डिजिटल इण्डिया के तहत पंचायतों में संचालित किये जायेंगे महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र
आमजनों को उचित दर पर मिलेंगी शासकीय सेवाएं एवं वांछित जानकारी
कमिश्नर ने केन्द्रों के संचालन के संबंध में दिये आवश्यक निर्देश
रीवा 15 नवम्बर 2019. राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत भारतीय संविधान के 73वें एवं 74वें संशोधन की अनुसूची 10 के अनुपालन में त्रि-स्तरीय पंचायतों के माध्यम से आम आदमी को सेवाएं उपलब्ध कराया जाना है। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल इण्डिया अंतर्गत अब प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र संचालित किये जायेंगे। इसका उद्देश्य समस्त शासकीय कार्यालयों की सेवाएं एवं वांछित जानकारी कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से उचित दर पर आम आदमी को उपलब्ध कराना है, जिससे पारदर्शिता, सक्षमता और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।
इस संबंध में कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने बताया कि भारत सरकार, पंचायतीराज मंत्रालय, सीएससी एवं ई-गवर्नेंस इण्डिया लिमिटेड के मध्य हुए अनुबंध के आधार पर मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र संचालित किये जायेंगे। इन केन्द्रों का संचालन प्रदेश में दो हजार पांच सौ से अधिक जनसंख्या एवं पंचायत सखी की उपलब्धता वाली ग्राम पंचायतों में किया जायेगा। पायलट प्रोजेक्ट स्वरूप प्रथम चरण में पांच हजार ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र संचालित करने के लिए सीएससी एवं ई-गवर्नेंस इण्डिया लिमिटेड को कार्यादेश जारी किया गया है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों के परिपालन में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्रों को संचालित करने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही मैदानी स्तर पर समय-सीमा के पूर्व पूर्ण करवाना सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि आगामी 19 नवम्बर को कम से कम एक महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र का शुभारंभ संबंधित जिले के माननीय प्रभारी मंत्री से पूर्ण गरिमा एवं आयोजन के साथ करायें। उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र ग्राम पंचायत में उपलब्ध ई-पंचायत कक्ष अथवा पंचायत भवन में संचालित किये जायेंगे। इसके संचालन के लिए ब्रााडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी, विद्युत कनेक्शन, टेबल-कुर्सी, बैनर आदि की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा सुनिश्चित करायें। जिन स्थानों पर पंचायत भवन नहीं हैं ऐसी स्थिति में सुविधा अनुसार अन्य शासकीय भवनों पर विचार किया जा सकेगा।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा है कि राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायतों को पूर्व से ही कम्पयूटरीकृत कर ई-पंचायत में परिवर्तित किया जा चुका है, जिनमें कम्प्यूटर हार्डवेयर, पिं्रटर, स्कैनर, यूपीएस, एलईडी टीवी भी स्थापित किये जा चुके हैं। पंचायतों को प्रदाय की गई इन्हीं सामग्रियों का उपयोग महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र के लिए किया जायेगा। सामग्री की मरम्मत आदि का कार्य सीएससी तथा ई गवर्नेंस इण्डिया लिमिटेड द्वारा ही किया जायेगा। इसके लिए ग्राम पंचायत किसी प्रकार का कोई भुगतान न करें। महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र को संचालित करने के लिए निर्देशानुसार अधिक से अधिक महिलाओं की सहभागिमा सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिए पंचायत सखी को विलेज लेवल इन्टरप्रन्योर के रूप में कार्य करने हेतु रखे जाने का निर्णय लिया गया है। इन्हें सीएससी एवं ई-गवर्नेंस इण्डिया लिमिटेड द्वारा कार्य के लिए रखा जायेगा और समय-समय पर जिला, जनपद एवं पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य करने के बदले में उन्हें मानदेय अथवा पारिश्रमिक भी दिया जायेगा।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने बताया कि महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र के द्वारा आम जनों को जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, खसरा, नक्शा की सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। इन केन्द्रों में कोर बैंकिंग, डाक सेवाएं, केबल मनोरंजन सेवाएं, ट्रेन, बस, हवाई जहाज यात्रा टिकिट की बुकिंग, परीक्षा परिणाम, हितग्राहियों को भुगतान आदि की सेवाएं निर्धारित शुल्क में दी जायेंगी। इन केन्द्रों में केन्द्र एवं राज्य शासन से संबंधित समस्त जानकारियां, पंचायतीराज द्वारा विकसित सॉफ्टवेयरों की जानकारी प्रविष्टि करना, मनरेगा के साफ्टवयेर में जानकारी प्रविष्ट करना तथा समय-समय पर शासन द्वारा वांछित जानकारी भी उपलब्ध करायी जायेंगी।