मिश्रित और मोटे अनाज की खेती तथा जल संरक्षण से ही बचेगा हमारा जीवन – सांसद
रीवा 09 सितंबर 2022. जिला पंचायत द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत माइक्रो वाटरशेड समिति के अध्यक्ष तथा सदस्यों का तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। होटल विन्ध्या रिट्रीट में आयोजित प्रशिक्षण का शुभारंभ सांसद श्री जनार्दन मिश्र ने किया। इस अवसर पर सांसद ने कहा कि हमने अधिक उत्पादन की लालच में खेती का यंत्रीकरण कर दिया है। अधिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वराशक्ति नष्ट हो रही है। खेती की पद्धति में यदि परिवर्तन नहीं किया गया तो जमीन अनुपजाऊ हो जाएगी। खेती और माटी को बचाने के लिए मिश्रित खेती, मोटे अनाज की खेती के साथ-साथ जल संरक्षण को अपनाना होगा। यदि हमने समय रहते उचित उपाय नहीं किए तो हमारा जीवन संकट में पड़ जाएगा। सरकार के लोग कल्याण तथा विकास के प्रयास आम जनता के सहयोग से ही फलीभूत होंगे। विकास के लिए सरकार के प्रयासों में जनता की भागीदारी आवश्यक है।
सांसद ने कहा कि मेड़बंदी तथा बारिश में पानी भरकर रखने की परंपरा को पुन: जीवित करें। कोदो, मक्का, ज्वार जैसे मोटे अनाजों की खेती को अपनाएं। इनसे भूमि की उर्वराशक्ति बढ़ेगी तथा हमें पौष्टिक आहार मिलेगा। कोदो के विपणन के लिए शासन भी सहायता दे रहा है। जल संरक्षण तथा वृक्षों का महत्व हमें कोरोना ने बड़ी अच्छी तरह से समझा दिया है। हर व्यक्ति वृक्षारोपण अवश्य करे। उन्होंने कहा कि मुनगा 136 रोगों का उपचार कर सकता है। गर्भवती माता यदि साल भर मुनगा का किसी भी रूप में सेवन करती है तो उसे और उसके शिशु को पूरा पोषण मिलेगा। जिले में मुनगा रोपण का अभियान चलाएं। उद्यानिकी विभाग के पास पांच लाख पौधे उपलब्ध हैं। हर किसान यदि दस मुनगा के पौधे तैयार कर लेता है तो साल भर में 10 हजार रुपए की आमदनी उसे मिल जाएगी।
कार्यक्रम में कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि जल संरक्षण का महत्व सदैव रहेगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे रोपित कर धरती को हरा-भरा बनाएं। वृक्ष नहीं होंगे तो वर्षा भी नहीं होगी। वर्षा के अभाव में मानव के अस्तित्व पर ही संकट होगा। कमिश्नर ने प्रशिक्षण के प्रतिभागियों को जल संरक्षण के अच्छे कार्यों का अवलोकन कराने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। कार्यक्रम में कलेक्टर मनोज पुष्प, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े तथा वाटरशेड समिति के अध्यक्ष एवं उपयोगकर्ता दल के सदस्य उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यशाला का संचालन परियोजना अधिकारी संजय सिंह ने किया।