शिक्षक का समाज में सम्मान सदैव रहा है – सदैव रहेगा – कमिश्नर
शिक्षक पढ़ाने के कौशल और ज्ञान को बेहतर करें तभी अच्छे परिणाम आयेंगे – कलेक्टर
रीवा 11 फरवरी 2021. स्कूल शिक्षा विभाग की कार्यशाला कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों की चर्चा की गई। कार्यक्रम में प्राचार्यों तथा प्रधानाध्यापकों को प्रेरित करने के लिये शिक्षा पर फिल्म मैडम गीता रानी दिखायी गई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि रीवा संभाग के कमिश्नर राजेश कुमार जैन ने कहा कि शिक्षक का समाज में सदैव सम्मान रहा है और आगे भी रहेगा। शिक्षा विकास की कुंजी है। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान देकर विद्यार्थी को जिम्मेदार नागरिक बनाना साथ ही रोजगार का अवसर देना है। सरकारी स्कूलों में तमाम संसाधनों तथा अच्छे वेतन के बावजूद विद्यार्थियों की संख्या घटी है। बोर्ड परीक्षाओं में गत वर्ष संभाग के तीन जिलों में परिणामों में अच्छा सुधार हुआ लेकिन रीवा जिला आशा के अनुरूप परिणाम नहीं दे पाया। सभी प्राचार्य तथा शिक्षक आत्मावलोकन और आत्म विश्लेषण करें। सरकार और समाज ने देश का भविष्य गढ़ने की जो जिम्मेदारी शिक्षक को दी है क्या उस पर शिक्षक खरा उतरा है।
कमिश्नर ने कहा कि जिस दिन शिक्षक ईमानदारी से प्रयास करेगा उस दिन व्यवस्था और परीक्षा परिणामों दोनों में सुधार होगा। प्राचार्य और हेडमास्टर समय पर स्कूल पहुंचेंगे तो अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी भी समय पर स्कूल आयेंगे। शिक्षा व्यवस्था में कई प्रयोग किये गये। शिक्षा को बेहतर करने तथा विद्यार्थियों का शिक्षा स्तर सुधारने के लिये शिक्षकों को लगातार प्रयास करें। नियमित पढ़ाई होगी तो परीक्षा परिणाम अच्छे आयेंगे। रीवा जिले में ही इस वर्ष 29 बच्चे बोर्ड की मेरिट सूची में आये। रीवा जिले में ही कई स्कूलों का परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक रहा। जब एक प्राचार्य और एक स्कूल अच्छे परिणाम दे सकता है तो दूसरे पीछे क्यों हैं। हमें दूसरों की कमी तलाशने की जगह स्वयं की कमी देखने की जरूरत है। तभी सुधार संभव होगा। शिक्षक पूरी जिम्मेदारी से शिक्षा दें। विद्यार्थियों को लगातार प्रेरित करें तो परीक्षा परिणाम और शिक्षा की गुणवत्ता दोनों बेहतर होंगे।
कार्यशाला में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि हर शिक्षक विद्यार्थी को सर्वश्रेष्ठ ज्ञान देने का प्रयास करे। हममें संसाधनों की नहीं इच्छा शक्ति की कमी है। जिस दिन शिक्षकों ने मन में बेहतर करने का ठान लिया उस दिन व्यवस्थायें बेहतर हो जायेंगी। शिक्षक पढ़ाने के कौशल और तकनीक में परिवर्तन करें। नियमित रूप से विषय का अध्ययन करके अपने ज्ञान को अपडेट रखें। इसके लिये मोबाइल फोन का भी अच्छा उपयोग कर सकते हैं। आपके पास जितना अधिक ज्ञान होगा उतना ही अधिक आपका सम्मान होगा। आप ईमानदारी से प्रयास करेंगे तो परिणाम बेहतर होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा तथा स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिला पंचायत के सहयोग से कई स्कूलों में सुधार तथा निर्माण कराया गया है। इसी तरह मनरेगा से 122 स्कूलों में बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण कराया जा रहा है। प्राचार्य और शिक्षक अपने स्कूल को साफ-सुथरा तथा व्यवस्थित रखें। शाला भवन को आकर्षक बनाने के प्रयास करें। आप एक कदम आगे बढ़ायेंगे तो प्रशासन दस कदम बढ़ाकर सहयोग करेगा। कलेक्टर ने कई प्राचार्यों से शिक्षा की गुणवत्ता के संबंध में संवाद किया।
कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े ने कहा कि शिक्षा के विकास के लिये शिक्षक विद्यार्थी तथा समाज इन सभी पर जिम्मेदारी है। संयुक्त संचालक शिक्षा नीरव दीक्षित ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों की जानकारी दी। कार्यशाला में बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्राचार्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में हीरामणि शर्मा त्योंथर, एसके शर्मा मूक बधिर विद्यालय रीवा, मनोज श्रीवास्तव मॉडल स्कूल गंगेव, शंखराज सिंह हाई स्कूल माड़ौ तथा नरोत्तम मिश्रा कन्या हाई स्कूल डभौरा को प्रशस्ति पत्र दिया गया। कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी आरएन पटेल ने शिक्षा विभाग तथा अमरेन्द्र सिंह ने जिला शिक्षा केन्द्र की शैक्षणिक गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यशाला में जिला समन्वयक संजय सक्सेना, सहायक संचालक आरती सिंह, सहायक संचालक पीएल मिश्रा, जिले के सभी प्राचार्य तथा प्रधानाध्यापक उपस्थित रहे। कार्यशाला का समापन प्राचार्य डाइट श्यामनारायण शर्मा द्वारा आभार प्रदर्शन से हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य रामनई वरूणेन्द्र सिंह ने किया।