17 अगस्त मा. राजेन्द्र शुक्ल जी के जन्मदिन पर विशेष

विकास के पर्याय राजेन्द्र शुक्ल

 
 
आज 17 अगस्त
प्रदेश के उद्यमी उद्योग मंत्री से राजेन्द्र शुक्ल जी का जन्मदिन है। उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देने के साथ हम उनके बने और बन रहे जनप्रिय व्यक्तित्व एवं जनहितैशी कृतित्व की भी चर्चा करेंगें।
 
सबसे पहले परम् श्रद्धेय आदरणीय स्व0 श्री भैया लाल शुक्ल जी को याद करते हुए मैं उन्हें आदराजंली अर्पित करना चाहूँगा। राजेन्द्र शुक्ल जी का यह पहला जन्मदिन है जब उन्हें पूज्य पिता स्व. श्री भैयालाल शुक्ल जी का आशीर्वाद अलौकिक रूप से प्राप्त होगा।
 
17 अगस्त 1964 को श्री भैयालाल शुक्ल तथा श्रीमती विद्यादेवी के द्वितीय पुत्र के रूप में आपका जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर इंजीनियरिंग स्नातक तक की शिक्षा भी आपकी रीवा में ही पूर्ण हुई। आपके पिता मध्यप्रदेश में एक ख्यातिलब्ध संविदाकार और विशेष रूप से सेतुशिल्पी तथा समाजसेवी के रूप में सम्मानित रहे। आप भी प्रारंभिक दौर में संविदाकार के रूप में अपने पिता जी का हाथ बटांते थे किन्तु आपका मन हमेशा राजनीति के माध्यम से बड़े स्तर पर समाजसेवा करने का ही रहा और जैसा कि सब जानते हैं कि आप छात्र जीवन में भी राजनीति से जुडे रहे तो आपने आगे भी वृहद् स्तर पर राजनीति के क्षेत्र में ही रहने का संकल्प ले लिया।
 
आपके पास आपके पिता जी का जमा जमाया संविदाकार का काम था, लेकिन जैसा कि निडर, साहसी आपका स्वभाव है तो आपने राजनीति के अनिश्चिय भरे मार्ग पर चलकर समाजसेवा का संकल्प ले ही लिया।
आपमें एक अच्छे राजनेता के गुण हैं, इसकी पहचान आपके चाचा जी स्व. उमाशंकर शुक्ल जी ने कर ली थी। आपके चाचा जी आपको हमेशा इस मार्ग में चलकर समाज और देश सेवा के लिये प्रेरित करते रहे। जब भी कभी किसी मोड़ पर आपको इस दिशा में आगे बढने और अडिग रहने के लिये मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी तो आपके चाचा जी ने सदैव आपके अभिभावक रूप में प्रसन्नता के साथ खड़े रहे। आज अगर यह कहा जाये कि राजनीति में आपको इस मुकाम तक पहुंचाने वाले आधारनींव अगर कोई है तो आपके आदरणीय चाचा जी हैं। आप स्वयं यह बताते हुये हर्षित होते हैं कि आदरणीय चाचा जी ने सदैव आपके मनोबल को उच्च बनाये रखा और प्रेरणा कुुंज बने रहे। आपके पिता जी ने आपको अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिये ईमानदार कर्मठशीलता की जहां प्रेरणा दी, वहीं लक्ष्य निर्धारण का काम आपके चाचा जी ने किया और इन सबके साथ धर्म स्वरूप छाया, भक्ति स्वरूपा, मानवता और संवेदनशीलता की पुजारन आपकी माताश्री की रही।
 
न दैन्यम् न पलायनम्
 
कर्मजीवी स्वभाव के धनी श्री राजेन्द्र शुक्ल को जो भी उत्तरदायित्व दिया गया, उसे उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ निभाया। 2003 में पहली बार रीवा विधानसभा के प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होने के साथ आप आज तक लगातार मध्य प्रदेश शासन के मंत्री के रूप में कार्य कर रहे। इस बीच आपको कई मंत्रालयों में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। सुखद बात यह है कि आपको जो भी मंत्रालय सौंपा गया, उसमें आपने पूरे मनोयोग से कार्य किया और संबंधी मंत्रालय के जनहितैषी कार्यों के पूर्णता में उसे सर्वश्रेष्ठ बना दिया।
 
वन मंत्री के रूप में कार्य करते हुये आपने पूरे प्रदेश में वन तथा वन्य जीव संवर्धन तथा विभाग के मजबूती के कार्य करने के साथ आपने विंध्य के लिये अविस्मरणीय कार्य ‘‘विश्व की प्रथम व्हाईट टाईगर सफारी का निर्माण मुकुन्दपुर के मांद जंगल में साकार कर दिया है।
3 अप्रैल 2016 से जनता के लिये समर्पित यह सफारी अद्भुत है। जैसा कि सभी को ज्ञात है कि सफेद बाघ विश्व को विंध्य की देन है। लेकिन लम्बा समय ऐसा भी रहा जब विंध्य ही अपनी पहचान सफेद बाघ से वंचित हो गया था। 40 वर्षों के अन्तराल के बाद आपने पुनः विंध्य की पहचान सफेद बाघ को उसकी जन्मस्थली में लाने का कार्य किया। विश्व की पहली व्हाईट टाईगर सफारी आज पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर रही है।
 
ऊर्जा मंत्री के दायित्व निर्वहन के समय आपने मध्य प्रदेश को देश का दूसरा ऐसा राज्य बना दिया, जहां 24 घण्टे सातों दिन बारहों महीने उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध है। आज मध्य प्रदेश बिजली के क्षेत्र में सरप्लस राज्य बन गया है। 28000 मेगावाट उत्पादन के साथ आज प्रदेश आत्मनिर्भर राज्य है। नवकरणीय विद्युत क्षेत्र में मध्य प्रदेश में देश के अंदर सर्वाधिक काम हुआ है। इसके लिये देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के नेतृत्व में आपने प्रथम पुरस्कार प्रदेश को दिलाया है। विश्व के सबसे बड़े सौर ऊर्जा प्लान्ट का कार्य भी आपके नवकरणीय मंत्रित्व काल में रीवा के गुढ़ की बदवार पहाड़ियों में प्रारंभ हो चुका है। आपकी कर्मठता का अंदाजा इन कार्यों से स्वतः लगाया जा सकता है।
 
खनिज विभाग आपके नेतृत्व में सर्वाधिक राजस्व संग्रहणकर्ता बना है तो पूरे देश में अवैध उत्खनन पर कार्यवाही करने तथा उसे रोकने में भी प्रथम रहा। खनिज विभाग जैसे विभाग में भी आपने सर्वोत्कृष्ट कार्य किया है।
जब आपके पास जनसंपर्क विभाग का दायित्व आया तो आपने पत्रकारों के कल्याण के लिये कई योजनाएं प्रारंभ की तो वहीं सरकार की योजनाओं का सर्वाधिक सफल प्रकाशन भी आपके कार्यकाल में हुआ। सिंहस्थ की देश तथा विदेश में जिस तरह की ब्रांडिंग हुई है उससे भारतीय सभ्यता संस्कृत का प्रचार-पसार सफलता पूर्वक हुआ है। सिंहस्थ के प्रति भारतीयों के मन में स्वतः आर्कषण रहता है, लेकिन प्रचार-पसार ने इसके आकर्षण को कई गुना बढा दिया तथा विपरीत प्राकृतिक परिस्थितियों में भी सर्वाधिक सफल आयोजन हुआ। पत्रकारों के चाहे सम्मान की बात हो या उनके स्वास्थ्य या जीवन बीमा की या आवास की सभी दिशा में आपके समय अविस्मरणीय कार्य हुआ है।
 
