बाढ़ प्रभावितों को राहत सहायता दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी – मुख्यमंत्री
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज रीवा शहर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर बाढ़ की स्थिति का अवलोकन किया तथ बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने रीवा में आयी भीषण बाढ़ से प्रभावित मोहल्लों के भ्रमण के दौरान कहा कि बाढ़ प्रभावितों को राहत राशि दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। एक-एक घर का सर्वे किया जाकर प्रभावितों के क्षति का आकलन कर राहत सहायता राशि के साथ ही पुनर्वास की अन्य सामग्री भी उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण मृत्यु होने पर चार लाख रूपये दिये जायेंगे, साथ ही मकान के पूर्णतः क्षतिग्रस्त होने पर 95 हजार रूपये की राहत सहायता प्रदान की जायेगी। इसी प्रकार बाढ़ प्रभावित परिवार को पचास किलो गेंहूँ भी मिलेगा। बाढ़ से गाय-भैंस की मृत्यु पर 30 हजार रूपये, बछड़ा-बछड़ी की मृत्यु पर दस हजार रूपये, झुग्गियों व दूकानों के क्षतिग्रस्त होने पर तत्कालीन सहायता के तौर पर छः हजार रूपये, सुअर की मृत्यु पर तीन हजार रूपये व मुर्गी-मुर्गा की मृत्यु पर साठ रूपये की सहायता राशि संबंधितों को दी जायेगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त मकानों व घरेलू सामग्री के नष्ट होने पर प्रावधान अनुसार राहत सहायता राशि का वितरण बाढ़ प्रभावितों को किया जायेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नदी, नालों के किनारे बसे व्यक्तियों की सहमति से उन्हें सुरक्षित स्थान पर बसाने का भी कार्य कराया जायेगा ताकि निचले इलाकों में आये दिन जाने वाली बाढ़ से निजात दिलायी जा सके। श्री चौहान ने अपने भ्रमण के दौरान निपनिया, पद्मधर कालोनी सहित शहर के अन्य मोहल्लों का निरीक्षण कर बाढ़ के बाद की स्थिति को देखा। उन्होंने कहा कि शहर में मलवा हटाकर सफाई कार्य कराते हुए ब्लीचिंग पाउडर व दवाई का छिड़काव किया जाय ताकि कहीं भी बीमारी फैलने की आशंका न रहे। मृत पशुओं को तत्काल उठवाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय। उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्धता पर बल देते हुए कहा कि पानी से घिरे घरों के रहवासियों को आगामी दो दिन तक खाने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय। बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास के लिये पन्नियों व बांस बल्ली दिलाये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री जी ने त्यौंथर, जवा सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ राहत व पुनर्वास के पुख्ता इंतजाम कराने हेतु वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया।
श्री चौहान ने रीवा शहर के नागरिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा में सभी ने पूरे मनोयोग व समर्पण से मदद की, अब जरूरत इस बात की है कि बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास में मानवीय संवेदना के साथ सभी सहभागी बनें। लोगों का आत्म विश्वास बढ़ायें व सभी मतभेद भूलकर पीड़ितों को राहत देने में जुट जांय। उन्होंने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि इतनी भयावह आपदा में भी कोई दुर्घटना नहीं हुई और शासन-प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं आमजनों के सहयोग से भीषण आपदा से निबटा जा सका।
बाढ़ राहत शिविरों में पहुँचे मुख्यमंत्रीः- रीवा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावितों के लिये बनाये गये राहत शिविरों टी.आर.एस कालेज, आयुर्वेद महाविद्यालय का भ्रमण कर वहाँ प्रदाय की जाने वाले भोजन सामग्री व नाश्ता आदि का अवलोकन किया। बाढ़ प्रभावितों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने भावुक होते हुए कहा कि मैं स्वयं भाई बनकर बाढ़ प्रभावितों से मिलने व उनके दुःख दर्द में सहभागी बनने आया हूँ, सहायता में किसी भी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। शिविर में मिलने वाली सुविधाओं के विषय में उन्होंने संबंधितों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री जी ने स्वयं अपने हांथों से बाढ़ प्रभावितों को नाश्ता बांटा।
शहर भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री जी ने निपनिया, अमरैया टोला में प्रोटोकाल को तोड़कर मोहनलाल साकेत के घर के अंदर पहुँचे तथा बाढ़ से हुई क्षति को देखा। उन्होंने मोहल्ले में पानी निकासी के लिये नाली निर्माण के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री जी ने विक्रम पुल, उन्नत पुल व झिरिया पुल सहित शहर के विभिन्न मार्गों से पानी के फैलाव से हुई आपदा का अवलोकन किया। भ्रमण के दौरान उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, सांसद जनार्दन मिश्रा, महापौर ममता गुप्ता, विधायक सेमरिया नीलम मिश्रा, विद्या प्रकाश श्रीवास्तव सहित कमिश्नर एस.के.पॉल, आई जी आशुतोष राय, कलेक्टर राहुल जैन, पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह सहित जन प्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान गत 20 अगस्त की देर रात सड़क मार्ग से मैहर होते हुए रीवा पहुँचे। रीवा में उन्होंने उन्नत पुल से सर्चलाइट की रोशनी से बीहर नदी के पानी बहाव को देखा।