केवल सात सौ रूपये प्रति हार्स पावर वार्षिक बिल लगेगा दस हार्स पावर तक के पंप पर
रीवा 30 जून 2020. प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं को फ्लेट रेट के 10 हार्सपावर तक के पंप पर 700 रूपये प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष की दर से तथा 10 हार्सपावर से अधिक के फ्लेट रेट उपभोक्ताओं को 1400 रूपये प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष की दर से बिजली दी जा रही है। इसके साथ ही एक हेक्टेयर तक कृषि भूमि वाले अनुसूचित जाति, जनजाति उपभोक्ताओं के 5 हार्सपावर तक के कनेक्शन में नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी में प्रभावी लॉकडाउन के दृष्टिगत विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। प्रदेश के निम्नदाब गैर घरेलू एवं निम्नदाब औद्योगिक उपभोक्ताओं तथा उच्चदाब टैरिफ देयकों में स्थायी प्रभार की वसूली को स्थगित किया गया है। स्थगित राशि की वसूली माह अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 के विद्युत देयकों के नियमित भुगतान के साथ 6 समान किश्तों में बिना ब्याज के की जायेगी। प्रदेश के जिन उपभोक्ताओं (उच्चदाब सहित) द्वारा लॉकडाउन के चलते अप्रैल एवं मई माह में देय विद्युत बिलों का भुगतान सामान्य नियत तिथि तक किया गया है, उन्हें एक प्रतिशत की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि (निम्नदाब उपभोक्ताओं को अधिकतम दस हजार तथा उच्चदाब उपभोक्ताओं को अधिकतम एक लाख रूपये) आगामी बिल में दी जा रही है। यह राशि विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा वहन की जायेगी। वर्तमान में प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना के प्रावधानों के अंतर्गत लाभ दिया जा रहा है।
प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ता जो संबल योजना के हितग्राही है एवं जिनके माह अप्रैल 2020 में देयक की राशि 100 रूपये तक थी, उनके आगामी तीन माह अर्थात मई, जून एवं जुलाई 2020 में देयक राशि 100 रूपये तक आने पर उनसे इन तीनों माहों में मात्र 50 रूपये प्रतिमाह लिया जा रहा है। प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ता जिनके माह अप्रैल 2020 में देयक की राशि 100 रूपये तक थी, उनके आगामी तीन माह अर्थात मई, जून एवं जुलाई 2020 में देयक राशि 100 रूपये से 400 रूपये तक उनसे इन तीन माहों में मात्र 100 रूपये प्रतिमाह की राशि ली जा रही है।
प्रदेश के ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनकी माह अप्रैल 2020 में देयक राशि 100 रूपये से अधिक परंतु 400 रूपये या उससे कम थी, उनके मई, जून एवं जुलाई 2020 में देयक राशि 400 रूपये से अधिक आने पर उनसे इन माहों में देयक की राशि का मात्र 50 प्रतिशत लिया जा रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं के देयकों की शेष 50 प्रतिशत राशि के भुगतान के संबंध में देयकों की जांच के बाद निर्णय लिया जायेगा।