उपचार सेवाएं और स्वास्थ्य सूचकांक दोनों बेहतर करें – कलेक्टर
रीवा 16 जनवरी 2020. कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर बसंत कुर्रे ने स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य विकास के आधार हैं। जिले भर में उपचार सेवाएं बेहतर करें। विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों से जुड़ी जानकारियों की समय पर फीडिंग करायें। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी तभी स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार होगा। विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की सघन मानीटरिंग करें। पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी से कार्य करने तथा सतत निगरानी से ही व्यवस्थाओं में सुधार होगा। कलेक्टर ने परिवार कल्याण कार्यक्रम की कम उपलब्ध पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसके प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये। बैठक में पल्स पोलियो अभियान की तैयारियों, कुपोषण नियंत्रण, टीकाकरण कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान भारत योजना तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रण उपायों की भी समीक्षा की गई।
कलेक्टर ने कहा कि संपूर्ण टीकाकरण अभियान की मानीटरिंग ठीक से नहीं की जा रही है। जिसके कारण सभी बच्चों को समय पर टीके नहीं लग पा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं का समय पर पंजीयन एवं टीकाकरण सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय को स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर गर्भवती महिलाओं के समय पर पंजीयन कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि महिलाओं की नियमित जांच यदि होगी तथा संस्थागत प्रसव होगा तो किसी तरह की कठिनाई नहीं आयेगी। हाई रिस्क प्रसव वाली 203 महिलाएं चिन्हित की गई हैं। इनकी सतत निगरानी करें उपचार के अभाव में किसी की मौत नहीं होनी चाहिए।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास मिलकर परिवार कल्याण कार्यक्रम की लक्ष्य पूर्ति के प्रयास करें। इसके लिए अन्य विभागों का भी सहयोग लें। मैदानी कर्मचारियों को हर सप्ताह के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। अभी तक 16295 ऑपरेशन के लक्ष्य के विरूद्ध केवल 5298 ऑपरेशन हुये हैं। नियमित रूप से शिविर लगाकर तथा लक्षित दम्पत्तियों को प्रोत्साहित करके परिवार कल्याण के लक्ष्य प्राप्त करें। इसकी जिला तथा विकासखण्ड स्तर से सतत समीक्षा करें। कलेक्टर ने कहा कि हाई रिस्क प्रसव वाली महिलाओं की यदि उचित देखभाल करेंगे तो मातृ मृत्यु दर पर नियंत्रण होगा। इसी तरह शिशुओं को समय पर संपूर्ण टीकाकरण कराने पर शिशु मृत्यु दर नियंत्रण होगा। जिन क्षेत्रों में टीकाकरण का प्रतिशत कम है वहां विशेष ध्यान दें।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. पाण्डेय ने विभागीय कार्यों के साथ अधत्वनिवारण, क्षय नियंत्रण, मिशन इन्द्रधनुष, टीकाकरण अभियान तथा बाल ह्दय उपचार योजना की जानकारी दी। बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बी.के. अग्निहोत्री, जिला क्षय अधिकारी बी.एल. मिश्रा, डॉ. करण जोशी, डीपीएम आरसीएच सुनील अवस्थी सभी बीएमओ, बीपीएम तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।