सरकार का सराहनीय कार्य राजस्व दस्तावेजों का डिजटालाइजेशन
सरकार का सराहनीय कार्य राजस्व दस्तावेजों का डिजटालाइजेशन
जिन राजस्व रिकॉर्ड के लिए जनता को वर्षों तहसील कार्यालय तथा राजस्व लेखागार के चक्कर लगाना पड़ता था, पटवारी ,तहसीलदार यहां तक की कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने पड़ते थे। कलेक्टर के सामने उन्हें अनुनय विनय के साथ कार्यालय मे चढ़ौत्री चढ़ाने पर भी जरूरी नहीं रहता था कि रिकॉर्ड मिल ही जाए।
पुराने रिकॉर्ड प्राप्त करना बड़ा श्रमसाद्ध तथा महंगा कार्य था । ज्यादातर तो यही जवाब रहता था कि रिकार्ड उपलब्ध नहीं है क्योंकि पुराने रिकॉर्ड को ढूंढने में कार्यरत कर्मचारियों को मेहनत करनी पड़ती है कई बार तो विरोधी पक्ष द्वारा रिकॉर्ड रूम में कर्मचारियों को पैसा देकर रिकॉर्ड गायब कर दिए जाते थे। यह कह दिया जाता था कि रिकार्ड उपलब्ध नहीं है।
ऐसा अनुभव बहुत लोगों के साथ मेरा भी है। जमीन संबंधी विवाद में मेरे दादाजी को कुछ पुराने रिकॉर्ड चाहिए थे तो वह तहसील में नकल के लिए आवेदन लगाते रहे वहां से कहा गया कि रिकॉर्ड पुराने हैं आपको सतना से मिलेंगे, सतना जाने पर कहा गया कि पुराने रिकॉर्ड नागौद में रखे हैं आप वहां जाइए इस तरह बरसों चक्कर लगाते रहे। सतना – नागौद में भी आवेदन देने पर रिकॉर्ड नहीं मिला कभी संबंधित कर्मचारी नहीं रहते थे अगर कभी रहते थे तो उनको समय नहीं रहता था अगर समय भी दिया तो आवेदन मे बाद मे आइएगा लिख कर दे दिया जाता था। बाद मे जाने पर रिकॉर्ड पुराना है उपलब्ध नहीं है तो कभी-कभी अन्य कारण बताए जाते और कभी यह कह कर भेज दिया जाता कि रिकॉर्ड पुराना और जर्जर है।
कुल मिलाकर श्रम धन दोनों खर्च करने पर भी रिकॉर्ड मिलना मुश्किल था।
ऐसी कहानी आम है और अभी भी है लेकिन सरकार का दस्तावेजों का डिजिटालाइजेशन के कार्य ने काफी कुछ तश्वीर बदली है।
मेरे दादाजी, मेरे पिताजी लगभग साठ वर्षों से जिन राजस्व रिकार्ड को प्राप्त करने के लिए रामपुर बाघेलान तहसील जिला सतना और अभिलेखागार नागौद के चक्कर लगाते रहे मध्य प्रदेश सरकार की वेबसाइट भू अभिलेख के अंतर्गत स्कैन दस्तावेज में उपलब्ध हो गए हैं।
आज घर बैठे आराम से जरुरी राजस्व रिकॉर्ड मेरे द्वारा अपने कार्य के लिए निकाल लिया गया है। यह डिजटालाइजेशन की ताकत है।
लेकिन सरकार के सराहनीय पहल को कर्मचारी सफल होने नही देना चाह रहे हैं। सरकार के बार-बार कहने पर भी अपेक्षित प्रगति राजस्व रिकॉर्ड अपलोड मे नहीं आई है।
सरकार की मनसा है कि सभी राजस्व रिकॉर्ड को स्कैन कर पब्लिक डोमेन में डाल दिया जाए जिससे जब जिसको जैसी आवश्यकता हो वह इन दस्तावेजों को लेकर न्याय प्राप्त कर सके। राजस्व रिकॉर्ड के डिजटालाइजेशन से राजस्व की प्राप्त भी बढ़ी है क्योंकि यह सब ऑनलाइन है लगातार लोग अपने काम के राजस्व अभिलेख निकलवा रहे हैं और सीधे पैसा सरकार के खाते में जा रहा है ।
मैंने स्वयं पन्द्रह सौ से ज्यादा रुपए जमा कर पुराने राजस्व रिकॉर्ड प्राप्त किया है ।ऐसे ही चालीस पैतालिस लोग और भी हैं जो इन अभिलेखों को ऑनलाइन प्राप्त करने के बाद न्याय के लिए न्यायालयीन कार्यवाही में अग्रसर हैं और सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो रही है।
राजस्व अभिलेखों का डिजटालाइजेशन लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक अति महत्वपूर्ण कार्य है लेकिन इसमें और गति लाने की आवश्यकता है साथ ही ज्यादा से ज्यादा अभिलेखों को स्कैन कर अपलोड करने की भी आवश्यकता है । अगर संभव हो तो सभी अभिलेख अपलोड हों यहां तक कि प्रकरणों की निर्णय के साथ संपूर्ण कार्यवाही भी।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
23 सितंबर 2024
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