सिंहस्थ में भरपूर बिजली उपलब्ध
118 करोड़ के अधो-संरचना विकास के कार्य
पंचक्रोशी मार्ग के लिये 200 के.वी.ए. के 10 ट्रांसफार्मर
साधु-संतों के पंडालों के लिये बिजली के 2700 कनेक्शन
उज्जैन सिंहस्थ में राज्य शासन द्वारा बिजली आपूर्ति के पुख्ता प्रबंध किये गये हैं। बिजली प्रदाय की ऐसी व्यवस्था की गई है कि मेला क्षेत्र और उज्जैन शहर में बिजली आपूर्ति में व्यवधान न हो। बिजली संबंधी अधो-संरचना के विकास पर 118 करोड़ 15 लाख रूपये व्यय किये गये हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा एकीकृत विकास प्रणाली (आई.पी.डी.एस.) में 21 करोड़ 67 लाख रूपये की लागत से बिजली संबंधी कार्यों का सुदृढ़ीकरण किया गया है। पंचक्रोशी यात्रा मार्ग में सुचारु विद्युत आपूर्ति के लिये 200 के.वी.ए. के 10 ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं ।
उज्जैन और सिंहस्थ मेला क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के लिये व्यापक नेटवर्क तैयार किया गया है । मेला क्षेत्र का बिजली भार 100 एम.वी.ए. और शहर का 110 एम.वी.ए. है। अति उच्च दाब सब-स्टेशन की क्षमता 500 एम.वी.ए. की गई है। शहर और मेला क्षेत्र में 33/11 के.वी. के 27 सब-स्टेशन से बिजली सप्लाई की जा रही है। सब-स्टेशनों की कुल क्षमता 351 एम.वी.ए. है। वर्तमान में मेला क्षेत्र का बिजली भार 40 मेगावॉट एवं शहर का 40 मेगावॉट समेत कुल बिजली भार 100 मेगावॉट है।
बिजली अधो-संरचना के 49 कार्य किये गये हैं। इसमें अति उच्च दाब के 4, प्रणाली सुदृढ़ीकरण के 31, अस्थाई प्रकृ़ति के 9 और वॉकी-टॉकी एवं चेंज-ओव्हर के 5 कार्य शामिल हैं । बिजली अधो-संरचना के विकास कार्यों में 132 के.वी. के नये सब-स्टेशन का निर्माण, 132 के.वी. की ज्योति नगर व रातड़िया सब-स्टेशन की क्षमता में वृद्धि, 33 के.वी. की 2.47 किलोमीटर लम्बी लाईन का निर्माण, महाकाल सब-स्टेशन का स्थान परिवर्तन, 33/11 के.वी. के 18 सब-स्टेशन की क्षमता वृद्धि, 11 के.वी. की 34 किलोमीटर लम्बाई की नई लाईन का निर्माण, पंचक्रोशी मार्ग के लिये 10 ट्रांसफार्मर और मेला क्षेत्र में बिजली लाईन एवं ट्रांसफार्मर के सुदृढ़ीकरण, केबलीकरण और कन्ट्रोल रूम निर्माण के कार्य शामिल हैं।
मेला क्षेत्र में अस्थाई कार्य भी किये गये हैं। इसमें 11 के.वी. की 78 किलोमीटर लम्बाई की बिजली लाईन का नेटवर्क, 200 के.वी.ए. के 520 अस्थाई ट्रांसफार्मर की स्थापना और 290 किलोमीटर लम्बाई की अस्थाई निम्न दाब लाईन से संबंधित कार्यों के माध्यम से 24 घंटे बिजली देने के प्रबंध किये गये हैं।
मेला क्षेत्र में 250 के.वी.ए. के 50 जनरेटर सेट ऑटोमेटिक चेंज ओव्हर के साथ आकस्मिक स्थितिसे निपटने के लिये उपलब्ध हैं। बिजली कार्मिकों से बेहतर समन्वय के लिये वीएचएफ के 50 सेट और वॉकी-टॉकी के 125 सेट लगाये गये हैं। मेला-क्षेत्र का विस्तार होने पर 33/11 के.वी. का सब-स्टेशन 20 दिन के भीतर तैयार किया गया है।
मेला क्षेत्र में 12 हजार बिजली-पोल लगाये गये हैं। उच्च दाब की 90 किलोमीटर लाईन और निम्न दाब की 333 किलोमीटर लाईन का नेटवर्क तैयार किया गया है, जबकि 566 वितरण ट्रांसफार्मर से बिजली सप्लाई की जा रही है। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये 50 वितरण ट्रांसफार्मर सुरक्षित रखे गये हैं।
सतत् और सुचारू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये वितरण कंपनी के 1,403 अधिकारी-कर्मचारी लगातार कार्यरत हैं। साथ ही 370 श्रमिकों को भी संलग्न किया गया है। मेला क्षेत्र में अब तक साधु-संत के पंडालों के लिये नि:शुल्क बिजली देने के उद्देश्य से 2,700 कनेक्शन दिये जा चुके हैं। मेला के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थाओं आदि के लिये 1,303 बिजली कनेक्शन दिये गये हैं।