समाचार-पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशकों की सुविधा के लिए पोर्टल शुरू
रीवा 03 फरवरी 2023. प्रेस और पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश से प्रकाशित नियतकालिक प्रकाशन की एक प्रति जिला जनसम्पर्क कार्यालय में नि:शुल्क देना अनिवार्य है। प्रकाशकों की सुविधा की दृष्टि से प्रकाशन की प्रति जमा करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की गई है।
प्रेस और पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1867 के धारा-9 में प्रावधान है कि समाचार-पत्र और पत्रिकाओं के या अन्य नियतकालिक प्रकाशन के प्रकाशित होने के पश्चात उसकी प्रति यथाशीघ्र जिला जनसम्पर्क कार्यालय को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाय। इसके साथ ही एक प्रति आयुक्त जनसम्पर्क संचालनालय की पंजीयन शाखा में उपलब्ध कराई जाए।
वर्तमान में प्राय: यह देखा जा रहा है कि समाचार प्रकाशक प्रकाशन के बाद समय पर नियमित रूप से जिला जनसम्पर्क कार्यालय में प्रकाशन की प्रति जमा नहीं करा रहे हैं। इस व्यवस्था से प्रकाशक समाचार-पत्र-पत्रिकाओं की एक प्रति एक नियत तिथि तक ही जमा करा सकेंगे। इसके लिए समाचार पत्र प्रकाशक को प्रेस एवं पंजीयन अधिनियम 1867 के तहत दिए गए निर्देशों के परिपालन में प्रकाशित समाचार पत्र की एक प्रति आयुक्त जनसंपर्क संचालनालय तथा एक प्रति संबंधित जिले के जनसंपर्क कार्यालय को नि:शुल्क उपलब्ध कराना आवश्यक है। नवीन व्यवस्था के अनुसार पोर्टल में प्रकाशक को जनसंपर्क कार्यालय के माध्यम से आरएनआई से उनके प्रकाशन, प्रकाशन स्थल तथा प्रकाशक के संबंध में अभिलेख अपलोड कराने होंगे। एक बार अभिलेख उपलब्ध कराने के बाद इसके पुन: देने की आवश्यकता नहीं होगी। अब तक 53 दैनिक, साप्ताहिक तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं ने अपने पंजीयन की जानकारी संभागीय जनसंपर्क कार्यालय को उपलब्ध कराई है। इनमें से अभी कई समाचार पत्रों की प्रतियां प्राप्त नहीं हो रही हैं। जनसंपर्क कार्यालय में हर माह निर्धारित समय-सीमा में समाचार पत्र की निर्धारित न्यूनतम प्रतियाँ उपलब्ध कराने के बाद कार्यालय से पोर्टल पर दर्ज की जाएंगी। इसके बाद नियमितता संबंधी प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। निर्धारित समय-सीमा में न्यूनतम अंक उपलब्ध न कराने पर नियमितता प्रमाण पत्र जारी किया जाना संभव नहीं होगा। जिन समाचार पत्रों ने अब तक पंजीयन की जानकारी नहीं दी है वे तत्काल जानकारी उपलब्ध कराएं। साथ ही सभी समाचार पत्र संपादकों एवं प्रकाशकों से अनुरोध है कि जनसंपर्क कार्यालय को प्रकाशित प्रतियाँ नियमित रूप से एवं समय से उपलब्ध कराएं जिससे नियमितता संबंधी जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जा सके। निर्धारित समय-सीमा के बाद प्राप्त प्रतियों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज किया जाना संभव नहीं होगा।