जिस स्तर की शिकायत हो उसी स्तर पर उसका निराकरण करें – मुख्यमंत्री कमलनाथ
जन अधिकार कार्यक्रम की वीडियो कान्फ्रेंसिंग संपन्न
रीवा 13 अगस्त 2019. राज्य शासन द्वारा प्रारंभ किये गयेे महत्वाकांक्षी जन अधिकार कार्यक्रम का आयोजन प्रतिमाह किया जा रहा है। इसी क्रम में उक्त कार्यक्रम के तहत मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल से मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में स्थानीय एनआईसी कक्ष में कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव, आईजी चंचल शेखर, कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव, डीआईजी अविनाश शर्मा, पुलिस अधीक्षक आबिद खान, आयुक्त नगर निगम सभाजीत यादव, नवागत सहायक कलेक्टर शिशिर गेमावत, अपर कलेक्टर इला तिवारी, संयुक्त आयुक्त पीसी शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के आवेदकों की समस्याओं का निराकरण किया। उन्होंने कहा कि जिन शिकायतों का निराकरण जिस स्तर पर हो सकता है उसी स्तर पर उनका निराकरण सुनिश्चित किया जाये। जो शिकायतें राजधानी भोपाल स्तर की हों वही शिकायतें भोपाल तक आयें। अत: तहसील, जिला और संभाग स्तर की शिकायतों का निराकरण उसी स्तर पर किया जाना सुनिश्चित करें। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा की गई। जिसमें बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पहले पांच जिलों में संभाग का सिंगरौली जिला शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलावटखोरी के विरूद्ध पूरे प्रदेश में मुहिम जारी रहे। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश को मिलावट रहित राज्य बनाया जाये। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी परंपरागत वर्क कल्चर को भुलाकर नये वर्क कल्चर के अनुसार कार्य में जुटे। जिससे पूरे प्रदेश में सुशासन की परिकल्पना साकार हो सके। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अध्यादेश के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। मध्यप्रदेश अनुसूचित साहूकार अधिनियम एवं वित्तीय समावेशन के संबंध में भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय कार्यों में सुझाव व सुधार के लिए सभी अधिकारी स्वतंत्र हैं। वे स्वयं मुझे सुझाव एवं सुधार के विषयों से अवगत करा सकते हैं।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के बाद कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. भार्गव ने कहा कि सभी अधिकारी सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि सभी शासकीय कार्यालयों में निर्धारित मानक के अनुसार दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए रैम्प बनवाये जायें। उन्होंने रैम्प बन जाने के बाद प्रमाण पत्र भेजने की भी बात कही।