किसानों के लिए वरदान है हैप्पी सीडर – नरवाई का निदान और बुवाई एक साथ
किसानों के लिए वरदान है हैप्पी सीडर – नरवाई का निदान और बुवाई एक साथ
रीवा 28 मई 2024. खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए शासन द्वारा कई योजनाएं लागू की गई हैं। किसानों को आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी का उदाहरण हैप्पी सीडर है। हैप्पी सीडर ट्रैक्टर के साथ जुड़कर कार्य करने वाला ऐसा यंत्र है जो नरवाई की समस्या का निदान करने के साथ-साथ बुवाई भी करता है। जो किसान धान की खेती के बाद गेंहू और चने की बुवाई करते हैं उनके लिए यह अत्यंत उपयोगी है। हैप्पी सीडर धान अथवा अन्य किसी भी फसल के डंठल जिसे नरवाई कहा जाता है उसे आसानी से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी मे मिला देता है। इसके उपयोग से नरवाई को जलाने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे एक ओर पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण होता है वहीं दूसरी ओर मिट्टी के ऊपरी परत के उपयोगी जीवाणुओं के जीवन की रक्षा भी होती है। हैप्पी सीडर से नरवाई वाले खेत में सीधे गेंहू, चने अथवा अन्य फसल की बोनी की जा सकती है। हैप्पी सीडर में बीज और खाद के लिए अलग-अलग बॉक्स लगे रहते हैं। बीज की गहराई भी इससे कम या अधिक की जा सकती है। हैप्पी सीडर के उपयोग से एक एकड़ में बुवाई करने पर लगभग पाँच हजार रुपए की बचत होती है। इसके उपयोग से किसान को नरवाई की झंझट से मुक्ति मिलती है। जो नरवाई किसान के लिए समस्या है उसे हैप्पी सीडर खाद के रूप में बदलकर वरदान बना देता है।
संभागीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग सतना में हैप्पी सीडर उपलब्ध है। शासन की योजनाओं के तहत किसान को हैप्पी सीडर खरीदने पर 40 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। हैप्पी सीडर सामान्य तौर पर एक दिन में 6 से 8 एकड़ क्षेत्र में नरवाई नष्ट करके सीधे बुवाई कर देता है। गेंहू के बाद जिन क्षेत्रों में मूंग की खेती की जाती है वहाँ भी हैप्पी सीडर बहुत उपयोगी है। हार्वेस्टर से कटाई के बाद गेंहू के शेष बचे डंठल को आसानी से मिट्टी में मिलाकर हैप्पी सीडर मूंग की बुवाई कर देता है। हैप्पी सीडर के उपयोग से जुताई का खर्च बच जाता है। नरवाई नष्ट करने, जुताई और बुवाई एक साथ हो जाने से खेती की लागत घटती है। धान की फसल के बाद सीधे बुवाई करने पर सिंचाई की बचत होती है। बिना पलेवा लगाए किसान गेंहू की बोनी कर सकते हैं। हैप्पी सीडर के उपयोग से बुवाई में 15 दिन की बचत होती है। समय पर गेंहू और चने की बोनी हो जाने से उत्पादन लगभग 20 प्रतिशत अधिक प्राप्त होता है। जिन किसानों के पास ट्रैक्टर हैं उनके घर के शिक्षित युवा हैप्पी सीडर खरीदकर एक सीजन में एक लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।