बाढ़ पीड़ितों की अधिकतम मदद करें- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने रीवा सम्भाग में अति वर्षा से पीड़ितों को राहत की समीक्षा की
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा, सतना जिलों सहित सम्भाग में अतिवर्षा और बाढ़ पीड़ितों को पूरी मानवीय संवेदना के साथ अधिकतम हर सम्भव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान रीवा में अतिवर्षा एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, वहां के पीड़ित लोगों और राहत शिविरों में अस्थायी रूप से रूके लोगों से मिलने के बाद सर्किट हाउस में सम्भाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में प्रदेश के उद्योग, खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, संसद सदस्य जनार्दन मिश्रा, महापौर ममता गुप्ता, सम्भागायुक्त रीवा एस.के.पाल, पुलिस महानिरीक्षक आशुतोष राय, कलेक्टर राहुल जैन, कलेक्टर सतना नरेश पाल, कलेक्टर सीधी, पुलिस अधीक्षक सतना, रीवा और सीधी, नगर निगम रीवा आयुक्त कर्मवीर शर्मा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नदी नालों में बाढ़ का पानी उतर रहा है। व्यापक नुकसान हुआ है। मध्य प्रदेश सरकार हर पीड़ित व्यक्ति के साथ है। उन्होंने निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मलवा हटाकर साफ-सफाई कार्य प्राथमिकता से किया जाय। पूरी कोशिश की जाय कि कहीं बीमारी नहीं फैले। शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के इंतजाम हों। जल स्त्रोतों के शुद्धीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाय। प्रभावित वार्ड, क्षेत्रों में चिकित्सा दल भेजे जाय तथा रोग पीड़ितों को जरूरी दवाइयां वितरित की जाय।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों के लिये अभी घर में भोजन पकाने का इंतजाम नहीं होगा। अतः अगले दो दिनों तक उन्हें पका भोजन उपलब्ध कराया जाय। उसके बाद प्रति पीड़ित परिवार 50 किलो खाद्यान प्रदान किया जाय।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावितों को राहत सहायता मध्यप्रदेश सरकार देगी अतः शीघ्र ही सर्वे कार्य प्राथमिकता से शुरू कराकर पूर्ण कराया जाय। सर्वे दल में पार्षद, पंच आदि स्थानीय जनप्रतिनिधि को भी शामिल किया जाय। बाढ़ से क्षति का आंकलन कर तत्काल राहत सहायता वितरित की जाय। उन्होंने कहा कि बाढ़ की वजह से मकान आदि गिरने से मृत्यु होने की स्थिति में चार लाख रूपये राहत सहायता दी जाय। कच्चा या पक्का मकान पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर 95 हजार रूपये प्रति परिवार दिया जाय। झुग्गी झोपड़ी नष्ट होने पर छः हजार रूपये राहत दी जाय। घर में पानी भरने पर समान आदि के नष्ट होने पर सर्वे अनुसार राहत दी जाय। गाय, बैल, भैंस की मृत्यु पर 30 हजार रूपये, मुर्गा-मुर्गी मृत होने पर 60 रूपये प्रति मुर्गा या मुर्गी प्रदान किये जाय। बाढ़ प्रभावित दुकान के लिये छः हजार रूपये, सुअर की मृत्यु पर तीन हजार रूपये की तात्कालिक राहत सहायता प्रदान की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी-नालों के किनारे बने मकानों में नहीं रहना चाहिये। इन स्थानों पर निवास करने वाले लोगों को ऊचे बेहतर स्थान पर बसाने के लिये उनसे चर्चा कर सहमति से बसाहट के अधिक बेहतर इंतजाम सुनिश्चित किये जाय।
रीवा की हाउसिंग बोर्ड कालोनी की समस्या के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि, अधिकारी वहां के निवासियों से चर्चा करेंगे। स्थायी हल निकाला जायेगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि नयी बनने वाली सरकारी और निजी कालोनियों में जल निकासी व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये। पुरानी कालोनियों में जहां जल निकास मार्ग में अतिक्रमण हो उन्हें हटाया जाय। नदी नालों के किनारे के अतिक्रमणों को हटाया जाना चाहिये। नागरिकों को स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने में सहयोग करना होगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि क्षतिग्रस्त सड़कों, पुल, पुलियों, विद्युत लाइनों, खम्भों, पेय जल पाइप लाइनों का सुधार कार्य युद्ध स्तर पर किया जाय। बैठक में बताया गया कि रीवा नगर का पेयजल फिल्टर प्लांट क्षतिग्रस्त हो गया है, मुख्यमंत्री ने तत्काल मरम्मत कराने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इसके लिये आवश्यक धन शासन द्वारा शीघ्र ही दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में आवश्यकता होने पर टैंकर से पेयजल आपूर्ति हों, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने में जहां प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी से कार्य किया है वहीं समाज से भरपूर मदद मिली है। लोगों ने संवेदनशीलता के साथ स्वप्रेरणा से मदद दी। स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग सराहनीय रहा।
मुख्यमंत्री ने शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में राहत कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उद्योग मंत्री श्री शुक्ल, संसद सदस्य जर्नादन मिश्र, संभागायुक्त श्री पाल, आईजी रीवा ने पर्याप्त संख्या में मोटर वोट का इंतजाम हर जिले में होने की आवश्यकता रेखांकित की। उद्योग मंत्री ने कहा कि बाणसागर जलाशय, रीवा में तीन जलाशय, गोविंदगढ़ के तालाब में पर्यटन सुविधा का विस्तार हो रहा है यदि इन जलाशयों में मोटर वोट उपलब्ध होती है तो पर्यटन एवं जरूरत होने पर राहत में इनका उपयोग हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश स्तर पर इस संबंध में निर्णय लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रभावित इलाकों में सर्वे अनुसार जरूरतमंदों को प्लास्टिक की पन्नी, तिरपाल प्रदान किया जाय ताकि वर्षा ऋतु के मद्देनजर बचाव हो सके।
उद्योग मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि नदियों के सकरें हिस्सों का चौड़ीकरण होना जरूरी है। निर्मित और निर्माणाधीन पुलों के सकरें हिस्सों का चौड़ीकरण होना चाहिये ताकि वर्षा जल प्रवाह शीघ्रता से हो सके।
बैठक में बताया गया कि त्यौंथर में शासकीय हास्पिटल बाढ़ से प्रभावित हुआ था। मुख्यमंत्री ने सुरक्षित स्थान पर हास्पिटल शिफ्ट करने के निर्देश दिये। इसी तरह रीवा के सिविल लाइन थाने तक बाढ़ का पानी आने की जानकारी दी गयी।
कलेक्टर रीवा राहुल जैन ने बताया कि नदियों के बैराज नियंत्रित करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बाढ़ नियंत्रण संबंधी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये।
सम्भागायुक्त श्री पाल ने रीवा सम्भाग में बाढ़ की विभीषिका और राहत कार्यों पर विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में बारिश की चेतावनी है। अतः जल निकासी की पूरी तैयारी करें। अतिवर्षा एवं बाढ़ की स्थिति में बचाव कार्य, राहत के इंतजाम सुनिश्चित रखें जाए। बैठक में बताया गया कि एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., सेना, होमगार्ड, पुलिसबल, शासकीय कर्मचारियों-अधिकारियों, नागरिकों, स्वयंसेवी संगठनों ने बचाव राहत कार्य में सराहनीय योगदान दिया। स्टीमर, मोटरवोट, हेलीकाप्टर का उपयोग किया गया।