सौर ऊर्जा ही भविष्य की ऊर्जा – मुख्यमंत्री श्री चौहान
प्रदेश को मिली नई पहचान – केन्द्रीय मंत्री श्री वैंकेया नायडू
रीवा परियोजना देश में आदर्श मानक के रूप में स्वीकृत- केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल
परियोजना के विकासकों के साथ अनुबंध निष्पादित
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सौर ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है। श्री चौहान ने यह बात आज रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्रोजेक्ट एग्रीमेंट के अवसर पर कही। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री वैंकेया नायडू ने कहा कि सरकार ने प्रदेश को नई पहचान दिलाई है। केन्द्रीय राज्य मंत्री नवकरणीय ऊर्जा श्री पीयूष गोयल ने कहा कि रीवा परियोजना देश में सोलर ऊर्जा के आदर्श मानक के रूप में स्वीकार की गई है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सोलर एनर्जी के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य होगा। नवरकणीय ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है। इस क्षेत्र में राज्य में तेजी से कार्य हो रहा हैं। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना ने सौर ऊर्जा उत्पादन और उपयोग की नई राहें दिखाई हैं। उन्होंने कहा कि विकास के लिए सड़क, बिजली और पानी आधारभूत आवश्यकताएँ हैं। राज्य सरकार ने जिम्मेदारी के साथ विकास का मार्ग चुना है। ताकि भावी पीढ़ी के प्राणियों के समक्ष अस्तित्व का प्रश्न खड़ा नहीं हो। इसी दिशा में प्रदेश में पर्यावरण चेतना का प्रकल्प नर्मदा सेवा यात्रा संचालित है। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के रूप में देश को विजनरी लीडर मिला है, जो दुनिया के आइकॉन बन गये हैं। मध्यप्रदेश उनके सपनों को पूरा करने के लिए संकल्पित है। प्रधानमंत्री के एक लाख मेगावॉट सोलर ऊर्जा के लक्ष्य की पूर्ति में प्रदेश कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगा। उन्होंने रीवा परियोजना को देश में सौर ऊर्जा की न्यूनतम दर मिलने पर कहाकि दृढ़ संकल्प, मजबूत इरादे, पारदर्शी प्रक्रिया और ईमानदार नीयत के साथ किये गये प्रयासों का प्रतिफल है।
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम. वैंकेया नायडू ने कहाकि पहले मध्यप्रदेश देश का ऐसा विशिष्ट राज्य था जो संसाधनों में सम्पन्न किन्तु राजनीति में बीमारू था। अब प्रदेश की गतिशील सरकार ने राज्य को नई पहचान दिलाई है। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना की नीलामी में फ्रांस, जापान, इटली, सिंगापुर सहित 6 अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह चमत्कारिक परिवर्तन सरकार के संकल्प और ईमानदार समर्पण का प्रतिफल है। उन्होंने प्रदेश में नगरीय विकास के प्रयासों की भी सराहना की, कहा कि स्मार्ट सिटी के प्रथम चरण में चयनित 20 में प्रदेश के 7 नगरों का चयन सरकार की विकास प्रतिबद्धता को दिखाता है। अमृत योजना में भी मध्यप्रदेश अग्रणी है। उसने सबसे पहले पाँच वर्ष की योजना बनाकर उसका अनुमोदन भी करवा लिया है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन के लिये नर्मदा की सेवा जरूरी है। यह अत्यंत पवित्र प्रयास है। उन्होंने 12 करोड़ पौधे रोपित किये जाने की पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में न्यू इंडिया का निर्माण हो रहा है। सबका साथ, सबका विकास में विकास के लाभ सब तक पहुँचे, उसमें सबकी सहभागिता हो, इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई हो रही है। फलस्वरूप काम करने वाले अनजाने चेहरों को पदम पुरस्कार मिला है। एक करोड़ 20 लाख परिवारों द्वारा गैस सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ने की पहल हुई है। प्रधानमंत्री विकास के हर क्षेत्र में कार्य करवा रहे हैं। स्वतंत्रता के सत्तर वर्षों में भी जहाँ 18 हजार से अधिक गाँवों में बिजली नहीं पहुँच पायी थी वहीं अब अगले वर्ष तक सभी गाँव विद्युतीकृत हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि योजनाएँ दिल्ली में नहीं गली में बने, विकास की इस रणनीति पर केन्द्र सरकार कार्य कर रही है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नव एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री पीयूष गोयल ने रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट को देश-दुनिया के लिए मिसाल बताते हुए कहा कि प्राजेक्ट देश में आदर्श मानक के रूप में स्वीकार किया गया है। अतिशेष विद्युत उपलब्धता के बावजूद मध्यप्रदेश ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जो पहल की है वह सरकार की पर्यावरण के प्रति संवेदना और नव एवं नवकरणीय ऊर्जा के प्रति दूरदृष्टि की परिचायक है। उन्होंने कहा कि देश में सोलर ऊर्जा की न्यूनतम दर प्राप्त कर राज्य ने दिखा दिया है कि निर्णायक नेतृत्व, सहभागिता, परिणामोन्मुखी प्रयास, पारदर्शी प्रक्रिया, समयबद्ध कार्य, वित्तीय नवाचार, तकनीक और ईमानदार नीयत के साथ अकल्पनीय लक्ष्यों और परिणामों को भी प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति कर रहा है। नवकरणीय ऊर्जा की उपलब्धता 370 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। देश में वर्ष 2014 में 2600 की तुलना में आज 12,200 मेगावॉट नवकरणीय विद्युत उपलब्ध है। देश में वर्ष 2017 के अंत तक 20 हजार मेगावॉट विद्युत की उपलब्धता हो जायेगी जो पूर्व निर्धारित लक्ष्य का पाँच गुना होगी।
इंटरनेशनल फाइंनेस कॉर्पोरेशन की प्रतिनिधि सुश्री इसाबेल चैटरटन ने बताया कि स्वच्छ पेयजल, शिक्षा और रोजगार के लिए विद्युत आवश्यक है। इसकी अंतिम छोर तक उपलब्धता में संस्थान द्वारा सहयोग किया जाता है। उन्होंने रीवा परियोजना को टिकाऊ विकास का प्रभावी प्रयास बताया।
रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड के चेयरमेन श्री मनु श्रीवास्तव ने परियोजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परियोजना में कई कार्य देश में पहली बार हुए हैं। निवेश को सुरक्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गारंटी देने, वितरण बिन्दु रीवा को बनाने और राज्य सरकार की भूमिका में वृद्धि जैसे नवाचार हुए हैं। पारदर्शी प्रक्रियाओं, वित्तीय और संस्थागत नवाचारों के फलस्वरूप देश में सौर ऊर्जा की सबसे कम प्रति यूनिट दर 2 रूपये 97 पैसे की दर प्राप्त करने की सफलता मिली।
इस अवसर पर रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना संचालन से जुड़ी कंपनियों महिन्द्रा रीन्यूबेल्स प्राइवेट लिमिटेड, एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, एन आर ई वित्त विभाग म.प्र. शासन, महिन्द्रा सोलेनर्जी एग्री पॉवर लिमिटेड द्वारा अलग-अलग पी.पी.ए., आई.एस.ए, एल.यू.पी.ए.एस. और राज्य गारंटी से संबंधित प्रतिनिधियों के मध्य 17 इकरारनामे हस्ताक्षरित हुए। कार्यक्रम में उद्योग एवं खनिज मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, ऊर्जा मंत्री श्री पारसचंद जैन, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री व्ही.एस सिसोदिया एवं संबंधित कपंनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे