मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना में अनुदान की राशि और बढ़ाने के प्रयास होंगे
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल की अध्यक्षता में हुई परामर्शदात्री की बैठक
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना का फायदा छोटे से छोटा किसान उठा सके, इसके लिये अनुदान की राशि को बढ़ाये जाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से सौर ऊर्जा के अधिक से अधिक उपयोग पर भी जोर दिया। श्री शुक्ल नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में विधायक सर्वश्री बलबीर सिंह दण्डोतिया, सूबेदार सिंह रजौधा, हर्ष यादव, नारायण त्रिपाठी और सुश्री ऊषा ठाकुर भी मौजूद थीं।
नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि वर्ष 2011-12 में नवकरणीय ऊर्जा की कुल क्षमता 106 मेगावॉट थी, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 2650 मेगावॉट हो गयी है। वर्ष 2011-12 में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता केवल 2 मेगावॉट थी, जो बढ़कर 705 मेगावॉट तक पहुँच गयी है। इसी तरह पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता 100 मेगावॉट से बढ़कर 1767 मेगावॉट हो गयी है। देशभर में सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर रहा है। पिछले वर्षों में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 9382 मेगावॉट क्षमता के विकास के लिये करीब 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पर कार्य चल रहा है।
मंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि रीवा में विश्व के सबसे बड़े सोलर संयंत्र की स्थापना से प्रदेश को दुनियाभर में अलग पहचान मिलेगी। उन्होंने सौर ऊर्जा की नेट मीटरिंग प्रणाली की भी जानकारी दी। प्रमुख सचिव नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने बताया कि सोलर पम्प योजना के लिये मध्यप्रदेश को 3000 पम्प लगाये जाने का कार्यक्रम मिला है।
प्रमुख सचिव ने केन्द्र सरकार की एलईडी वितरण की योजना ‘उजाला” की जानकारी दी। इस योजना में 3 करोड़ एलईडी बल्ब मात्र 85 रुपये की दर पर वितरित किये जायेंगे।
बताया गया कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में युवाओं को रोजगार दिलाने के उद्देश्य से सूर्य मित्र स्किल डेव्हलपमेंट कार्यक्रम शुरू किया गया है। कार्यक्रम में आईटीआई उत्तीर्ण छात्रों को तीन माह का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है।
समिति सदस्यों ने सोलर पम्प योजना में किसानों को दी जाने वाले अनुदान राशि को शत-प्रतिशत किये जाने का सुझाव दिया।