श्रीराम जी करते तो सब हैं मगर पिता जी से पूछ कर – जगद्गुरु राघवाचार्य
रीवा दिनांक 14 अप्रैल 2022.
लक्ष्मण बाग मंदिर परिसर में हो रही बाल्मीकि रामायण कथा महोत्सव के आज तीसरे दिन प्रभु श्री राम के प्रकटोत्सव साथ मे तीनों भ्राता के जन्म तथा इनके बारह वर्ष के होने तक की कथा अयोध्या धाम से पधारे जगतगुरु राघवाचार्य द्वारा कही गई।बालकाण्ड के अठारहवें सर्ग का वर्णन करते हुए जगद्गुरु राघवाचार्य ने राजाओं द्वारा ऋष्यश्रृंग ऋषि को विदा करके राजा दशरथ का रानियों सहित पूरी आगमन श्री राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न के जन्म, संस्कार,शील स्वभाव एवं सद्गुणों , राजा के दरबार में महर्षि विश्वामित्र का आगमन और उनके सत्कार तक की कथा का आज तीसरे दिन वाचन हुआ।
यज्ञ समाप्ति पश्चात जब छः ऋतुएं बीत गई तब बारहवें मास में चैत्र के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र एवं कर्क लग्न में कौशल्या देवी ने दिव्य लक्षणों युक्त सर्वलोक वंदित जगदीश्वर श्री राम को जन्म दिया. उस समय सूर्य मंगल शनि गुरु और शुक्र ये पांचों ग्रह अपने अपने उच्च स्थान में विद्यमान थे तथा लग्न में चंद्रमा के साथ बृहस्पति विराजमान थे ।विष्णु स्वरूप हविष्य या खीर के आधे भाग से श्री राम प्रकट हुए उनके नेत्रों में कुछ लालिमा थी उनके होंठ लाल भुजाएं बड़ी-बड़ी और स्वर दुंदुभी के शब्द के समान गंभीर था। तदांतर रानी कैकेई से सत्य पराक्रमी भरत का जन्म हुआ इसके बाद रानी सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न पुत्रों को जन्म दिया। श्री राम साक्षात परम ब्रह्म परमेश्वर हैं लेकिन लोग मर्यादा स्थापित करने के लिए कार्य तो सब करते हैं लेकिन पिता जी से पूछ कर ।बारह वर्ष की अवस्था में घुड़सवारी धनुर्विद्या पारंगत श्री राम जो भी कर्म करते हैं उसकी सहमति दशरथ जी से ले लेते हैं .राम जी का जीवन चरित्र दिखाता है कि पुत्र कितना भी क्षमता वान हो जाए उसे अपने पिता की आज्ञा का अनुसरण कर कार्य करना चाहिए ।आज की कथा श्रवण में हजारों श्रद्धालुओं के साथ राम कथा के आयोजन के सर्वे सर्वा रीवा विधायक पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल, रीवा महाराजा पुष्पराज सिंह भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे, रीवा भाजपा जिलाध्यक्ष अजय सिंह, रेलवे बोर्ड के सदस्य श्री तिवारी आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।