गृहमंत्री ने सीआईएसएफ को साइबर सुरक्षा खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा
केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को साइबर सुरक्षा खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहने को प्रोत्साहित किया। आज गाजियाबाद में सीआईएसएफ के 47वें संस्थापना दिवस परेड को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रेखांकित किया कि साइबर सुरक्षा खतरा और हैकिंग बड़ी सुरक्षा चिंताओं के रूप में उभर रही हैं क्योंकि साइबर खतरा आतंकवाद का केवल एक नया पहलू है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत विश्व की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और दो वर्षों के भीतर हमारी अर्थव्यवस्था दो ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। इस तथ्य का अनुमान विश्व के अग्रणी अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने लगाया है। उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मन इस बात को पसंद नहीं कर रहे और इसीलिए वे हमारी सामरिक परिसंपत्तियों एवं अहम प्रतिष्ठानों जैसे सॉफ्ट टार्गेट पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीआईएसएफ को हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो, नाभिकीय बिजली संयंत्रों एवं अन्य उच्च मूल्य वाले प्रतिष्ठानों समेत ऐसी ही संवेदनशील परिसंपत्तियों की सुरक्षा का प्रमुख प्रहरी बनने के लिए अपनी मूल क्षमता को बढ़ाना होगा। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुस्कराहट के साथ सुरक्षा के अपने ध्येय के साथ सीआईएसएफ विकास की दिशा में भारत की प्रगति का एक बराबर का साझीदार है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने वाम चरम पंथ प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती समेत विभन्न क्षेत्रों में सीआईएसएफ के पेशेवर रवैये की सराहना करते हुए कहा कि सीआईएसएफ निजी क्षेत्र की 126 कंपनियों को सुरक्षा परामर्श सेवाएं भी प्रदान कर रहा है और इसके परिणामस्वरूप उसने सालाना 7 करोड़ रूपये का राजस्व भी अर्जित किया है। श्री राजनाथ सिंह ने महिला प्रतिनिधित्व के मामले में सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में अग्रणी स्थान बनाये रखने के लिए भी सीआईएसएफ की सराहना की।
समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए सीआईएसएफ के महानिदेशक श्री सुरेंदर सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर सीआईएसएफ हर चार से छह महीनों पर अपनी कमान के तहत विभिन्न परिसंपत्तियों के सुरक्षा लेखा के काम को भी अंजाम दे रहा है। इस अवसर पर, श्री राजनाथ सिंह ने परेड का निरीक्षण किया एवं मार्च पास्ट की सलामी ली। उन्होंने प्रतिभाशाली सीआईएसएफ अधिकारियों एवं जवानों को मेडल प्रदान किए एवं सीआईएसएफ की पत्रिकाओं ‘ सेंटीनल’ एवं ‘संरक्षिका’ का विमोचन भी किया।