दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करें – मंत्री श्री पटेल

रीवा संभाग को बाधारहित संभाग बनायें – कमिश्नर डॉ. भार्गव
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की संभागीय कार्यशाला संपन्न

रीवा 22 अक्टूबर 2019. मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल के मुख्य आतिथ्य में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की संभागीय कार्यशाला कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव द्वारा की गई। कार्यशाला में कलेक्टर रीवा ओमप्रकाश श्रीवास्तव सहित कलेक्टर सीधी, सतना, सिंगरौली, जिला एवं जनपद पंचायतों के सीईओ तथा विभिन्न विभागों के संभागीय व जिला अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के हित में रीवा संभाग में कमिश्नर डॉ. भार्गव के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण पहल की गई है जो सराहनीय है। बहुत से दिव्यांगजन हैं जिन्हें अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है। इनको अधिकार दिलाने के लिए सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन अच्छे ढंग से करें। दिव्यांगजनों के हित में बनाई गई योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक ढंग से करें। दिव्यांगों की मदद और उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उनके प्रति अच्छा व्यवहार रखें। कोई भी असहाय व निराश्रित दिव्यांग को यह महसूस नहीं हो कि वह समाज से वंचित हैं। दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कोई कमी नहीं रहने दें। अपनी सोच अच्छी रखें और जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि दूसरों का हित करने में ही हमारी भलाई है। अत: दिव्यांगों के कल्याण और उत्थान के लिए कोई कमी नहीं रहने दें। मुख्य अतिथि ने दिव्यांगजनों को चलने के लिए स्मार्ट स्टिक भी प्रदान किए।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि आज की कार्यशाला मानवीय पहलू से जुड़ी हुई है। दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें एवं उनके प्रति सकारात्मक माहौल बन सके इस उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई है। हम प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को मानव अधिकार दिवस मनाते हैं। जो अधिकार सभी मानवों को प्राप्त हैं वही अधिकार दिव्यांगजनों को भी प्राप्त हैं। हमारी आबादी का 2.3 प्रतिशत जनसंख्या दिव्यांगजनों की है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के कल्याण के लिए शासन स्तर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के परिणामस्वरूप दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम क्रियान्वित किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को आवागमन में कोई असुविधा न हो, उनके लिए सुगम शौचालय की व्यवस्था हो। दिव्यांगजन के प्रति भेदभाव न हो इसके लिए सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की जरूरत है। रीवा संभाग को बाधा रहित संभाग बनाने की दिशा में प्रयास करें। दिव्यांगजन समाज के मुख्य अंग हैं। इनको सभी तरह की सुविधायें उपलब्ध कराना हमारा मकसद होना चाहिए।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज हमारी आँखें हैं। आँखों के प्रति लापरवाह न रहें उनकी नियमित रूप से जांच कर आँखों के रोगों से बचने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार रैम्प बनवाये जायें। उन्होंने समारोह पूर्वक कृत्रिम अंग और उपकरण वितरित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने पोलियो करेक्टिव सर्जरी शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेडीकल बोर्ड निर्धारित दिवस में बैठे और कोई दिव्यांगता प्रमाण पत्र से वंचित न रहे। उन्होंने दिव्यांगजनों के विवाह के पंजीयन करने और दिव्यांगों को सुगमतापूर्ण वातावरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक विकासखंड स्तर पर दिव्यांगजनों के लिए शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इच्छा शक्ति, सद्भावना और दायित्व बोध हमारे मन में होगा तो दिव्यांगों के प्रति अच्छा वातावरण बनेगा। उन्होंने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिलाने के लिए पहल करें। उन्होंने कहा कि कोई बच्चा जन्म से विकलांग नहीं हो इसके लिए प्रयास करें। दिव्यांगों को पात्रतानुसार शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में दिव्यांग रजिस्टर संधारित करने के निर्देश दिए।
कार्यशाला में संभाग के सभी कलेक्टरों ने अपने जिले में दिव्यांगों के हित में किए जा रहे कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया। कार्यशाला में डॉ. रामनरेश पटेल, रमेश त्रिपाठी, श्रद्धा तिवारी, शशि जैन सहित अन्य लोगों ने सहभागिता कर अपने विचार व्यक्त किये।

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