शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास करें – कलेक्टर रीवा

रीवा 15 जुलाई 2019. जिले में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव की विशेष पहल पर जिले के चुने गये 151 स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति, परीक्षा परिणामों, शिक्षकों की कार्य क्षमता बेहतर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों को गति देने के लिए कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अर्पित वर्मा ने दो स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने शिक्षकों तथा विद्यार्थियों से चर्चा करके शिक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। निरीक्षण के समय प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती श्रीवास्तव, सहायक संचालक शिक्षा आरसी मिश्रा, बीआरसी प्रवेश तिवारी तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने शासकीय प्रवीण कुमारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण करते हुये वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कलेक्टर ने कहा कि प्राचार्य तथा शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास करें। एक परिसर एक शाला के आदेश का पालन करायें। शिक्षकों के प्रशिक्षण तथा उन्हें प्रेरित करने के लिए नियमित रूप से कार्यक्रम आयोजित करायें। कलेक्टर ने विद्यार्थियों की मूल्यांकन पुस्तिका का भी निरीक्षण किया। कई विद्यार्थियों की मूल्यांकन पुस्तिकाओं में किसी भी शिक्षक के हस्ताक्षर नहीं पाये गये। कई मूल्यांकन पुस्तिकाओं में शिक्षकों ने विद्यार्थी द्वारा दर्ज की गई जानकारी को बिना जांचे ही हस्ताक्षर किये हुये थे। कलेक्टर ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुये संबंधित शिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने शिक्षकों को भी कड़ी फटकार लगाई।
कलेक्टर के निरीक्षण के समय प्रयोग शाला बंद पायी गई। कलेक्टर ने विभिन्न कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों तथा शिक्षकों से चर्चा की। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश देते हुये कहा कि अच्छी तथा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है भावी पीढ़ी का निर्माण अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कारों से ही होगा।
कन्या शाला बिछिया में मिले कम विद्यार्थी :- कलेक्टर ने अन्य अधिकारियों के साथ माध्यमिक कन्या शाला बिछिया का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शाला में कक्षा एक से 8 तक केवल 90 बच्चे दर्ज पाये गये। इनमें से भी केवल 43 बच्चे उपस्थित थे। शाला में पदस्थ एक शिक्षिका मेडिकल अवकाश तथा दो शिक्षिकायें चाइल्ड केयर लीव पर हैं। सभी कक्षाओं में बच्चों के प्रवेश तथा उपस्थित की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गयी। कलेक्टर ने प्रधानाध्यापक तथा शिक्षकों को निर्देश देते हुये कहा कि घर-घर संपर्क कर शाला जाने योग्य प्रत्येक बच्चे का शाला में प्रवेश करायें। दो शिक्षकों को एक साथ दीर्घकालीन अवकाश स्वीकृत करने पर भी नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने मध्यान्ह भोजन योजना, पुस्तक वितरण योजना, छात्रवृत्ति योजना तथा शिक्षकों के प्रशिक्षण की जानकारी ली।
कलेक्टर ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलों के निरीक्षण के लिए तत्काल 20 दल गठित करें। इन दलों के द्वारा प्रति दिन 50 स्कूलों का निरीक्षण कर निर्धारित प्रपत्र में प्रतिवेदन देने के निर्देश दें। शिक्षा की गुणवत्ता में हरहाल में सुधार किया जायेगा। स्कूलों में आवश्यक संसाधनों की पूर्ति के लिए सीएसआर मद तथा डीएमएफ मद से भी सहायता दी जायेगी। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री वर्मा ने कहा कि निरीक्षण के लिए तैयार किये गये कार्यक्रम का पूरी तरह से पालन करायें। लापरवाह शिक्षकों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। संकुल प्राचार्य, प्राचार्य एवं बीईओ स्कूलों का नियमित रूप से निरीक्षण करें। शिक्षकों के प्रशिक्षण को परिणाम मूलक बनायें।

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