राष्ट्रीय लोक अदालत में 2735 प्रकरणों में 5 करोड़ 75 लाख 67 हजार के अवार्ड पारित

रीवा 08 फरवरी 2020. जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री ए.के. सिंह ने एडीआर सभागार में सरस्वती माता के चित्र में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आये प्रकरणों में समझौता एवं सहमति के आधार पर दोनों पक्षों को संतुष्ट करने का प्रयास किया जाता है। समाज को समझौता एवं सहमति के आधार पर यदि हम संतुष्ट करने में सफल हो जाते हैं तो यह समाज की सबसे बड़ी सेवा है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि जीवन का लक्ष्य है कि हम स्वयं प्रसन्न रहे और दूसरों को प्रसन्न रखें। जो आपके पास है वही आप दूसरों को दे सकते हैं। दु:खी व्यक्ति तो लोगों को दुख ही दे सकता है क्योंकि उसके पास वही है। लोगों को सुख एवं संतुष्टि देना ही लोक अदालत का उद्देश्य है। लोक अदालत में आये प्रकरणों के निर्णय से दोनों घरों में दीपक जलता है। वास्तविक न्याय तो ऊपर वाला ही करता है हम तो केवल माध्यम हैं और अपनी सीमाओं से बधे हुये है।
पुलिस अधीक्षक आबिद खान ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि न्यायाधीश न्याय करते हैं जस्टिस नहीं करते। लोक अदालत में आपसी समझौता, समन्वय तथा संतुष्टि की बात बताकर अधिकतम प्रकरण निपटाया जाना चाहिए। इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को न्याय मिलता है। उन्होंने कहा कि ऐसी तकनीक विकसित की जाय कि लोक अदालत में आया व्यक्ति संतुष्टि एवं प्रसन्नता के भाव से वापस घर जाये। न्याय की भी एक तकनीक है उसे अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में भी परिवार परामर्श केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से काउसलर द्वारा टूटते परिवारों को जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया जाता है। कार्यक्रम में न्यायाधीश वाचस्पती मिश्रा, नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव, अपर कलेक्टर श्रीमती इला तिवारी, प्रधान न्यायाधीश वाचस्पति मिश्रा, विशेष न्यायाधीश उमेश पांडव, सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण राघवेन्द्र सिंह चौहान, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश गिरीश दीक्षित, द्वितीय अपर न्यायाधीश संजीव सिंघल, तृतीय अपर जिला न्यायाधीश सुधीर सिंह राठौड, चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीश विपिन कुमार लावनिया, पंचम अपर जिला न्यायाधीश तजिंदर सिंह अजमानी, षष्ठम अपर जिला न्यायाधीश हितेन्द्र कुमार मिश्रा, सप्तम अपर जिला न्यायाधीश सुबोध कुमार विश्वकर्मा, नवम् अपर जिला न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार गुप्ता, ग्यारहवें अपर जिला न्यायाधीश मुकेश यादव, बारहवें अपर जिला न्यायाधीश सुश्री महिमा कछवाहा, तेरहवे अपर जिला न्यायाधीश उपेन्द्र देशवाल, अष्ठम अपर जिला न्यायाधीश आसिफ अब्दुल्लाह, योगीराज पाण्डेय सीजेएम, तथागत याज्ञनिक, कमलनाथ जयसिंहपुरे, महेन्द्र कुमार उइके, शशांक सिंह, अनुपम तिवारी, श्रीमती रीतिका शर्मा, सुश्री श्वेता परते, सुश्री कंचन चौकसे, सुश्री रेशमा खातून, श्रीमती राखी साहू, मनोरम तिवारी, उत्कर्षराज सोनी न्यायाधीश, विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा, डॉ. विवेक द्विवेदी, जीतेन्द्र द्विवेदी, चन्द्रकांत चतुर्वेदी, जीतेन्द्र भट्ट एवं अभिषेक नायक उपस्थित थे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में आज 2735 प्रकरणों में 5 करोड़ 75 लाख 67 हजार 129 रूपये के अवार्ड पारित किये गये हैं। 60 दाण्डिक प्रकरणों में 4 लाख 65 हजार, चेक बाउंस के 80 प्रकरणों में एक करोड़ 3 लाख 51 हजार 761 रूपये, मोटर क्लेम के 88 प्रकरणों में 2 करोड़ 14 लाख 53 हजार 500 रूपये, सिविल के 36 प्रकरणों में एक करोड़ 21 लाख 54 हजार 900 रूपये का अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार विद्युत के 171 प्रकरणों में 17 लाख 38 हजार 416 रूपये, विद्युत के 470 प्रीलिटिगेशन के प्रकरणों 21 लाख 43 हजार 238 रूपये, बैंक प्रीलिटिगेशन के 822 प्रकरणों में 65 लाख 51 हजार 559 रूपये, जल कर के प्रीलिटिगेशन के 765 प्रकरणों में 13 लाख 46 हजार 301 रूपये के अवार्ड पारित किये गये। 227 अन्य प्रकरणों में 5 लाख 77 हजार 457 रूपये का अवार्ड पारित किया गया। लोक अदालत में 14 परिवारिक विवाद के प्रकरणों का भी निराकरण किया गया।

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