कलेक्टर ने जारी किये नजूल एनओसी के नये आदेश
नियत तिथि के एक माह बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्यवाही
रीवा 05 दिसंबर 2022. कलेक्टर मनोज पुष्प ने नजूल भूमि के अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में नवीन आदेश जारी किये हैं। जारी आदेश के अनुसार निर्धारित समय सीमा के बाद नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने की स्थिति में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, नजूल अधिकारी अनुशासनात्मक कार्यवाही के भागीदार होंगे। म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन नियम-2020 का उल्लेख करते हुये कहा गया है कि नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में स्पष्ट प्रावधान हैं। भूमि स्वामी के हक में धारित अथवा सरकारी पट्टेदार के रूप में धारित भूखण्डों पर निर्माण के पूर्व स्थानीय निकाय, नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों से इसके संबंध में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नजूल भूमि निर्वर्तन नियम का पालन करते हुए अनुमतियां प्राप्त करना आवश्यक है। ऐसी अनुमतियां जारी करने के पूर्व स्थानीय निकाय एवं नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके द्वारा जारी की जाने वाली अनुमति के आधार पर किसी ऐसे भूखण्ड पर निर्माण न हो जावें जो वस्तुतः धारक द्वारा धारित न होकर राज्य शासन की दखल रहित या नजूल भूमि हो। इसी प्रकार प्रावधानित है कि नजूल अधिकारी के द्वारा समस्त नजूल भूमि के अद्यतन विवरण संबंधित स्थानीय निकाय और नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारी को उपलब्ध कराये जावेंगे ताकि वे उपकण्डिका में उल्लेखित अनुमतियां जारी करने के पूर्व आवश्यक संतुष्टि कर लें।
कलेक्टर ने ऐसे विवरणों में हुये परिवर्तनों को स्थानीय निकाय एवं नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों के ध्यान में लाने के लिये प्रतिवर्ष जनवरी माह में नजूल भूमि के अद्यतन विवरण भेजने के लिये नजूल अधिकारियों को निर्देशित किया है। कलेक्टर ने नवीन जारी आदेश में नजूल अधिकारियों को क्षेत्रान्तर्गत समस्त नजूल भूमि के अद्यतन विवरण संबंधित स्थानीय निकाय एवं नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों को एक माह के भीतर अनिवार्यतः उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने कहा है कि नजूल अनापत्ति के समस्त प्रकरण राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए बनाये गये आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज किये जायेंगे। नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रारूप 17 में नजूल अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा। नजूल अधिकारी, नगर सर्वेक्षक अथवा राजस्व निरीक्षक से प्रतिवेदन प्राप्त कर इस संबंध में जानकारी लेगा की आवेदित भूखण्ड अभिलेख अनुसार रिक्त नजूल भूमि का भाग नहीं है और न ही इस भूखण्ड के किसी भाग पर अतिक्रमण है। नजूल अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत करने के दिन से 30 दिनों की समय सीमा में नजूल अधिकारी द्वारा प्रारूप 18 में अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में सूचना प्रकाशित करेगा। इस सूचना को संबंधित स्थानीय निकाय तथा नगर एवं ग्राम निवेश को भी दिया जायेगा। निर्धारित अवधि में यदि इनके द्वारा कोई आपत्ति दर्ज नहीं की जाती है तो नजूल की अनापत्ति समझी जायेगी। यदि कोई नजूल अधिकारी निर्धारित समय सीमा में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।