल में आयोजित संत समागम में शामिल हुये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी तीर्थ स्थलों यथा उज्जैन, मैहर, अमरकंटक एवं भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के समग्र विकास के लिए अभियान चला रही है। चित्रकूट को मिनी-स्मार्ट सिटी का दर्जा देने हेतु समग्र विकास के कार्य किये जायेंगे। प्रथम चरण में 180 करोड़ रूपये के कार्यों की मंजूरी दे दी गई। संतजनों के निर्देशानुसार और भी कार्य स्वीकृत किये जायेंगे। उक्त आशय के विचार प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज चित्रकूट स्थित सीता महल में आयोजित संत समागम कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किये। इस अवसर पर आपने भगवान श्रीराम एवं सीतमाता की पूजा अर्चना की एवं साधु संतो का शाल एवं श्रीफल से सम्मान किया। कार्यक्रम में सनकादित महाराजजी एवं संत समाज के अध्यक्ष श्रीसीताशरणजी महाराज (जानकीमहल, जानकीकुण्ड़), श्री रामजीदास जी (संतोषी अखाडा) ने पवित्र नगरी चित्रकूट के विकास के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में प्रदेश शासन के वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धु्रर्वे, सांसद सतना संसदीय क्षेत्र गणेश सिंह, जिला पंचायत रीवा के अध्यक्ष अभय मिश्रा, बी.डी. शर्मा, नरेन्द्र त्रिपाठी, श्रीराम मिश्र सहित साधु संत एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ठाकुरजी के आदेशानुसार मैं संत समागम में उपस्थित हुआ हूँ, संतो के द्वारा भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के विकास के साथ ही व्यापारियों, तीर्थ यात्रियों, साधु-संतों की आवश्यकता के हर कार्य किये जायेंगे। प्रमुख रूप से कामदगिरी परिक्रमा में शेड़ व्यवस्था हेतु 02 करोड़ 25 लाख, पानी की टंकियों के निर्माण हेतु 03 करोड़ 22 लाख, परिक्रमा पथ में शौचालय निर्माण हेतु 01 करोड़ 63 लाख रूपये की स्वीकृति दी जा चुकी है। आपने कहा कि रजौला बाईपास से तुलसी मार्ग लंबाई 08 कि.मी. में फोरलेन सडक का निर्माण तथा दो फ्लाईओवर निर्माण, पैउसुनी नदी के रपटा में पुल के निर्माण, मंदाकिनी नदी में मल-जल को रोकने हेतु 28 करोड़ की लागत से सीवर लाइन का निर्माण किया जायेगा। रामदर्शन से लेकर आश्रम शाला तक डामरीकृत सडक का निर्माण, भरत घाट में रिटैनिंगबाल एवं घाट सुधार का कार्य, बाहर से आने वाले यात्रियों के रूकने हेतु शेड का निर्माण, मार्ग में पानी एवं शौचालय की व्यवस्था, धार्मिक पर्यटन सर्किट, पर्यावरण विकास तथा कामदगिरी पर्वत, स्फटिक शिला, आरोग्यधाम, गोदावरी चैनल का विस्तारीकरण, कामतानाथ पथ में यात्रियों के विश्राम, पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था, पूजन सामग्री को कम्पोस्ट कर जैविक खाद्य बनाने, गौ-अभयारण्य, सुअरों के बाडो का विकास किया जायेगा। इसके साथ ही तालाबों का संरक्षण, बरसाती पानी के निकासी की व्यवस्था, स्मार्ट यातायात हेतु सडकों एवं चौराहों का विकास एवं उनका सौंदर्यीकरण, ई-रिक्षा का संचालन, गरीबों के लिए पक्के मकानों के निर्माण हेतु 75 करोड रूपये मंजूर किये गये है, इसके साथ ही व्यापारियों के लिए दुकानों का निर्माण तथा रामघाट में सभी मकान एक रंग से पुते होंगे। पर्यावरणीय विकास के लिए मंदाकिनी नदी की सफाई, सरयू नदी, पैउसुनी नदी को पुर्नजीवित करने हेतु अभियान चलाया जायेगा। कामदगिरी पर्वत, लक्षमण पहाडी एवं सती अनुसुइया क्षेत्र में वृक्षारोपण किया जायेगा।
संत समागम में संतो ने प्रदेश एवं प्रदेश वासियों के विकास का आर्षीवाद प्रदान किया। इस अवसर पर सनकादिक महाराज (सनकादिकनगर) सचिदानंदजी महाराज (रामसखा मंदिर), बलरामदासजी महाराज (रामानन्द आश्रम, जानकीकुण्ड़), सीताशरणजी महाराज (जानकीमहल, जानकीकुण्ड़), साहेबबाबा (कबीर आश्रम, जानकीकुण्ड), रामप्यारे शरणजी महाराज (फलाहारी आश्रम, जानकीकुण्ड़), गोविन्ददासजी महाराज (भक्ति अराधना आश्रम, मैथिली गली, जानकीकुण्ड़), रामप्रियदासजी (खाकचौक, जानकीकुण्ड़), रघुवरशरणजी (गउघाट, जानकीकुण्ड़), राघवदासजी महाराज (रामानन्द नगर), माधवदासजी (रामनगर), शांतिदासजी (रामनगर), रामहदय दासजी महाराज (रामायणी कुटी), रामजीदासजी (संतोषी अखाडा), ओंकारदासजी महाराज (निर्मोही अखाड़ा), मदनदासजी (प्रथम द्वार), ओंकारदासजी (ब्रम्हकुण्ड़), त्रिलोकीदासजी (ब्रम्हकुण्ड़), सरजूशरणजी (नरहरपानद्र नगर), योगेन्द्रदासजी (बडी हनुमान दासजी), राघवदासजी (सनकादिक नगर) उपस्थित थे।