दस्तक अभियान के तहत दर्ज होने से कोई भी बच्चा छूट न पाये – कमिश्नर डॉ. भार्गव
दस्तक अभियान के संबंध में संभागीय समीक्षा बैठक संपन्न
रीवा 08 जून 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने जिला अस्पताल में आयोजित दस्तक अभियान की संभागीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि दस्तक अभियान के तहत ग्राम सभायें आयोजित करने की पूरी तैयारी करना सुनिश्चित करें। दस्तक अभियान 10 जून से प्रारंभ हो रहा है इसी दिन ग्राम सभा का आयोजन करें। आगामी ग्राम सभाओं की तिथियां निर्धारित कर 20 जुलाई तक अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों की पोर्टल में एंट्री करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सीधी कलेक्टर को फोन लगाकर पोर्टल में बच्चों की डाटा एंट्री कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी बीएमओ शत-प्रतिशत बच्चों की एंट्री कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने ब्लॉकवार समीक्षा कर निर्देश दिए कि शत-प्रतिशत एंट्री नहीं होने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जो डाटा एंट्री ऑपरेटर सही ढंग से कार्य नहीं कर रहे हैं तो उनके खिलाफ बीएमओ कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को भी दस्तक अभियान का प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिए।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि दस्तक अभियान में अपना दायित्व समझकर कार्य करें। दस्तक अभियान हमारे नन्हें बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों की जांच कर उनके स्वास्थ्य को अच्छा बनाने में भागीदार बनें। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी दौलत है। स्वास्थ्य के बिना सब कुछ अधूरा है। बच्चे बीमारी से बचेंगे तो हमारे देश का विकास होगा। ईश्वर ने हमें सक्षम बनाया है तो क्यों नहीं हम इस अभियान में अपना सकारात्मक योगदान प्रदान करें। कर्म ही पूजा है इसलिए जो कार्य हमें मिला है उसे अच्छी तरह निभायें। सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से करें। दस्तक अभियान के संबंध में दिये गये निर्देशों का पालन करें। हमारे व्यवहार में संवेदनशीलता दिखनी चाहिए। दस्तक अभियान सिर्फ सरकार का कार्यक्रम बनकर न रह जाये। बल्कि इस अभियान के द्वारा बच्चे बौद्धिक रूप से सम्पन्न हों और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में योगदान करें। यदि हम अच्छा कार्य करेंगे तो इसकी सुखद अनुभूति होती है। अपनी भावनाओं और संवेदनाओं को अच्छा रखकर दिल से कार्य करें जिससे कार्यवाही की जरूरत न पड़े। कोई भी बच्चा अभियान के तहत दर्ज होने से छूट न पाये। समस्याओं और चुनौतियों का सामना करें और लक्ष्य को हर परिस्थिति में प्राप्त करें। यदि मान में ठान लिया जाये तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। अस्पतालों को साफ-सुथरा एवं अच्छा बनायें। नदी के प्रवाह की तरह निरंतर कार्य करते रहने पर ही दस्तक अभियान सफल होगा।
कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने बैठक में अनुपस्थित जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सीधी तथा सिंगरौली, सीएमएचओ सतना, बीएमओ त्योंथर एवं मऊगंज को कारण बाताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों की गलत डाटा एंट्री करने पर नाराजगी व्यक्त की। इसी तरह अभी तक 50 प्रतिशत के आसपास तक ही बच्चों की एंट्री करने वाले देवसर, बैढ़न, चितरंगी, रीवा, गंगेव, नागौद, मैहर, उचेहरा, अमरपाटन बीएमओ पर नाराजगी व्यक्त की।
उल्लेखनीय है कि संभाग में कुल दस लाख तीन हजार छ: सौ 53 बच्चों को दस्तक अभियान के तहत दर्ज किये जाने का लक्ष्य है। जिसमें से रीवा जिले में तीन लाख 49 हजार 938 बच्चे, सतना में तीन लाख 17 हजार 529, सीधी में एक लाख 64 हजार 924 तथा सिंगरौली जिले में एक लाख 71 हजार 202 बच्चों को दस्तक अभियान के तहत दर्ज किया जाना है। संभाग के सीधी जिले में सबसे अधिक 80 प्रतिशत बच्चों को दस्तक अभियान के तहत दर्ज कर लिया गया है जबकि सिंगरौली जिले में सबसे कम 50 प्रतिशत बच्चों का चिन्हांकन ही हो पाया है। वहीं रीवा में 69 प्रतिशत तथा सतना में 57 प्रतिशत बच्चों को दस्तक अभियान के तहत दर्ज किया जा चुका है।
बैठक में क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. एस.के. सालम, संभागीय टीकाकरण अधिकारी डॉ. एनपी पाठक, सिविल सर्जन संजीव शुक्ला सहित संभाग के विभिन्न जिलों के सीएमएचओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, समस्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं बीएमओ उपस्थित थे।
