निरोगी काया अभियान में जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और आमजन सहभागी बनें – उप मुख्यमंत्री
निरोगी काया अभियान में जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और आमजन सहभागी बनें – उप मुख्यमंत्री
निरोगी काया अभियान 31 मार्च तक होगा संचालित
रीवा 25 फरवरी 2025. उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश में केंद्र सरकार के मार्गदर्शन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में 31 मार्च तक ‘निरोगी काया अभियान’ संचालित किया जा रहा है। इस महाभियान के तहत प्रदेश में 12 हज़ार से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों, जन आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिकों में 30 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की मधुमेह (डायबिटीज), रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) और फैटी लिवर जैसी प्रमुख असंक्रामक बीमारियों (एनसीडी) की निःशुल्क जांच की जा रही है। उप मुख्यमंत्री ने आमजनों, जन-प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन से इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने आसपास के नागरिकों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए प्रेरित करें। आमजन अपने नजदीकी जन आरोग्य मंदिर, संजीवनी क्लिनिक या स्वास्थ्य केंद्र पर पहुँचकर अपनी निःशुल्क जांच अवश्य करवाएँ। स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएँ रविवार को छोड़कर सप्ताह में 6 दिन उपलब्ध हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को असंक्रामक बीमारियों की रोकथाम और समय पर पहचान के प्रति जागरूक करना है। अक्सर यह देखा गया है कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और फैटी लिवर जैसी बीमारियाँ आरंभिक अवस्था में लक्षणहीन होती हैं, जिससे लोग इन्हें पहचान नहीं पाते और समय पर इलाज नहीं हो पाता। यह समस्या खासकर ग्रामीण और सुदूर इलाकों में अधिक देखने को मिलती है। ऐसे में जब बीमारी बढ़ जाती है, तो मरीजों को गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। इस अभियान के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रदेश के हर व्यक्ति तक आवश्यक स्वास्थ्य जांच और उपचार सेवाएँ पहुंचें। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि निरोगी काया अभियान के तहत अब तक 6 लाख लोगों की मधुमेह और रक्तचाप की जांच पूरी की जा चुकी है, जबकि 2 लाख लोगों की फैटी लिवर की जांच हो चुकी है। यह आँकड़े इस अभियान की सफलता को दर्शाते हैं और इस बात को प्रमाणित करते हैं कि नागरिकों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है।