अफ्रीकन स्वाइन फीवर का संक्रमण रोकने के लिए तत्काल उपाय करें – कलेक्टर

रीवा 21 अगस्त 2022. रीवा नगर निगम क्षेत्र में सूकरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का प्रकोप हो गया है। जिसके कारण बड़ी संख्या में सूकरों की मौत हुई है। इस संबंध में कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि जिले में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का सूकरों में संक्रमण रोकने के लिए तत्काल उपाय करें। इस वायरस का संक्रमण मानव में नहीं होता है। अन्य पशुओं में भी इसका संक्रमण नहीं हुआ है। जिन क्षेत्रों में सूकर पालन होता है वहाँ तत्काल सर्वे शुरू करके दो दिवस में संक्रमित सूकरों की पहचान करें। नगरीय निकाय तथा पशुपालन विभाग की टीम तत्काल सर्वे शुरू करें। अफ्रीकन स्वाइन फीवर का प्रकोप होने पर इसका उपचार नहीं है। संक्रमित सूकरों को अन्य सूकरों से अलग कर उन्हें वैज्ञानिक विधि से मारना होगा। सूकर पालकों के साथ बैठक करके इस बात की समझाइश दें कि यदि संक्रमित सूकरों को मारा नहीं गया तो शेष बचे सूकरों में भी इसका प्रकोप होगा।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सूकरों में स्वाइन फीवर का संक्रमण रोकने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। जिले में सूकरों की खरीद, बिक्री, इनका मांस खाने तथा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। जिले के प्रमुख मार्गों में जांच नाके लगाकर सूकरों का जिले में प्रवेश प्रतिबंधित करें। बीमारी का प्रकोप अभी केवल पालतू सूकरों में हुआ है। वन विभाग के अधिकारी जंगली सूकरों के नमूने लेकर उनकी जांच कराएं। नगर निगम के अधिकारी मृत सूकरों के सुरक्षित नष्ट करने के संबंध में तत्काल प्रबंध करें। बैठक में पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने कहा कि नगर निगम तथा पशुपालन विभाग के अधिकारी सूकर पालकों के साथ बैठक करके उन्हें अफ्रीकन स्वाइन फीवर के संक्रमण के संबंध में जानकारी देने तथा संक्रमित सूकरों को नष्ट करने का सुझाव दिया।

बैठक में उप संचालक पशुपालन डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर का प्रकोप केवल सूकरों में हुआ है। मानव अथवा अन्य पालतू पशुओं में इसके प्रकोप का खतरा नहीं है। लेकिन संक्रमित सूकर का मांस खाने से शरीर पर विपरीत असर पड़ सकता है। रीवा शहर में लगभग 25 हजार सूकर हैं। बीमारी का प्रकोप रतहरा में वार्ड क्रमांक 15 की बंसल बस्ती में सर्वाधिक हुआ है। इसे रेड जोन बनाकर बस्ती के एक किलोमीटर के दायरे में सभी सूकरों की जांच की जा रही है। स्वस्थ सूकरों को रोग से बचाव के लिए वैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हैं। जो सूकर अफ्रीकन स्वाइन फीवर से संक्रमित हो गए हैं उनमें तेज बुखार, उल्टी तथा सांस लेने में तकलीफ के लक्षण दिखाई देते हैं। इन सभी सूकरों को अन्य सूकरों से अलग कर वैज्ञानिक विधि से इंजेक्शन द्वारा मारा जाएगा। सूकर पालक इस कार्य में सहयोग करें। यदि संक्रमित सूकरों को नष्ट नहीं किया गया तो सभी सूकर इसके शिकार हो जाएंगे।

बैठक में सूकर पालकों को रोजगार के अन्य वैकल्पिक साधन देने का सुझाव दिया गया। बैठक में अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, अधीक्षण यंत्री नगर निगम शैलेन्द्र शुक्ला, एसडीएम हुजूर अनुराग तिवारी, डिप्टी कलेक्टर संजीव पाण्डेय, एसडीओ वन ऋषि मिश्रा, यातायात प्रभारी दिलीप तिवारी तथा पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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