संविधान दिवस पर आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर
रीवा 26 नवम्बर 2021.मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार प्रधान जिला न्यायाधीश श्री आर.सी. वाष्र्णेंय के मार्गदर्शन एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विपिन कुमार लवानिया के नेतृत्व में संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शासकीय विधि महाविद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर के मुख्य अतिथि श्री विपिन कुमार लवानिया सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने ें संविधान की न्याय यात्रा विषय पर उद्बोधन में कहा कि संविधान विधि के शासन का आधार है। यह समस्त विधियों का शीर्ष स्त्रोत भी है। स्वतंत्रता प्राप्ति पश्चात भारत के संविधान निर्माण हेतु संविधान सभा का गठन किया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ। इसके अतिरिक्त उन्होंने मौलिक अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के सामाजिक आर्थिक, सामाजिक , बौद्धिक विकास के लिए मौलिक अधिकार अतिआवश्यक है। भारत में जितने भी कानून है उन सबकी आत्मा भारत का संविधान है। हम सभी को संविधान व उसमें वर्णित प्रावधानों का पालन अवश्य करना चाहिए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री नरेन्द्र कुमार गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि संविधान की प्रस्तावना बहुत ही महत्वपूर्ण है। भारत के संविधान की प्रस्तावना के तहत भारत को प्रभुत्व सम्पन्न ,समाजवादी, पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य है, जहां सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक न्याय प्राप्ति का उद्देश्य है। सभी व्यक्तियों को अपने धर्म, विचार, अभिव्यक्ति विश्वास की स्वतंत्रता है। और सभी को समान अवसर प्राप्त है। उन्होंने कहा कि भारत की प्रस्तावना में हमें पूरे संविधान के उद्देश्यों के दर्शन होते है। उन्होंने केशवानंद भारती के प्रकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने अनुच्छेद 39 ए के बारें में प्रकाश डालते हुए निशुल्क विधिक सहायता के बारें में जानकारी दी तथा बताया कि त्वरित विचारण एवं निशुल्क विधिक सहायता मौलिक अधिकार है। कोई भी व्यक्ति न्याय प्राप्ति से वंचित नहीं होगा।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन व विषय प्रवेश शासकीय विधि महाविद्यालय के प्राचार्य योगेन्द्र तिवारी ने किया। उन्होंने संविधान की न्याय यात्रा के संबंध में विस्तृत उदबोधन दिया। शिविर में आभार विधि महाविद्यालय के प्रोफेसर संदीप पाण्डेय ने किया। संचालन प्रोफेसर लोक नारायण मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में भोला प्रसाद साहू, श्रीमती ममता पाण्डेय, विपिन कुमार सिंह, पैरालीगल वालेंटियर्स धर्मेन्द्र नापित, कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के सुमित सिंह एवं विधि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन भी किया गया।