महिलाओं को उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए प्रत्येक शासकीय कार्यालय में आंतरिक समिति गठित करें – कलेक्टर
आंतरिक समिति गठित न करने पर होगा 50 हजार रूपये का जुर्माना
रीवा 27 जुलाई 2023. कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने निर्देश दिये हैं कि ऐसे कार्यालय, संगठन, उपक्रम, संस्था, (शासकीय/अशासकीय) प्राइवेट सेक्टर, सोसायटी , दुकान, बैंक, सहकारी संस्थाएं शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान उद्यम मनोरंजक संस्थाएं अस्पताल स्टेडियम, खेल कूद संस्थान, निवास गृह जहां 10 या 10 से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारी कार्यरत हैं वहां आंतरिक समिति गठित की जाय। उपरोक्त संमिति सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम अन्तर्गत 2013 के क्रियान्वयन से संबंधित है।
उन्होंने कहा है कि अधिनियम की धारा 4 के अन्तर्गत समस्त कार्यालयों में आंतरिक समिति का गठन किया जायेगा। यदि आंतरिक समिति का गठन नही किया जाता है तो नियोजक को 50 हजार रूपये तक जुर्माना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आंतरिक समिति में पीठासीन अधिकारी और हर सदस्य अपने नामांकन की तारीख से 3 वर्ष तक सदस्य रह सकता है। उन्होंने कहा कि आंतरिक समिति में वरिष्ठ स्तर की महिला पीठासीन अधिकारी होंगी। कर्मचारियों में से 2 सदस्य ऐसे होंगे जो महिलाओं की समस्याओं से प्रतिबद्ध हैं या जिनके पास समाज सुधार कार्य के अनुभव का विधिक ज्ञान है। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों या ऐसोसियेसन का एक सदस्य जो महिलाओं की समस्याओं के प्रतिबद्ध है या ऐसा कोई व्यक्ति जो लैंगिक उत्पीड़न संबंधित मुद्दों से परिचित हो। उन्होंने कहा कि आंतरिक समिति में कम से कम आधी सदस्य महिलाएं होगी। समिति में एक पुरूष का होना अनिवार्य होगा।