कृषि कानून किसानों को अपनी फसल का दाम तय करने तथा मर्जी से बेचने का अधिकार देते हैं – मुख्यमंत्री
कृषि उपज मंडी किसी भी कीमत पर बंद नहीं होगी – मुख्यमंत्री
रीवा 16 दिसंबर 2020. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा में एनसीसी मैदान में आयोजित विशाल किसान सम्मेलन में कहा कि कृषि उपज मंडी किसी भी कीमत पर बंद नहीं होगी। मंडियों को और अधिक सशक्त बनाया जायेगा। किसान मंडियों के साथ-साथ अच्छे दाम मिलने पर व्यापारियों को भी फसल बेच सकेगे। नये कृषि कानून किसानों को अपनी फसल का दाम तय करने और अपनी मर्जी से फसल बेचने का अधिकार देते हैं। ऐसा कानून किसान विरोधी कैसे हो सकते हैं। किसान कानून को लेकर वे लोग भ्रम फैला रहे हैं जिन्होंने न कभी खेती की, न किसानों के हित की बात सोची। किसानों को फसल ऋण माफी का झांसा देकर सत्ता में काबिज होने वाले फर्जी प्रमाण पत्र किसानों को थमा गये। उन्होंने कहा कि किसानों के सर पर ऋण और ब्याज की जो गठरी पिछली सरकार ने लादी है उसे हमारी सरकार ही हटायेगी। सम्मेलन में रीवा तथा शहडोल संभाग के हजारों किसान शामिल हुये।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जनता का राज है। यहां माफिया की कमर तोड़कर जमीन में गाड़ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने उपवास करने की घोषणा की है। जिन मुख्यमंत्रियों ने विन्ध्य में बाणसागर बांध का निर्माण पूरा नहीं होने दिया, जिन्होंने मालवा में नर्मदा का पानी नहीं पहुंचने दिया, जिन्होंने किसानों के हित में कोई कार्य नहीं किया उन्हें इन पापों का प्रायश्चित करने के लिये अवश्य उपवास करना चाहिए।
किसानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विन्ध्य की धरा को बार-बार प्रणाम करने का मन करता है। विन्ध्य की धरा ने पिछले विधानसभा चुनाव में हमें भरपूर आशीर्वाद दिया। इस आशीर्वाद के दम पर ही आज प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान कानूनों के संबंध में लगातार भ्रम फैलाये जा रहे हैं। कान्ट्रैक्ट फार्मिंग के संबंध में कहा जा रहा कि कंपनी किसानों की जमीन पर कब्जा कर लेगी। यदि कोई किसान किसी कंपनी से फसल बोते समय ही अच्छे दाम में फसल खरीदने का अनुबंध करता है तो इसमें क्या बुराई है। फसल के दाम बाजार में घटेगें तब भी किसान को कंपनी अनुबंध के अनुसार अच्छे दाम देंगी। अभी हाल ही में होशंगाबाद जिले के पिपरिया के किसानों से 3 हजार रूपये Ïक्वटल धान का अनुबंध करने के बाद कंपनी धान नहीं खरीद रही थी। नये कानून के प्रावधान के अनुसार कंपनी के कान पकड़े गये। कंपनी ने 3 दिन में सभी किसानों से धान खरीद कर पूरी राशि का भुगतान किया। ऐसे लाभकारी कानून का विरोध किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नये कृषि कानून में व्यापारियों की खरीद तथा अनाज भण्डारण की लिमिट को समाप्त कर दिया गया है। व्यापारी जब किसानों से अच्छी खरीद करेंगे तो अनाज के दाम अच्छे बने रहेगे। किसानों को फसलों की अच्छी कीमत मिलेगी। नये कृषि कानून के तहत किसान समर्थन मूल्य पर अनाज देने, कृषि उपज मण्डी में अनाज बेचने अथवा अच्छे दामों पर व्यापारी को अनाज देने के लिए स्वतंत्र हैं। यदि कोई व्यापारी किसी किसान के घर से अच्छे दाम देकर अनाज खरीदा है तो किसान को फसल बेचने में आपत्ति क्यों होगी। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नये कृषि कानून बनाकर खेती के चहुमुखी विकास के द्वार खोल दिये हैं। श्री मोदी सही मायनों में देश के सबसे बड़े किसान हितैषी हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पिछली सरकार ने फसल बीमा के प्रीमियम की 2200 करोड़ रूपये की किश्त जमा नहीं की था जिसके कारण किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला। हमारी सरकार आते तत्काल प्रीमियम की राशि जमा की गयी और किसानों के खाते में 3100 करोड़ रूपये की बीमा राशि प्रदान की गयी। प्रधानमंत्री जी ने हर किसान को किसान सम्मान निधि से हर वर्ष 6 हजार रूपये की राशि प्रदान की है। इसमें मध्यप्रदेश सरकार किसान कल्याण निधि से 4 हजार रूपये की राशि दे रही है अब किसानों को हर साल 10 हजार रूपये की सम्मान निधि मिलेगी। पिछली सरकार ने किसानों पर 14 प्रतिशत ब्याज का बोझ डाला अब प्रदेश के किसान चिंता न करें। हर किसान को जीरो प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण दिया जा रहा है। सरकार का खजाना भले खाली रहे किसानों की सुविधा में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। किसानों को 18 दिसंबर को 1600 करोड़ रूपये की राशि जारी की जा रही है। देश के प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए जो प्रयास किये हैं उसका समर्थन हर किसान को करना चाहिए।
समारोह में सांसद तथा भाजपा अध्यक्ष विष्णुुुदत्त शर्मा ने कहा कि हर किसान को अपनी फसल का मूल्य निर्धारित करने का अधिकार है। यह अधिकार नये किसान कानून ने प्रदान किया है। इस कानून के संबंध में विरोधियों द्वारा लगातार दूश्प्रचार किया जा रहा है। दिल्ली में किसानों के आंदोलन में अनेक देश विरोधी तत्व शामिल हो गये हैं। किसानों के कंधे पर रखकर देश विरोधी बंदूक चला रहे हैं। कई लोगों ने अपने पुरस्कार वापस किये हैं। पुरस्कार लौटाने वाले क्या किसान है। किसान कानूनों का विरोध करने वालों तथा किसानों को बहकाने वालों को उचित जबाव दिया जायेगा।
सम्मेलन में अतिथियों का स्वागत पूर्व मंत्री एवं विधायक रीवा श्री राजेन्द्र शुक्ल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विंध्य की धारा को बाणसागर बाध का उपहार दिया। प्रदेश में 2003 में केवल 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी जो अब बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो गयी है। इसे शीघ्र ही 70 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया जायेगा। बाणसागर बाध से रीवा जिले में 2.50 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। यहां का किसान पंजाब और हरियाणा के किसानों को फसल उत्पादकता में टक्कर दे रहा है। प्रदेश में समर्थन मूल्य में गेंहू खरीदी का रिकार्ड बनाया है। नये किसान कानूनों से खेती में अभूतपूर्व विकास होगा। सम्मेलन का समापन सांसद रीवा श्री जनार्दन मिश्रा के आभार प्रदर्शन से हुआ। सम्मेलन में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री विसाहू लाल सिंह, पिछड़ावर्ग अल्पसंख्यक कल्याण तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलवन पटेल, सांसद सीधी श्रीमती रीति पाठक, सांसद सतना श्री गणेश सिंह, सांसद शहडोल श्रीमती हिमाद्री सिंह, रीवा तथा शहडोल संभाग के विधायकगण, पार्टी पदाधिकारी तथा हजारों किसान शामिल हुए।