फसलों को कीट-व्याधि से बचाव की सलाह

रीवा 07 जनवरी 2020. मौसम में लगातार हो रहे परिवर्तन के कारण फसलों पर कीट-व्याधि का प्रकोप हो सकता है। उप संचालक कृषि ने किसान भाईयों को फसलों पर कीट-व्याधि के प्रकोप से बचाव की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि गेंहू की फसल में यदि जड़माहू अथवा दीमक का प्रकोप होता है तो पौधे पीले पड़ जाते हैं। ऐसे में क्लोरो पायरीफॉस 20 ईसी दवा एक लीटर पानी में मिलाकर उसे 20 किग्रा रेत के साथ छिड़काव करें। इसके बाद गेंहू में हल्की सिंचाई करें। सिंचित गेंहू की फसल में सिंचाई के बाद 25 से 30 किग्रा यूरिया का प्रति एकड़ छिड़काव करें। अद्र्ध सिंचित गेंहू में 15 से 20 किग्रा यूरिया का छिड़काव करें। गेंहू की अच्छी फसल के लिए ऊर्वरक एनकेपी 18-18-18 का 750 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
उप संचालक ने बताया कि चना एवं मसूर की फसलों में इल्ली का प्रकोप हो सकता है। इससे बचाव के लिए इमामेकटीन बेन्जोएट 5 प्रतिशत दवा का 80 ग्राम का घोल बनाकर छिड़काव करें। सरसों तथा अन्य फसलों में माहू नियंत्रण के लिए थायो मेक्थाजाम 25 प्रतिशत डब्ल्यूसीजी 100 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें। मटर में पत्तियों एवं फलियों में काले भूरे धब्बे बनने पर कार्बेडाजिम 12 प्रतिशत अथवा मेकोजेब 63 प्रतिशत दवा की दो ग्राम मात्रा एक लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

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