बात आवास एवं पर्यावरण की भी करते चले। नदी, झील संरक्षण योजना के तहत् रीवा के ऐतिहासिक रानी तालाब का जिस तरह से पुर्नउद्धार हुआ है, वह पूरे देश के लिये एक अनुकरणीय उदाहरण है। प्रसन्नता की बात यह है कि आज चिरहुला तालाब का भी पुर्नउद्धार उसी तर्ज पर चल रहा है।
 
विधि विधायी मंत्री रहते आपने रीवा के लिये रेवेन्यू बोर्ड की व्यवस्था करायी तो नये न्यायालय भवन के निर्माण के लिये मार्ग प्रशस्ती का कार्य किया। साथ ही उपभोक्ता फोरम की ब्रांच के लिये भी कार्य किया।
 
अभी कुछ ही दिन हुए हैं जब आपको उद्योग मंत्रालय की कमान सौंपी गई। इस दिशा में जिस तीव्रता से आपने सक्रीयता दिखाई है, इससे पूरे प्रदेश में एक नवीन आशापूर्ण वातावरण का निर्माण हुआ है। 22-23 अक्टूबर को इंदौर में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट होने वाली है, लेकिन जिस तरीके से उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने अभी मुंबई में हुई बैठक में मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने की रुचि दिखाई है, वह बहुत सुखद संकेत है। आपने उद्योग मंत्रालय की डोर संभालते ही उद्योग जगत को मध्य प्रदेश में उद्योग लगाने के लिये इस तरह प्ररित किया है कि आज कोई न कोई उद्योगपति आपसे मध्य प्रदेश में उद्योग लगाने की इच्छा लिए हुए मुलाकात कर रहा है।
 
माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जी कहते हैं कि खेती से सभी को रोजगार नहीं मिल सकता। उसके लिये प्रदेश में नवीन उद्योगों का विकास जरूरी है। इस दिशा में आपने कदम बढ़ा दिया है। जब आप ऊर्जा मंत्री थे और आज भी कृषि के क्षेत्र में सर्वाधिक सहयोग सब्सिडी के रूप में देने वाला विभाग ऊर्जा विभाग ही बना है। लेकिन जैसा कि मुख्यमंत्री जी और आपकी मंशा है कि प्रदेश के युवकों को प्रदेश में ही बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायें तो इसके लिये उद्योग संचालन के लिये पहली आवश्यकता थी-बिजली की, जो आपके नेतृत्व में पूरे प्रदेश को 24 घण्टे उपलब्ध है और अब उद्योगों का जाल माननीय मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में आपके मंत्रित्व, नेतृत्व में प्रदेश में बिछाया जायेगा, इसका संकेत आपके कार्यों से मिलने लगा है।
 
व्यवस्थित सार्थक तथा लक्ष्य आधारित कार्य करना आपकी खूबी है। अगर रीवा की बात की जाये तो नित-नए विकास कार्यों की गाथा आज लिखी जा रही है।
आपने बाण सागर के बांध को पूरा करके तथा उसकी नहरों को गांव-गांव पहुंचाकर रीवा की तकदीर बदलने का काम किया है। रीवा के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है और किसान को आराम मिला। मध्यप्रदेश ने विपरीत परिस्थितियों में भी लगातार 3 वर्षों से महामहिम राष्ट्रपति महोदय के हाथों से कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त किया है, उसमें विंध्य का योगदान सराहनीय है।
आपने अपने चुनावी घोषणा पत्र में रीवा में फूड प्रोसेसिंग पार्क की स्थापना की भी बात कही थी, अब उसके मूर्त रूप लेने का समय आ गया है। यह आपके व्यवस्थित कार्य करने के स्वभाव का ही परिणाम है। उद्योग स्थापना के पहले कच्चे माल तथा उद्योग के संचालन के लिए जरूरी व्यवस्थाओं का निर्माण कुशलतापूर्वक कर लिया जाय। निःसंदेह उद्योग मंत्रालय भी आपके नेतृत्व में नई उचांईयाँ प्राप्त करेगा।
 
