दुगनी मशीन लगाकर बरसात के पहले जी.एस.बी. का कार्य पूर्ण करें – राजेन्द्र शुक्ल
प्रभारी मंत्री ने की मझगवां-चित्रकूट और सतना-बेला सड़क निर्माण की समीक्षा
प्रदेश के ऊर्जा खनिज साधन जनसंपर्क मंत्री तथा सतना जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रविवार को सतना नगर के प्रवास के दौरान सर्किट हाउस में म.प्र. राज्य सडक विकास निगम के अधिकारियो और सडक निर्माण एजेंसियो के प्रतिनिधियो की बैठक लेकर मझगवां-चित्रकूट फोरलेन और सतना-बेला फोरलेन मार्ग निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर कलेक्टर नरेश पाल, सी.ई.ओ. जिला पंचायत संदीप शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह गहरवार भी उपस्थित थे।
प्रभारी मंत्री श्री शुक्ल ने मझगवां-चित्रकूट सडक मार्ग की समीक्षा करते हुये कहा कि बरसात के पहले-पहले अर्थवर्क वाले कार्य मे जी.एस.बी. कार्य पूर्ण हो जाना चाहिये। इसके लिये अभी जितनी मशीन लगाई गई है उसकी संख्या दुगनी कर बरसात के पहले जी.एस.बी. का कार्य पूर्ण करे ताकि आम जनता को बरसात में कोई परेशानी नही हो। उन्होने कलेक्टर से कहा कि मझगवां चित्रकूट सडक में रातो दिन काम चलने के लिये ठेकेदार और मजदूरो को सुरक्षा की व्यवस्था भी उपलब्ध करानी होगी। इसके लिये पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम किये जाये। मझगवां-चित्रकूट सडक मार्ग के निविदाकार ने बताया कि मझगवां से चौरहा तक 10 कि.मी. और गुप्त गोदावरी तक 10 कि.मी. तक की सडक का अर्थवर्क पूरा किया जा चुका है। मझगवां बाईपास पूरा बन गया है मगर अभी मुख्य सडक पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि पूरी सडक मे जी.एस.बी. का कार्य एक माह मे पूर्ण कर लिया जायेगा। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जी.एस.बी. का कार्य एक माह नही 15 दिन मे बरसात के पूर्व तक पूर्ण किया जाये।
सतना-बेला फोरलेन मार्ग की समीक्षा के दौरान कार्य की लेट-लतीफी पर प्रभारी मंत्री श्री शुक्ल ने गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होने कहा कि सतना-बेला फोरलेन मार्ग का उनके द्वारा स्वयं दो-तीन बार निरीक्षण किया जा चुका है। सडक निर्माण में कोई प्रगति परिलक्षित नही हो रही और ना ही कार्य चलता हुआ दिखाई दे रहा है। निविदाकार ने बताया कि जुलाई माह में सडक फाउण्डेशन का कार्य पूरा कर लिया जायेगा। अभी 15 कि.मी. के शेष कार्य मे 9 कि.मी. मे डीबीएम हो चुका है शेष 6 कि.मी. के 4 कि.मी. के हिस्से मे थर्डटाप पूरा किया गया है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि बाईपास में अभी रेलवे ओव्हरब्रिज का कार्य शुरू नही हुआ है ऐसी स्थिति मे पूरा ध्यान मुख्य सडक के इस 15 कि.मी. पर दिया जाये। साथ ही पुरानी सडक के पैच रिपेयर का कार्य भी जारी रहना चाहिये। उन्होेने कहा कि सुनिश्चित करे कि बरसात के समय मे सतना बेला मार्ग में चलने योग्य सडक रहे तथा वाहनो को आने-जाने मे कोई कठिनाई नही हो।