कम्प्यूटर मे डिप्लोमा करने से खून भी माफ हो जाता है
कंप्यूटर में डिप्लोमा करने से खून भी माफ हो जाताहै
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और स्वर्गीय राजीव गांधी के परिवार की सहमति पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सभी हत्यारे रिहा हो जाएंगे। दया अच्छी बात है लेकिन यह भी देखना जरूरी है कि जिन पर दया की जा रही है उनका अपराध क्या है? देश के पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों को मुक्त करना मेरी बुद्धि अनुसार सही नहीं है।
न्यायालय के अधिकार और आदेश पर उंगली नहीं उठाई जा सकती है और ना ही पीड़ित परिवार की दया क्षमता पर किंतु भारत का एक आम नागरिक होने के नाते हम अपने पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों को माफ करने पर आवाज तो उठा ही सकते हैं।
अगर राजीव गांधी केवल सोनिया गांधी के पति होते हैं प्रियंका और राहुल के पिता तो उनकी ऐसी दया सहानुभूति करना उनका व्यक्तिगत मामला हो सकता था लेकिन वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे और विपक्ष के बड़े नेता। इस लिहाज से इस देश की जनता का भी उन पर अधिकार बनता है और देश के प्रधानमंत्री की हत्या कर दोषी रिहा हो सकते हैं तो सामान्य जन तो गाजर मूली हैं ।
राजीव गांधी की हत्या की सजा काट रहे सभी दोषी समय के पहले रिहा कर दिए जाएंगे क्योंकि इनका तथाकथित चाल चलन अच्छा है और इन्होंने कंप्यूटर में डिप्लोमा भी ले लिया।
कंप्यूटर में डिप्लोमा जैसे हत्या के अपराध से समय पूर्व रिहा होने का डिप्लोमा है। 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या हुई और परिवार के दया तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर 11 नवंबर 2022 को इनके रहा करने का आदेश आ गया। दोषियों ने तीन दशक जेल में बिताए और आचरण संतोषजनक रहा यह आधार न्यायालय का अगर आधार बनाता है तो इस मामले में सही नहीं कहा जा सकता। अन्य तरह के अपराधों में ऐसी दलीलें समझी जा सकती है लेकिन देश के प्रधानमंत्री की निर्मलता पूर्वक हत्या पर रिहाई के लिए ऐसी दलील उचित नहीं कही जा सकती।
ऐसे अपराधियों की सजा सिर्फ मृत्युदंड ही हो सकती है चाहे मृत्यु काल तक इन्हीं जेल में रखना पड़ता है या फिर फांसी । समय पूर्व रिहाई देश की जनता के साथ न्याय नहीं है देश के पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या हुई थी किसी अपराधी है व्यक्तिगत दुश्मन की नहीं। देश की जनता को न्यायालय के इस आदेश का सम्मानपूर्वक विरोध करना चाहिए ।कंप्यूटर में डिप्लोमा हत्यारे की रिहाई का आधार नहीं बन सकता।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
12 नवंबर 2022
Facebook Comments