संवेदनशीलता और सहिष्णुता मानवियता का सबसे बड़ा गुण
संवेदनशीलता और सहिष्णुता मानवियता का सबसे बड़ा गुण
गत दिवस पुलिस प्रशिक्षण शाला रीवा में व्याख्यान शामिल हुए प्रदेश भर से चयनित 600 कैडेट्स
रीवा पुलिस प्रशिक्षण शाला में आयोजित सेमिनार के दौरान व्याख्यान में अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्य आनंद संस्थान अध्यात्म मंत्रालय की जिला इकाई के सदस्य डॉ मुकेश येंगल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि धूल में किसी प्रकार का पौधा नहीं पनप सकता और वही मिट्टी की नमी में हर प्रकार के पौधे को विकसित करने समाहित कर बांधने और पल्लवित करने का गुण होता है। उसी प्रकार किसी भी मनुष्य के हृदय में यदि प्यार ,अपनत्व, सहिष्णुता, संवेदनशीलता मौजूद है तो तय है कि उसमे मानवियता के समस्त गुणों का समावेश होता होता चला जाएगा अन्यथा इन सब के अभाव में कोई भी व्यक्ति का जीवन केवल धूल के समान ही होगा ।उन्होंने कहा कि सहिष्णुता और संवेदनशीलता का होना मानवियता का सबसे बड़ा गुण है ।सेमिनार में डीएसपी जितेंद्रसिंह, सीनियर इंस्पेक्टर रेखा सिंह, श्रीमती अंजू ,सहायक निरीक्षक रमेंद्र शुक्ला और जयदीप सिंह सहित मध्य प्रदेश के चयनित लगभग 600 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे ।राज्य आनंद संस्थान अध्यात्म मंत्रालय की जिला इकाई के संपर्क व्यक्ति डॉक्टर मुकेश येंगल ने कहा कि यह पेड़ पौधे प्रकृति हमें बहुत कुछ सिखाती है दृढ़ता सहनशीलता परोपकार विनम्रता समभाव और इसके साथ-साथ दूषित वायु स्वयं ग्रहण कर हमें जीवनदाता ऑक्सीजन प्रदान कर रही है ।इसलिए हमें प्रकृति के करीब रहकर उनके गुणों को आत्मसात करना चाहिए आज एक बड़ा जनमानस प्रकृति और इन गुणों से दूर होता जा रहा है इसी कारण दिल दिमाग में कटुता घुलती जा रही है ।प्यार अपनत्व की बजाय क्रोध, क्रूरता, कुंठा एकाकीपन का समावेश होता जा रहा है ।मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही है आने वाली पीढ़ी और समाज के हित में यह बिल्कुल ठीक नहीं है। डॉक्टर एंगल ने कहा कि पुलिस की ड्यूटी 24 घंटे की होती है इसलिए वह सर्वाधिक दबाव और तनाव में काम करते हैं और ऐसी स्थिति किसी के लिए भी उचित नहीं कही जा सकती इसके बावजूद हमें दबाव और तनाव से बचने के लिए प्रकृति को मित्र बनाना होगा और उसके करीब रहकर ही हम अपने मानवीय गुणों के अनुरूप संयमित कर सकते हैं इस अवसर पर डीएसपी जितेन्द्र सिंह एवं सीनियर इंस्पेक्टर रेखा सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ निरीक्षक अंजू कोरी ने किया।