विकास की धारा में दिव्यांगजनों की भी भागीदारी सुनिश्चित हो – कमिश्नर डॉ. भार्गव

विश्व विकलांग दिवस पर ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ भव्य कार्यक्रम

रीवा 03 दिसम्बर 2019. विश्व विकलांग दिवस पर कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने इस अवसर पर कहा कि दिव्यांगजनों को दया के भाव से नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि उन्हें समाज के अन्य लोगों की तरह प्यार, मोहब्बत, इज्जत और सम्मान देना चाहिए। दिव्यांगजनों की खुशी में ही हमारी खुशी है। देश के विकास की धारा में उनकी भी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि दिव्यांगजनों को भी सामान्य व्यक्तियों की तरह जीने का अधिकार है। हम सबको समाज में सकारात्मक माहौल बनाकर व्यापक स्तर पर दिव्यांगजनों के प्रति चेतना जागृत करने और सम्मान के साथ उनके मानवाधिकारों की रक्षा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों में प्रतिभा, क्षमता और कौशल की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता है उनके अंतस में छुपी प्रतिभा को निखारने एवं मंच प्रदान करने की। आज का दिन हमारे दिव्यांग बंधुओं के सशक्तीकरण, सहभागिमा बढ़ाने, व्यापक चेतना जागृत करने का संकल्प दिवस है। उन्होंने कहा कि समाज जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, उसी तेजी से दिव्यांग बंधु भी कदम से कदम मिलाकर चल सकें इसकी आवश्यकता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि दुनिया के सभी देशों में दिव्यांगता एक बड़ी चुनौती है, लेकिन विकसित राष्ट्रों के मुकाबले में हमारे देश में दिव्यांगजनों के प्रति सामाजिक चेतना का स्तर बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता से पीड़ित व्यक्तियों के चेहरे पर मुस्कान लाने का कार्य करें। उन पर हंसे नहीं, उनका मजाक हीं बनाएं बल्कि उन्हें सम्मान और प्यार दें। उन्होंने कहा कि अपनी खुशियों के साथ-साथ दूसरों को भी खुशियां देने की कोशिश करें। यह संसार गूंज की तरह है। हम जैसा दूसरों को देते हैं, वैसा ही हमें उनसे मिलता है। यदि हम प्यार बांटेगे तो प्यार मिलेगा, नफरत बांटेंगे तो नफरत मिलेगी, दुख देंगे तो दुख और आनंद देंगे तो आनंद मिलेगा। उन्होंने कहा कि इंसान को इंसान के काम आना चाहिए। अपनी इंसानियत का परिचय देते हुए दूसरों की मदद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान की संकल्प शक्ति सबसे बड़ी शक्ति होती है। इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद भी नये कीर्तिमान लिखे हैं। सूरदास, मलिक मोहम्मद जायसी, सुधा चंन्द्रन आदि ऐसे महान व्यक्तित्व हुए हैं जिनके लिए दिव्यांगता बाधक नहीं बनी। उन्होंने कहा कि बुलंद हौसले रखकर अपनी मंजिल प्राप्त करने की कोशिश करें। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने विश्व विकलांग दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को सम्मानित किया। उन्होंने दिव्यांगजनों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना की। कार्यक्रम के आयोजन में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से दिए गए सभी के सहयोग का उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में कमिश्नर डॉ. भार्गव की धर्म पत्नी श्रीमती आशा भार्गव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल, पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन चंचल शेखर, कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव, एसपी आबिद खान, संयुक्त आयुक्त पीसी शर्मा, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण अनिल दुबे, उप संचालक सतीश निगम, प्राचार्य नेत्रहीन विद्यालय रमेश कुमार त्रिपाठी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी, व्यवसायी, स्वयंसेवी, दिव्यांग छात्र-छात्राएं अभिभावकगण आदि उपस्थित थे।
विश्व विकलांग दिवस पर निकाली गई ऐतिहासिक रैली – विश्व विकलांग दिवस पर दिव्यांगजनों की ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व रैली निकाली गई जिसका शुभारंभ प्रात: 10 बजे मेडिकल कॉलेज परिसर से हुआ। जहां से यह रैली हॉस्पिटल चौराहा, प्रकाश चौक, शिल्पी प्लाजा, कॉलेज चौराहा होते हुए कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम पहुंची। कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। वह स्वयं भी रैली में शामिल हुए और पूरे समय पैदल चलकर रैली का नेतृत्व किया। रैली का जगह-जगह समाजसेवी, व्यापारिक एवं स्वयंसेवी संगठनों ने स्वागत किया।

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