श्रेष्ठ वृक्षारोपण करने वाले शिक्षण संस्थान को मिलेगा 5 लाख रुपए का पुरस्कार – श्री शुक्ल
रीवा 04 मार्च 2022. जिले भर में अंकुर अभियान के तहत पौधरोपण का कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में राज्यसभा सांसद श्री राजमणि पटेल पूर्व मंत्री एवं विधायक रीवा श्री राजेन्द्र शुक्ल तथा विधायक सेमरिया श्री केपी त्रिपाठी ने पौधरोपण किया। कार्यक्रम का आयोजन स्वयंसेवी संस्था कल्पना कल्याण समिति द्वारा किया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर मनोज पुष्प, पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य सुभाष श्रीवास्तव, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक प्रवीण पाठक तथा कल्पना कल्याण समिति के अध्यक्ष बीपी सिंह ने भी पौधरोपण किया।
इस अवसर पर विधायक श्री शुक्ल ने कहा कि रीवा जिले में मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुसार अंकुर अभियान के तहत बढ़-चढ़कर पौधरोपण किया जा रहा है। पौधे हमारे जीवन चक्र का महत्वपूर्ण भाग हैं। बड़ी संख्या में पौधरोपण करके तथा पौधों को बड़ा करके हम सब पर्यावरण के सुधार में सहयोग दे सकते हैं। केवल सरकार के प्रयासों से इसमें अपेक्षा के अनुसार सफलता नहीं मिलेगी। पौधरोपण अभियान को जन अभियान बनाएं। हर व्यक्ति पर्यावरण की सुरक्षा तथा भावी पीढ़ी का भविष्य सुरिक्षत रखने के लिए हर वर्ष पौधे अवश्य लगाए। रीवा शहर को हरा-भरा बनाने के लिए ग्रीन रीवा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत शिक्षण संस्थाओं में लगातार वृक्षारोपण कराया जा रहा है। श्रेष्ठ वृक्षारोपण करने वाली शिक्षण संस्था को पहले 50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जा रहा था। अब प्रथम पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपए की राशि दी जाएगी। इसके अलावा भी अन्य पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके लिए राशि विधायक निधि से दी जाएगी।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्री राजमणि पटेल ने कहा कि अंकुर अभियान के तहत रीवा जिले में वृक्षारोपण का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। शिक्षण संस्थाओं तथा समाजसेवी संगठनों ने अंकुर अभियान को सफल बनाने के लिए सच्चे मन से प्रयास किया है। समारोह में अतिथियों का स्वागत कल्पना कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री बीपी सिंह द्वारा किया गया । कार्यक्रम में प्रोफेसर बीपी सूरी, श्री अशोक अवस्थी, श्रीमती भावना पाण्डेय, श्रीमती निशा पाण्डेय, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सिद्धार्थ श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम में गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा के विकास के लिए पठन-पाठन सामग्री वितरित की गई।