स्वैच्छिक संगठन शासन एवं समाज के बीच के सेतु है – जिला पंचायत अध्यक्ष
स्वैच्छिक संगठन शासन एवं समाज के बीच के सेतु है – जिला पंचायत अध्यक्ष
रीवा 25 फरवरी 2025. जिला पंचायत रीवा के सभागार में स्वैच्छिक संगठनों की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। जनअभियान परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल ने कहा कि स्वैच्छिक संगठन शासन एवं समाज के बीच के सेतु है। ग्रामीण विकास की प्रक्रिया में स्वैच्छिक संगठन, ग्रामीण विकास से जुडे हुए कार्यक्रमों की निगरानी और मूल्यांकन में ग्राम पंचायतों और सरकारी अभिकरणों की मदद करने में एक निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। महिलाओं व बच्चों के लिए तथा ग्राम विकास के संदर्भ में सभी महिला-पुरुष संबंधी मुद्दे में जनजागरूकता के लिए बेहतर कार्य कर सकते है। गैर सरकारी संगठन विकास योजनाओं के नियोजक और कार्यान्वयन कर्ता के रूप में कार्य कर सकते हैं। वे विकास के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थानीय संसाधनों को जुटाने में मदद करसकते हैं। एनजीओ एक आत्मनिर्भर और निरंतर समाज के निर्माण में भी मदद कर सकतेहैं । ये एजेंसियां लोगों और सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती हैं।
कार्यशाला में विषय प्रवेश कराते हुए जन अभियान परिषद के संभागीय समन्वयक प्रवीण पाठक ने बताया कि रीवा जिलें में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में संस्थाओं के आंतरिक प्रबंधन, सोशल आडिट, सीएसआर, आदर्श ग्रामकी अवधारणा एवं दस्तावेजीकरण के विषय में विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में रीवा व मउगंज जिलें के सभी विकासखंडों के प्रतिनिधियों की सहभागिता है। कार्यशाला में समापन सत्र में रीवा संभाग की उपायुक्त श्रीमती दिब्या त्रिपाठी, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.ज्योति सिंह एवं रेडक्रास सोसायटी रीवा के चेयरमैन डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी ने प्रतिभागियों को संबोंधित किया। समापन सत्र में उपायुक्त दिब्या त्रिपाठी ने सभी संस्था प्रमुखों से अपने आंतरिक प्रबंधन को दुरूस्त करते हुए, शासन द्वारा संचालित होने वाली जन हितैषी योजनाओं के क्रियान्वयन में सभी से सहयोग करने की आपेक्षा रखी। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.ज्योति सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए सभी से नि:स्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का आहवान किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी ने सभी संस्थाओं से समाज के अंतिम पंक्त् िमे बैठे व्यक्ति की सेवा करने की बात कही। उन्होने कहा कि आप सभी को समाज मे ऐसे वर्ग की सेवा का अवसर मिला है, जिसे सचमुच आवश्यकता है । गरीब की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, इस भाव से सभी लोग कार्य करें।
कार्यशाला में श्री बृजेश सिंह ने स्वयंसेवी संस्थाओं के आंतरिक प्रबंधन, श्री राजेन्द्र मिश्रा ने सोशल आडिट व संभाग समन्वयक ने स्वैच्छिक क्षेत्र की अवधारणा, आदर्श ग्राम विकास की अवधारणा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र वितरण कर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती गुलबसिया साकेत, समाजसेवी श्री सुजीत द्विवेदी व वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रदीप गौतम सुमन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विकासखंड समन्वयक अमित अवस्थी, अजय चतुर्वेदी, सुषमा शुक्ला, अनीता मिश्रा, धीरेन्द्र शुक्ला, राजेश अवधिया, जयराम कुशवाहा, बी पी सिंह, देवेन्द्र दुबे, राजराखन पटेल व जिले से आये हुए स्वैच्छिक संगठनों ने अपनी सक्रिय सहभागिता की।