एलएनजी जल्दी ही नौकाओं का ईंधन बनेगा
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के तहत हल्दिया गोदी परिसर में, हल्दिया तेल घाट नंबर 1 के आसपास स्थित क्षेत्र में 30 वर्ष की अवधि के लिए एलएनजी भंडारण सुविधाओं की स्थापना के लिए 10 एकड़ निर्धारित की गयी है। इसमें निविदा एवं नीलामी के माध्यम से पाइपलाइन बिछाने और माल उतारने की सुविधा की अनुमति दी गई है। इस परियोजना को दिसंबर , 2016 तक भूमि को पट्टे पर देने की अनुमति देकर भूमि लीज मॉडल के तहत शुरू किया जाएगा। एलएनजी सुविधाएं भूमि के आवंटन की तारीख से 24 महीने के अंदर विकसित हो जाने का अनुमान है।
यह शिपिंग मंत्रालय के माल लागत घटाने और नौकाओं के लिए ईंधन के रूप में एलएनजी का उपयोग करके प्रदूषण को कम करने के लिए अभी हाल में शुरू किये गए प्रयासों के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण विकास है। एलएनजी के उपयोग से 20 प्रतिशत ईंधन की बचत होने की उम्मीद है। इससे कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 20-25 प्रतिशत तथा नाइट्रोजन / सल्फर ऑक्साइड के उत्सर्जन में 90 प्रतिशत की कमी होने की उम्मीद है। इसलिए सरकार एलएनजी की सुविधा और ढुलाई अंतर्देशीय जलमार्ग के साथ-साथ उचित स्थानों पर स्थापित करने के लिए कदम उठा रही है। फिलहाल कुछ उन्नत देश ही एलएनजी संचालित नौकाओं का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए हल्दिया गोदी परिसर को विकास के लिए एक बहुत ही सकारात्मक रूप में देखा जा सकता है।
एलएनजी को नौका ईंधन के रूप में पेश करने का प्रयास अंतर्देशीय जलमार्गों और तटीय शिपिंग को बढ़ावा देने के समग्र प्रयासों का हिस्सा है। अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) एक लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल प्रणाली है और इसे पिछले दो सालों से बहुत महत्व दिया जा रहा है। जल मार्ग विकास के अधीन गंगा नदी में नौकायन की सुविधा के लिए टर्मिनलों और अन्य सुविधाओं का निर्माण पहले से ही चल रहा है।
शिपिंग मंत्रालय पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के साथ नियमित रूप से विचार-विमर्श कर रहा है। पीएलएल हल्दिया, साहिबगंज, पटना और गाजीपुर में एलएनजी सुविधाएं स्थापित करने के लिए विस्तृत व्यवहार्य रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में है। यह रिपोर्ट इस वर्ष अप्रैल में मुम्बई में आयोजित समुद्रीय भारत सम्मेलन के दौरान आईडब्ल्यूएआई के साथ हस्ताक्षर किए एक समझौता ज्ञापन के अनुसार तैयार की जा रही है।
पीएलएल से नौकाओं के ईँधन के लिए एलएनजी की ढुलाई के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा सहायता का ब्यौरा तैयार करने के लिए अनुरोध किया गया था। जिसमें अपेक्षित गतिविधियां अर्जित करने के लिए लक्ष्य निर्दिष्ट करने के लिए भी कहा गया है। एलएनजी भंडारण केन्द्र गंगा नदी के साथ-साथ बनाए जा सकते हैं जिससे संभावित गैस उपभोक्ताओं को सुविधा होगी। एलएनजी ईंधन का सड़क परिवहन क्षेत्र में भी उपयोग किया जा सकता है।
गोवा और महाराष्ट्र के जलमार्ग में एलएनजी नौकाओं की शुरूआत के लिए जबरदस्त क्षमता है। पीएलएल से इस क्षेत्र में एलएनजी नौकाओं की शुरूआत पता लगाने के लिए अनुरोध किया गया था। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर एलएनजी आधारित नौकाओं के विकल्प के बारे में भी इस महीने की बैठक में चर्चा की गई थी।