 
बात रीवा तथा विंध्य के लोगों के स्वास्थ्य-देखभाल की भी कर ली जाय। इसके लिये आपने सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल का निर्माण प्रारंभ करा दिया है। इसके पहले जिला चिकित्सालय का निर्माण हुआ और वह आज सेवारत है। साथ ही संजय गांधी हाॅस्पिटल की व्यवस्थाओं को भी ठीक करने का हमेशा आपके द्वारा प्रयास किया जाता है। वहां एम.आर.आई. और डायलिसिस जैसे सुविधाओं के संचालन के साथ कैंसर के रोगियों का इलाज भी अब संभव है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिये सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल का निर्माण प्रारंभ हो चुका है, इसमें गंभीरतम बीमारियों का इलाज होगा। 150करोड़ रु. की लागत वाला यह सर्वसुविधायुक्त 7 मंजिला चिकित्सालय निर्माण के बाद पूरे विंध्य के लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी सौगात होगी।
 
विकास गाथाएं लिखने में क्या लिखूं क्या न लिखूं वाली स्थिति रहती है। अब बात द ग्रेट शो मैन राजकपूर की स्मृति में बनने वाले आॅडिटोरियम की भी कर लें, यह आॅडिटोरियम भी रीवा को नई पहचान दिलाने वाला होगा। इसके साथ ही नए-नए व्यापारिक प्रतिष्ठानों का निर्माण भी हो रहा है। पूरे रीवा को मीठा पानी देने की कठिन चुनौती को भी पूरा करने को सतत् प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही चारों तरफ नवीन सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में आवागमन सुगम हुआ है। सिरमौर चैराहे में बना फ्लाईओवर यातायात को सुगम बनाने के साथ रीवा को नई पहचान दे रहा है। आज पूरा क्षेत्र अलहदकारी विकास गाथा का गान कर रहा है।
एक तरफ विकास है तो दूसरी तरफ नित-नई खड़ी होती आवश्यक चुनौतियां भी है। बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या के दबाव से नित-नए विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने की आवश्यकता आन पड़ती है और यही कारण रहता है कि लोगों के द्वारा समय समय पर आवश्यक मांगें उठायी जाती है और उसका परिणाम यह होता है कि आप उस जनहितैषी आवश्यकता की पूर्ति का कार्य प्रारंभ कर देते हैं। न तो किसी तरह का आपके द्वारा बहाना बनाया जाता और न ही संसाधनों की कमी की बात की जाती, आप सदैव नागरिक सुविधाओं के विकास के लिये तत्पर रहते हैं।
कुछ समय बाद बीहर नदी के टापू पर बन रहा ‘‘इकोवाटर पार्क’’ पूर्णता को प्राप्त कर लेगा। आज भी वह अपनी मनोहारी छटा से सभी का मन मोह रहा है। पूर्ण होने के बाद यह रीवा के सौंदर्य में चार-चा़ंद लगाने वाला होगा।
 
मुकुन्दपुर व्हाईट टाईगर सफारी के बाद उससे लगे जंगल में ‘‘जंगल-वाक’’ का निर्माण किया जायेगा, जहां लोग प्राकृतिक वातावरण में स्वास्थ्य लाभ लेने के साथ प्रकृति की सुदंरता से एकाकार करेंगें। यह मनोरंजन का भी एक बहुत अच्छा स्थल होगा। इसके साथ ही रीवा के बीहर नदी में बाबा घाट से लेकर टाईगर सफारी तक लोग क्रूज की सफारी का भी आनंद उठायेंगें। नदी के किनारों का जहां सौंदरीयकरण किया जायेगा जो गुजरात की साबरमती नदी तट या लंदन के टेम्स नदी तट की तरह का होगा। साथ ही पूरे जिले के आस-पास के पर्यटक स्थलों का विकास किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन के रूप में रोजगार का सृजन हो रहा है।
 
रीवा में लगभग पूर्णता की ओर पहुंच रहा नवीन कलेक्ट्रेट भवन जो कर्नाटक के विधानसभा की तरह है। यह कार्य रीवा को महानगर की श्रेणी में लाने वाले कार्यों में से एक महत्वपूर्ण कार्य है
 
