बाढ़ रोकने के हरसम्भव उपाय करें – उद्दोग मंत्री श्री शुक्ल
बाढ़ पीड़ितों के राहत सहायता की समीक्षा
रीवा विगत दिनों अति वर्षा से आयी भीषण बाढ़ से प्रभावित हुआ था। बड़ी संख्या में लोगों को अत्यधिक परेशानी हुयी। भविष्य में दुबारा ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होने पाये इस उद्देश्य से उद्योग, वाणिज्य, खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने राजनिवास में अधिकारियों की बैठक लेकर उन सभी उपायों पर विचार और सर्वे कर उन्हें क्रियान्वित करने के निर्देश दिये जिससे भीषण बाढ़ की स्थिति कभी नहीं बने। उद्योग मंत्री ने बाढ़ प्रभावितों को पहुंचायी जा रही राहत सहायता की समीक्षा करते हुये राहत कार्य में और गति लाने के निर्देश दिये। बैठक में सम्भागायुक्त एस के पॉल, कलेक्टर राहुल जैन, नगर निगम आयुक्त कर्मवीर शर्मा, अधीक्षण यंत्री बाणसागर, एसडीएम हुजूर, संबंधित विभागों के अधिकारी, अजय नारायण त्रिपाठी , राजेश पाण्डेय, विवेक दुबे मौजूद थे।
उद्योग मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि रीवा नगर को बाढ़ से बचाने के लिये जरूरी है कि बिछिया और बीहर नदियों के कैचमेन्ट एरिया में लगातार अतिवर्षा की स्थिति में बढ़ रहे वर्षा जल को रोका और नियंत्रित किया जाय। दोनो नदियों के जल प्रवाह में अवरोधों को दूर किया जाय और जल निकासी तेजी से हो सके। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नदी के प्रवाह पथ पर सर्वे कर बताया जाय कि कहाँ नदी के किनारों का चौड़ीकरण, नदी को गहरा करना, पुल को चौड़ा कर जल निकासी को बढ़ाने की जरूरत है। इन कार्यों के लिये राज्य शासन द्वारा जरूरी संसाधन प्रदान कराये जायेंगे।
बैठक में गत दिवस आयी बाढ़ के कारणों के सम्बन्ध में चर्चा हुयी। जिसमें सभी ने अपने विचार और सुझाव रखे। बैठक में बताया गया कि पहले बधवार बांध,लिलजी बांध और फसइयां बांध में पानी रूकता था। जिसके कारण अतिवर्षा का जल तेजी से नदी में नहीं जा पाता था। और नदी से वर्षा जल तेजी से निकल जाता था। निर्णय लिया गया कि इन बाधों में आवश्यकता होने पर अतिवर्षा के जल को रोकने सर्वसम्मति से कार्ययोजना बने। मरम्मत कार्य करायें जायं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि रीवा नगर में बीहर नदी की अप एवं डाउन स्ट्रीम में कई किलोमीटर तक जल प्रवाह की रूकावटों को दूर किया जायेगा। जल प्रवाह बढ़ाने सर्वे कर चौड़ीकरण एवं गहरीकरण किया जाय। बैठक में निर्देश दिये गये कि इस वर्ष बाढ़ के पानी का भराव शहर में किस लेबल तक हुआ है। इसका चिन्हांकन नगर निगम द्वारा कर लिया गया है। ऐसा ही कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित विभाग के अधिकारी करें। नये निर्माणाधीन पुल का निर्माण बाढ़ के जल स्तर एवं जल निकासी को ध्यान में रख कर किया जाना चाहिये।
कलेक्टर ने बताया कि रीवा नगर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे पूरा कर लिया गया है। बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे भी कर लिया गया है। खाद्यान्न हेतु पर्चियों का वितरण शुरू हो चुका है। पन्द्रह हजार पर्चियां वितरित की जा रही हैं। कलेक्टर ने बताया कि नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की सभी राशन दुकानों में राशन सामग्री भेजी जा चुकी है। इस दौरान 242 स्वास्थ्य शिविर लगाये गये जिसमें बारह हजार बाढ़ प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। शहरी एवं ग्रामीण बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में साफ-सफाई लगभग पूरी हो गयी है तथा विद्युत आपूर्ति भी बहाल कर दी गई है। इन क्षेत्रों में मलेरिया से बचाव के लिये छिड़काव व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि शहर के दोनो फिल्टर प्लांट चालू हो गये हैं जिससे पानी की टंकियों में पानी भरने का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है।
बाढ़ प्रभावितों को राहत राशि वितरण के सम्बन्ध में कलेक्टर ने बताया कि बाढ़ प्रभावितों के लिये शासन द्वारा प्रदत्त राहत राशि में से 19 करोड़ 73 लाख 16 हजार रूपये नगर निगम व हुजूर क्षेत्र के लिये, 6 करोड़ जवा क्षेत्र के लिये और 8 करोड़ त्यौंथर क्षेत्र के लिये सर्वे के आधार पर आवंटित किये गये। शेष राशि बाढ़ प्रभावितों के लिये व्यय की जा रही है।
कलेक्टर द्वारा बताया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 80 प्रतिशत व्यक्तियों के खाते एकत्रित किये जा चुके हैं जिनमें राहत राशि भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि कोषालय द्वारा प्रतिदिन एक से दो करोड़ रूपये तक के बिल लगाये जा रहे हैं। जिनके खाते नहीं खुले हैं या जिनकी पासबुक बाढ़ से नष्ट हो गयी है उनके लिये जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सहित चार स्थानों पर खाते खोले जा रहे हैं। सर्वे से छूट गये लोगों के लिये तहसील कार्यालय में काउन्टर खोला गया है। साथ ही सर्वे सूची भी रखी गई है ताकि कोई भी पीड़ित सूची देख सके। भारी बारिश से सड़कों को पहुंची क्षति के बारे में बताया गया कि मरम्मत के लिये टेण्डर जारी किया जा चुका है और शीघ्र ही इन्हें दुरूस्त किया जायेगा। निपनिया पुल के भी खराब होने की जानकारी कलेक्टर ने बैठक में दी।