प्रत्येक ग्राम में वृक्षों से आच्छादित चौपाल बनेगी कमिश्नर ने चौपाल बनाने के लिए वृक्षारोपण के दिये निर्देश

रीवा 18 अगस्त 2022. रीवा संभाग के सभी जिलों के प्रत्येक गांव में कम से कम एक स्थान पर वृक्षों से आच्छादित चौपाल विकसित की जायेगी। इसके माध्यम से गांव की पूरानी चौपाल लगाने की परंपरा को पुन: जीवित करते हुए गांव के विकास में सभी ग्रामवासियों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। ऐसे स्थल जहां सुविधाजनक रूप से एकत्रित हो सके। वहां चौपाल का विकास किया जायेगा। रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने संभाग के सभी कलेक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि वृक्षों का आच्छादित चौपाल विकसित करने के लिए 21 अगस्त को सभी ग्रामों में उचित स्थान पर सामूहिक रूप से वृक्षारोपण करायें। इसके लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

कमिश्नर ने कहा है कि सभी गांव में स्थल का निर्धारण कर लें। जहां वृक्षारोपण के लिए गढ़ढे तैयार करा ले रोपित पौधों की सुरक्षा के उचित प्रबंध करें। चुने गये स्थल पर वरगद, आम, नीम, पीपल, सप्तपर्णी, जामुन, महुआ, पुत्रजीवा, मौलश्री जैसे बड़े आकार के पौधे रोपित करायें। इन प्रजातियों के कम से कम 6 फिट के तथा कम से कम 3 साल आयु के पौधों का रोपण करायें। रोपण के लिए ग्राम पंचायत तथा स्वसहायता समूहों का सहयोग लें। ग्रामवासियों को उनके परिजनों की स्मृति में पौधरोपित करने के लिए प्रेरित करें। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पौधे रोपित करायें। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उद्यानिकी विभाग तथा वन विभाग के सहयोग से पौधरोपण के लिए पौधों की व्यवस्था करें। रोपित पौधों की सुरक्षा तथा देखभाल का उचित प्रबंध ग्राम पंचायत अथवा स्वसहायता समूह से करायें। इस तरह की सामूहिक वृक्षारोपण से एक ओर से जहां पर्यावरण संरक्षण तथा गांव के लिए प्रांण वायु का स्थाई क्षेत्र विकसित करने में सहयोग मिलेगा वहीं दूसरी ओर गांव की परंपरागत चौपाल को भी पुन: जीवित किया जा सकेगा।

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