आने वाले समय में रीवा चोरहटा हवाई पट्टी एक लो कास्ट एयरपोर्ट के रूप में विकसित हो जाएगी जिससे रीवा में बड़े हवाई जहाज भी दिन या रात में आ-जा सकेंगें। यह जानकर सभी को खुशी होगी कि 5 स्टार होटल जो बड़े शहरों की शान समझे जाते है, वह रीवा में भी अपनी सेवाएं देने लगेंगें ।
भारतीय जनता पार्टी की रीवा में सफल सम्पन्न हुई अविस्मरणीय प्रदेश कार्य समिति की चर्चा भी करना यहां जरूरी है। जिस व्यवस्थित सफलता के साथ यह कार्य समिति आपके मार्गदर्शन में संपन्न हुई , वह पूरे प्रदेश के लिये एक नजीर बन गई है।
 
आपने रीवा में विकास के अवसरों की उपलब्धता का भी सृजन किया है। आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के कारण यह सब संभव हुआ कि आज निजी क्षेत्र के लोग भी रीवा में नित नए विकास कार्य कर रहे हैं। चाहे वह व्यापारिक क्षेत्र हो या फिर रियल स्टेट हो या शिक्षा या स्वास्थ्य ।
 
आपके कर्मठ स्वभाव और कर्मशीलता का ही परिणाम है कि आज किन्तु, परन्तु कि वजाय क्षेत्र में विकास की नई गाथा लिखी जा रही है। जब कोई अच्छा कार्य होता है तो कुछ सवाल उठाने वाले लोग सवाल भी उठाते हैं। अगर सवाल सार्थक हो तो वह सवाल काम करने वाले व्यक्ति को प्रेरणा प्रदान करता है और बेहतर कार्य करने के लिये दिशा निर्देश बनता है, लेकिन अगर सवाल केवल परेशान करने के लिये उठाये जायें तो उनकी परिणिति समय के साथ शून्य में हो जाती है। जब लोग सार्थक बात कहते हैं तो आप उसको सुनते हैं और बेहतर से बेहतर कार्य करने का प्रयास करते हैं वहीं अगर केवल विरोध स्वरूप सवाल उठाये जायें तो आप ‘‘कुछ तो लोग कहेंगें, लोगों का काम है कहना’’ कि तर्ज पर सुनकर जनहितैषी विकास कार्य में आप आगे बढ़ जाते हैं।
पहले हुए विकास कार्यों पर लोगों ने सवाल उठाये थे, आज वही लोग उन विकास कार्यों का आनंद ले रहें है, और जो आज विकास कार्य हो रहें हैं और जिन पर लोग सवाल उठा रहें हैं यही लोग आगे इनका आनंद उठाएंगें।
 
पर आप अर्जुन के किए उद्घोष की तरह ‘‘न दैन्यम् न पलायनम्’’ की तर्ज पर आगे बढ़ते रहिये और समाज हित, प्रदेश हित, देश हित और संपूर्ण जीव हित में कार्य करते रहिये, यही हम लोगों की शुभकामना है।
 
यहां माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जी के उन शब्दों का उद्धरण समीचीन होगा कि ‘‘मैं राजेन्द्र शुक्ल जैसा सहयोगी पाकर धन्य हूँ, जिन्होंनें प्रदेश को देश ही नहीं विश्व स्तर पर मान-सम्मान दिलाया है।’’
तो हम रीवा के लोग भी यह सहर्ष गर्व के साथ कहते हैं कि ‘‘हम भी राजेन्द्र शुक्ल जैसा कर्मठ जनप्रतिनिधि पाकर अपने को धन्य पाते हैं जिनका एक-एक क्षण जनता जनार्दन की भलाई और सच्चे अर्थों में कहें तो विश्व कल्याणार्थ समर्पित है।

अजय नारायण त्रिपाठी ‘‘अलखू’’

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