रीवा का नवीन कलेक्ट्रेट भवन प्रदेश का ही नहीं देश का सर्वश्रेष्ठ

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यह हम नहीं जमाना कहता है
उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल

रीवा का नवीन कलेक्ट्रेट भवन प्रदेश का ही नहीं देश का सर्वश्रेष्ठ भवन है। उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल का कहना है ‍कि यह हम नहीं जमाना कहता है। नवीन भवन की वास्तुकला अपने आप में अनूठी है। इस भवन के बन जाने से रीवा की खूबसूरती में चार चाँद लग गये हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों हिन्दुस्तान के इस सुन्दर भवन का लोकार्पण किया था।

उत्कृष्ट आधुनिक तकनीक से बना भवन पूर्णत: प्रदूषण-रहित

रीवा के पुराने कलेक्ट्रेट के करीब 13 हजार वर्ग मीटर भू-खण्ड में 7800 वर्ग मीटर में कर्नाटक विधानसभा भवन की तर्ज पर उत्कृष्ट आधुनिक तकनीक से बना यह 3 मंजिला भवन पूरी तरह प्रदूषणरहित है। भवन परिसर में लगभग 4500 वर्ग मीटर में 4 बड़े तथा 4 छोटे उद्यान बनाये गये हैं। भवन की लागत करीब 1362.78 लाख रुपये है। इसके अलावा कार्यालय के फर्नीचर और आंतरिक सज्जा पर 2 करोड़ 17 लाख रुपये व्यय किये गये हैं। लगभग 132 वर्ष पुराने कलेक्ट्रेट भवन को हेरीटेज भवन के रूप में संरक्षित रखा जायेगा।

नवीन कलेक्ट्रेट भवन ग्रीन बिल्डिंग के रूप में रहेगा। इसकी छत पर 200 किलोवॉट का अत्याधुनिक सोलर पॉवर प्लांट लगाया गया है। इससे सम्पूर्ण परिसर में नि:शुल्क विद्युत आपूर्ति रहेगी। साथ ही भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी की गयी है। जिससे वर्षा के जल को पुन: प्रयोग में लाया जा सके। नवीन भवन में आम नागरिकों की सेवाओं से सीधे संबंधित 18 महत्वपूर्ण विभाग एक ही छत के नीचे कार्यरत रहेंगे। कलेक्ट्रेट में सिंगल विंडो सिस्टम की भी व्यवस्था की गयी है।

भवन में अपना काम कराने गरीब एवं अन्तिम छोर में खड़ा व्यक्ति आये और काम कराकर मुस्कुराते हुए बाहर जाये। भवन में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक वृहद सभागार, उच्च तकनीक से युक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष तथा हाई सिक्यूरिटीयुक्त कोषालय, स्ट्रांग-रूम के अलावा अत्याधुनिक सायबर रिकार्ड-रूम भी बनाया गया है। सम्पूर्ण भवन सी.सी. टी.व्ही. कैमरे की निगरानी में रहेगा। भवन में पान, गुटका, तम्बाकू का सेवन प्रतिबंधित किया गया है। सेवन करते पाये जाने पर संबंधित पर आर्थिक दण्ड लगाया जायेगा। भवन में दिव्यांगों के लिये बाधारहित विशेष व्यवस्थाएँ रहेंगी। कलेक्ट्रेट परिसर में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की भव्य प्रतिमा भी स्थापित की गयी है। यह भवन आईएसओ सर्टिफाइड भी घोषित किया गया है।

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