दस्तक दलों की भूमिका निर्धारित – दस्तक अभियान में शामिल दलों की भूमिका निर्धारित कर दी गई है। यह दल ग्राम स्तर पर निर्धारित योजनानुसार शून्य से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों के परिवारों में दस्तक सेवाएं प्रदान करेंगे। एक ग्राम में एक दिवस में न्यूनतम 15 से 20 परिवारों के गृहों में भ्रमण कर दस्तक गतिविधियों का संचालन इन दलों द्वारा किया जायेगा तथा एक परिवार में अधिकतम 20 से 30 मिनट का समय दिया जायेगा। दस्तक अभियान का दर ब्लॉक स्तर से प्राप्त सूची के आधार पर भ्रमण कर रिपोर्टिंग तथा रेफरल सुनिश्चित करेंगे।
दस्तक अभियान में शामिल गतिविधियां – दस्तक अभियान अन्तर्गत कई गतिविधियों को शामिल किया गया है। जिसमें परिचय, अभिवादन, बीमारी की जानकारी लेना, हाथ धुलाई विधि का प्रदर्शन करना, बच्चे का तापमान लेना तथा सांस दर को नापना व जन्मजात विकृति की पहचान करना शामिल है। इसी प्रकार कुपोषण, खून संबंधी आदि जांच भी की जायेंगी। तत्पश्चात आवश्यकतानुसार उपचार कर परामर्श दिया जायेगा और की गई कार्यवाही की पूरी सूची तैयार की जायेगी।
मलेरिया निरोधक माह में मलेरिया नियंत्रण के
उपाय सुनिश्चित करें – कमिश्नर डॉ. भार्गव
मलेरिया से बचाव के लिये जून माह में आयोजित किये जा रहे हैं जागरूकता कार्यक्रम
रीवा 08 जून 2019. वर्षाकाल में मलेरिया का सर्वाधिक प्रकोप होता है। मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी से देश में हर वर्ष हजारों लोगों की मौत हो जाती है। सामान्य सावधानियां बरतकर मलेरिया रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है। रीवा जिले में पूरे जून माह में मलेरिया निरोधक माह मनाया जा रहा है। इस क्रम में जिले भर में विभिन्न आयोजन किये जा रहे हैं। जागरूकता अभियान चलाकर आम जनता को मलेरिया रोग से बचाव एवं नियंत्रण की जानकारी दी जा रही है।
कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने संभाग के समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारियों एवं समस्त जिला मलेरिया अधिकारियों को मलेरिया निरोधक माह में राज्य शासन के निर्देशों के अनुक्रम में मलेरिया नियंत्रण के उपाय की कार्यवाही सुनिश्चित करने एवं आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी शीला सोनकर ने बताया कि मलेरिया माह में सेक्टर स्तर तथा पंचायत स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जिले में मलेरिया से अधिक प्रभावित क्षेत्रों की 40 ग्राम पंचायतों में कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इनमें सरपंच, पंच ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों, आशा तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं अन्य ग्राम स्तरीय कर्मचारियों को मलेरिया से बचाव एवं नियंत्रण की जानकारी दी जा रही है। जिले के हाट बाजारों में प्रदर्शनी लगाकर तथा अन्य माध्यमों से लोगों को मलेरिया नियंत्रण की जानकारी दी जा रही है।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जून माह में जिले के दूरस्थ ग्रामों में मलेरिया की जांच के लिए रैपिड जांच किट तथा मलेरिया उपचार की दवाएं भण्डारित की जा रही हैं। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में खून के नमूने लेकर मलेरिया की जांच का अभियान चलाया जा रहा है। बुखार से पीड़ित रोगियों के खून की जांच की जा रही है। इसके साथ-साथ ब्लॉक स्तर एवं सेक्टर स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं को संक्रामक रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। गावों में स्वास्थ्य समिति के माध्यम से लोगों तक मलेरिया नियंत्रण के संदेश पहुंचाये जा रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जून माह में ग्राम स्तर पर ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इनमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ता तथा आंगनवाड़ी कार्यकताओं को संक्रामक एवं वर्षा जनित रोगों से बचाव की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ-साथ उन्हें बुखार पीड़ितों के खून के नमूने लेने मच्छर नाशक दवा के छिड़काव की भी जानकारी दी जा रही है। पूरे कार्यक्रम की निगरानी के लिए ब्लॉक स्तर पर समितियां गठित की गई हैं। इनके द्वारा जून माह में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की निगरानी की जा रही है।