बाणसागर परियोजना अन्तर्गत बाढ़ आपदा प्रबंधन एवं मौसम निगरानी समिति की बैठक संपन्न

रीवा 09 जून 2020. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव की अध्यक्षता में बाणसागर परियोजना के अन्तर्गत बाढ़ आपदा प्रबंधन एवं मौसम निगरानी समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में रीवा एवं शहडोल संभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि बाणसागर बांध विन्ध्य क्षेत्र के लिए वरदान के रूप में है। वर्षा के कारण बांध के पानी का संतुलन बनाये रखने के लिए बांध से पानी छोड़ने की आवश्यकता होती है। जब हम प्रकृति की रक्षा करते हैं तभी प्रकृति हमारी रक्षा करती है। बाणसागर से पानी छोड़ते समय लोगों को आगाह करना जरूरी होता है। प्राकृतिक आपदा अचानक आती है इसके लिए हमें पहले से ही पूरी तैयारी रखना आवश्यक है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि बाढ़ आपदा प्रबंधन प्लान सभी जिलों के अधिकारी अपडेट कर लें। दूरस्थ अंचलों में दवाइयों की व्यवस्था करें। पशुधन की सुरक्षा एवं जनहानि रोकने आदि के लिए पूर्वानुमान लगाकर व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें। बाणसागर से पानी छोड़ने के 24 घंटे पूर्व जिला कलेक्टरों को सूचना जरूर दे दी जाये। लोगों को सुरक्षित स्थान पर रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कराना सुनिश्चित करें। नगर निगम आयुक्त नगरीय क्षेत्रों की साफ-सफाई करा लें। अतिवृष्टि होने पर नगरीय निकाय के निवासियों को परेशानी नहीं हो। बाढ़ आने पर नुकसान कम से कम करने का प्रयास करें। बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए पूर्व से बैठकें करना सुनिश्चित करें। मानव निर्मित सम्स्याओं की वजह से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। सभी अधिकारी अनिवार्य रूप से अपने निर्धारित मुख्यालय में रहें जिससे आपदा की सूचना मिलने पर तत्परता से कार्यवाही की जा सके। मुख्यालय में न रहने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने निर्देश दिए कि बाढ़ आपदा रोकने के लिए सूचना तंत्र विकसित करें और समय पर सूचना दें। जिला स्तरीय बाढ़ कंट्रोल रूम तथा पुलिस कंट्रोल रूम आपस में नियमित रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। बाणसागर परियोजना तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़कर जिला प्रशासन को नियमित रूप से बाढ़ एवं वर्षा के संबंध में जानकारी दें। सूचनायें देने के लिए वायरलेस सेट तथा अन्य साधनों का भी उपयोग करें। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में जर्जर भवनों को चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही करें। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान बचाव कैसे किया जाये इस संबंध में जागृति लाना जरूरी है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को बाढ़ से बचाव के लिए जागरूक करें। खाद्य विभाग वर्षा में पहुँच विहीन स्थानों पर राशन पहुँचाना सुनिश्चित करे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्याप्त दवाओं की व्यवस्था कर ली जाये। भविष्य में बाढ़ की स्थिति से निपटने पूरी तैयारी रखें। उन्होंने बैठक में उपस्थित जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षक, आयुक्त नगर निगम, अपर कलेक्टर, एसडीएम, स्वास्थ्य, खाद्य, जल संसाधन, बीएसएनएल आदि विभागों के अधिकारियों से बारी-बारी से चर्चा की। उपस्थित अधिकारियों ने बाढ़ आपदा प्रबंधन के संबंध में अपने जिले की कार्ययोजना के संबंध में जानकारी दी।
पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर ने कहा कि समय रहते यदि हमने बाढ़ से बचाव की तैयारी कर ली तो हम बाढ़ के संकट को दूर करने में सफल होंगे। कंट्रोल रूम के साथ बिजली विभाग तथा नगर निगम के दल भी तैनात रहें। इनके पास सभी आवश्यक उपकरण एवं वाहन उपलब्ध रहें। किन नदियों के कारण कहां-कहां बाढ़ आती है ऐसे स्थानों को चिन्हित कर लें। गोताखोरों की व्यवस्था कर लें। इस कार्य में ग्रामीणों की भी मदद लें। हर थाना प्रभारी तैराकों की सूची तैयार कर लें। राहत शिविरों के लिए शौचालय, शुद्ध पेयजल एवं बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित करें। नालों की सफाई अच्छी तरह कराई जाये। इस कार्य में अभियान के तौर पर जुट जायें।
बैठक में कलेक्टर रीवा बसंत कुर्रे तथा कलेक्टर सीधी रवीन्द्र चौधरी ने बाढ़ राहत एवं बचाव के लिए किये गये प्रबंधों की जानकारी दी। बैठक में पुलिस उप महानिरीक्षक अनिल सिंह कुशवाह, डीआईजी शहडोल, सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीवा अर्पित वर्मा, एडीएम इला तिवारी, राजस्व अधिकारी, आयुक्त नगर निगम, मुख्य अभियंता जल संसाधन, मुख्य अभियंता बाणसागर परियोजना, कमाण्डेंट होमगार्ड तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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