बुलडोजर पर सुप्रीम रोक नहीं 

बुलडोजर पर सुप्रीम रोक नहीं

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुलडोजर बाबा के रूप में प्रसिद्ध हो चुके हैं ।इन्होंने अपराध तथा अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए उनकी अपराध से अर्जित नाजायज संपत्तियों को ध्वस्त करना प्रारंभ कर दिया है।
 वैसे भी लोग अपराध करके संपत्ति और रुतबे  का निर्माण करते हैं। योगी जी ऐसे अपराधियों के रुतबे के साथ संपत्ति पर बुलडोजर चलवा रहे हैं ।
उनकी देखा देखी देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपराधियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। जनता भी इस न्याय से खुश होती है क्योंकि आज तक यही देखा जाता था जेल बेल फिर खेल ।
अवैध संपत्ति अर्जित कर अपराधी समाज में सम्मानित होने के साथ राजनीति में कदम रखता और नेता बन जाता है जो इन अपराधियों से पीड़ित होते हैं तो वह तथा समाज यह देखता है कि उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती थी। क्योंकि यह इतने बाहुबली हो चुके थे कि कोई इनके खिलाफ गवाही तक नहीं देता था अपराध के द्वारा अर्जित संपत्ति से यह तथा इनका परिवार रहीसी करता था। लेकिन अब योगी आदित्यनाथ ने पत्ते  तोड़ने की वजाय पेड़ को  जड़ उखाड़ने का काम किया है।
जिस संपत्ति को बनाने के लिए अपराध किया गया योगी जी ने उस संपत्ति को ही बुलडोजर के तले रौंद दिया।इससे अपराध तथा अपराधी का रुतबा भी समाप्त हो गया ।
लेकिन अपराधियों के साथ कई जगह  अन्य राज्यों के सरकारी कर्मचारी तथा राजनीतिक दल के लोग कभी-कभी अपने विरोधियों को परास्त करने के लिए भी बुलडोजर का उपयोग करने लगे। अपराधियों के परिवार के साथ ऐसे लोगों ने भी न्यायालय की सारण ली जिनको बेवजह परेशान किया गया। इसमें यह भी देखा गया कि  अपराध बेटे ने किया संपत्ति उसके या भाई की ध्वस्त की गई ।
 जरूरी यह था की कार्यवाही अपराधी तथा उसके द्वारा अर्जित निर्मित अवैध संपत्ति पर हो ऐसे बुलडोजर न्याय को उच्चतम न्यायालय ने के न्यायाधीश बी आर गवई तथा के वी विश्वनाथन ने अनुचित बताया साथ ही कहा कि अगर अपराधियों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है तो उसको रोक नहीं है ।उन पर विधि सम्मत बुलडोजर चलाया जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि दोषी अपराधी का भी घर गिरने में कानून का पालन किया जाना चाहिए।
 वैसे न्यायपालिका तथा कार्यपालिका में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई रोक नहीं है लेकिन मीडिया ऐसे प्रकरण को पेश करता है जैसे दोनों में विभेद हो तथा यह भी प्रचारित किया जाता है कि उत्तर प्रदेश में किसी धर्म विशेष के लोगों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है जबकि हकीकत यह है कि जहां जिस समाज में अपराधी ज्यादा होंगे जिस धर्म को मानने वाले अपराधियों की संख्या ज्यादा होगी तो कार्यवाही भी वहां ज्यादा ही दिखेगी ।
उच्चतम न्यायालय ने अवैध  कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है जहां अवैध कब्जा है उसको ध्वस्त  करने में कोई रोक नहीं है केवल यह कहा है कि कोई भी कार्यवाही हो वह विधि सम्मत हो ।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
18 सितंबर 2024
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