जीवन का दूसरा नाम संघर्ष है, जिसे लड़ना ही पड़ेगा – कमिश्नर डॉ. भार्गव

गणित-विज्ञान मेला में कमिश्नर ने प्रतिभागियों को किया प्रेरित
रीवा 21 अक्टूबर 2019. गणित विज्ञान मेला नई प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है, जिसके माध्यम से हमारी तरूणाई अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए नवाचार के माध्यम से स्वर्णिम भारत की रचना तैयार करने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर सके। उक्त आशय के उद्गार कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने विद्याभारती द्वारा आयोजित क्षेत्रीय गणित-विज्ञान मेला के उद्घाटन अवसर पर सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेलमार्ग के रोशनलाल सक्सेना सभागार में मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किये। उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि अपनी ऊर्जा को राष्ट्र के निर्माण में लगायें। उन्होंने गणित और विज्ञान की उपादेयता को स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारे प्राचीन इतिहास में आर्यभट्ट, बराहमिहीर, रामनुजन जैसे गणितज्ञों की महानता के कारण भारत विश्व गुरू के रूप में दुनिया में पूजा जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. सीवी रमन की खोज ने दुनिया के वैज्ञानिकों के समक्ष एक मिशाल कायम की।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने बच्चों से नैतिक मूल्यों के संबंध में कहा कि नैतिक मूल्यों का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। नैतिक मूल्यों के बिना मनुष्य अर्थहीन हो जाता है। कामयाबी की चर्चा में उन्होंने कहा कि गुलाब की सुगंध उसकी उपस्थिति का अहसास कराती है और गुलाब कांटों के बीच ही खिलता है। जिसका तात्पर्य संकटों और समस्याओं का सामना करने पर ही सफलता मिलती है। संग्राम जिंदगी है, लड़ना उसे पड़ेगा, जो लड़ नहीं सकेगा, आगे नहीं बढ़ेगा। अर्थात जीवन का दूसरा नाम संघर्ष ही है। डॉ. अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि वह एक सामान्य परिवार से संबंध रखते थे, परन्तु अपनी विलक्षण क्षमता, लगन, समर्पण एवं कांटों के बीच संघर्ष करते हुए सफलता के उच्चतम पायदान पर पहुंचे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अंजनी कुमार त्रिपाठी ने नवाचार के प्रयोग के संदर्भ में कहा कि नवाचार का तात्पर्य अपनी आवश्यकताओं एवं परिस्थियों के अनुसार अपने आपको परिवर्तित करने की प्रवृत्ति पक्षियों में भी होती है, हम तो मनुष्य हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता से बड़ा नवाचार का प्रयोग और कोई नहीं करता। उनके प्रयोग के समक्ष सारे वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। इसलिये हम नवाचार के प्रयोग से विज्ञान की बारीकियों को समझने का प्रयास करें। विशिष्ट अतिथि के रूप में विद्या भारती के संगठन मंत्री डॉ. आनंद जी ने उपस्थित प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह गणित-विज्ञान मेला प्रतिभागियों को अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने व उनके मन में वैज्ञानिक चिंतन के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। इन्हीं के हाथों में भी भारत का भविष्य छुपा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के नौजवान वैज्ञानिक दुनिया में कहीं भी जायें, परंतु अपने देश के प्रति समर्पित होने का भाव बना रहे। मंच पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत परिचय विद्यालय के प्राचार्य उमाशंकर पाठक ने कराया। इस अवसर पर डॉ. चन्द्रदेव अस्थाना सदस्य, क्षेत्रीय कार्यकारिणी मध्यक्षेत्र, देवेन्द्र देशमुख वैदिक गणित प्रमुख जितेन्द्र मकराड़िया क्षेत्रीय वैदिक गणित प्रमुख, मध्यक्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता, डॉ. संतोष अवधिया, रवि मिश्रा सूर्य कुमार तिवारी प्रान्त विज्ञान प्रमुख सहित नगर के सभी विद्यालयों के प्राचार्य, प्रतिभागियों, संरक्षक आचार्यगणों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। मंचस्थ अतिथियों का आभार प्रदर्शन व्यवस्थापक रमाकांत शर्मा ने किया।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *